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अनुकरणीय कार्यों के लिए नारियां सम्मानित

'महिलाओं की सुरक्षा, प्रोत्साहन और सम्मान सर्वोपरि'

प्रणब मुखर्जी और मेनका गांधी के उद्बोधन

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Thursday 9 March 2017 01:51:27 AM

maneka gandhi

नई दिल्ली। राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस पर नई दिल्‍ली में आयोजित एक विशेष समारोह में भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास कल्याण मंत्रालय के नारी शक्ति पुरस्‍कार-2016 प्रदान किए। ये पुरस्‍कार महिलाओं के प्रयोजन, विशेष रूप से वंचित तथा सीमांत वर्गों की महिलाओं के कल्‍याण की दिशा में विशिष्‍ट सेवाओं को प्रदान करने में उनके प्रयासों की सराहना करते हुए प्रदान किए गए। राष्‍ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि सरकार भी महिलाओं के खिलाफ हिंसक अपराधों की बढ़ती दर से चिंतित है, यह बात क्षमा योग्‍य नहीं है कि महिलाएं उतनी सुरक्षित एवं महफूज नहीं महसूस करती, जितनी उन्‍हें करनी चाहिए। उन्‍होंने कहा कि विद्यालयों तथा उच्‍चतर शिक्षा के संस्‍थानों में बच्‍चों एवं युवाओं को संवेदनशील बनाने पर विशेष जोर दिये जाने से उनमें महिलाओं के प्रति समुचित सम्‍मान की भावना पैदा करने में मदद मिलेगी। उन्‍होंने कहा कि इसे ग्रामीण एवं शहरी आबादी समुचित उपायों तथा सुविचारित एवं समन्वित सरकारी कार्यक्रमों के द्वारा उपयुक्‍त कदम उठाए जाने के जरिये प्रारंभ किया जा सकता है।
राष्‍ट्रपति ने कहा कि अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस पर यह दोहराना महत्‍वपूर्ण है, कि हमारे देश की प्रत्‍येक बालिका एवं महिला को यह भरोसा होना चाहिए कि भारत सरकार उसे एक सक्षमकारी वातावरण उपलब्‍ध कराने के प्रति पूरी त‍रह प्रतिबद्ध है, जो उसे समान अवसर प्रदान करता है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका संजय गांधी ने इस अवसर पर अपने विशेष संबोधन में देश में महिलाओं को मिलने वाले सर्वोच्‍च पुरस्‍कार प्राप्‍त करने वाली महिलाओं को बधाई दी। उन्‍होंने कहा कि इस वर्ष पुरस्‍कारों के चयन का मानदंड वैसे अज्ञात अचीवर्स की असाधारण उपलब्धियों की खोज करना था, जिन्‍होंने अपनी अदम्‍य भावना से नारीत्‍व के साहस को प्रदर्शित किया है। मेनका संजय गांधी ने कहा कि सम्मान प्राप्‍त करने वाली इनमें से प्रत्‍येक महिला की कहानी एक संघर्ष का प्रतिनिधित्‍व करती है, यह ऐसी कहानी है कि जो बताती है कि किस प्रकार उन्‍होंने भीषण बाधाओं के बावजूद अपने दिल की आवाज़ सुनी और अपनी उपलब्धियों की बदौलत अपने समुदाय के जीवन में एक सकारात्मक अंतर पैदा कर दिया।
मेनका संजय गांधी ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की पहलों को रेखांकित करते हुए कहा कि महिलाओं को सशक्‍त बनाने के लिए बड़ी संख्‍या में कदम उठाए गए हैं, जिससे कि वे बड़े स्‍वप्‍न देख सकें और अपनी आकांक्षाएं पूरी कर सकें। उन्‍होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा सर्वोपरि है, जिसके लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं, इन कदमों में देश भर में वन स्‍टॉप केंद्रों के एक नेटवर्क की स्‍थापना करना तथा मोबाइल फोनों में पैनिक बटन का संस्‍थापन शामिल है, जिसे अगले महीने लॉन्‍च किया जाएगा, कार्यस्‍थलों पर महिलाओं के यौन उत्‍पीड़न बचाव, रोकथाम एवं समाधान अधिनियम 2013 के तहत विस्‍तृत दिशा-निर्देशों का निर्माण किया गया है। मेनका संजय गांधी ने कहा कि महिलाओं से प्राप्‍त शिकायतों को एक समर्पित ई-मेल पर प्राप्‍त किया जाता है एवं उनका निपटान एक शिकायत निपटान प्रकोष्‍ठ में किया जाता है, जिसका गठन केवल इसी उद्देश्‍य के लिए किया गया है। मेनका संजय गांधी ने कहा कि सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्मों पर महिलाओं को मिलने वाली हिंसक धमकियों से निपटने के लिए एक अलग तंत्र भी महिला एवं बाल विकास मंत्रालय पर उपलबध है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका संजय गांधी ने ऐसी और अधिक पहलों की जानकारी देते हुए कहा कि पासपोर्ट दिशा-निर्देशों में हाल में संशोधन किया गया है, जिससे कि एकल महिलाएं एवं माताएं खुद के लिए तथा अपने बच्‍चों के लिए पासपोर्ट प्राप्‍त करने में सक्षम हो सकें, ऐसी महिलाओं के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं का विकास किया जा रहा है, जिन्‍हें एनआरआई से शादी करके बुरी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जमीनी स्‍तर पर हमने महिला पुलिस कार्यकर्ता योजना की शुरूआत की है, जिससे कि महिलाओं को इन कार्यकर्ताओं के जरिये सुरक्षित तरीके से स्‍थानीय पुलिस प्राधिकारियों के साथ जोड़ा जा सके। महिला एवं बाल विकास राज्‍यमंत्री कृष्‍णा राज ने भी नारी शक्ति पुरस्‍कार-2016 की प्राप्तकर्ता नारियों को बधाई दी और उम्‍मीद जताई कि वे महिला सशक्तिकरण के ध्‍येय के लिए दूसरों को प्रेरित करने का माध्‍यम बनेंगी। महिला एवं बाल विकास सचिव लीना नायर ने अपने संदेश में कहा कि नारी शक्ति पुरस्‍कार उन लोगों को सम्‍मानित करता है, जिन्‍होंने जटिल परिस्थितियों के बावजूद साहस की भावनाओं का परिचय दिया, यह महिलाओं को सशक्‍त बनाने एवं महिलाओं के मुद्दे उठाने वाले व्‍यक्ति विशेषों के प्रेरणापूर्ण योगदान को भी सम्‍मानित करता है।

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