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स्‍वच्‍छ गंगा के लिए 1050 करोड़ मंजूर

पटना शहर में बनेगा सक्षम सीवेज ट्रीटमेंट ढांचा

दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रहा पटना शहर

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 3 March 2017 02:50:52 AM

efficient sewage treatment in the city of patna

पटना। गंगा को स्‍वच्‍छ रखने के अभियान में पटना शहर में सक्षम सीवेज ट्रीटमेंट ढांचा तैयार करने हेतु नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 1050 करोड़ रुपए की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। पटना में दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने, मौजूदा एसटीपी के नवीनीकरण, दो पंपिंग स्टेशनों के निर्माण और लगभग 400 किलोमीटर तक का नया भूमिगत सीवेज नेटवर्क बिछाने पर यह राशि खर्च की जाएगी। शहर के सैदपुर ज़ोन में 60 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी बनाने और 227 किलोमीटर के नए भूमिगत सीवेज नेटवर्क बिछाने के लिए कुल 600 करोड़ रुपए लागत का ठेका यूईएम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और ज्‍योति बिल्‍डटेक प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है। तीन अन्‍य फर्मों लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड, वोल्‍टास लिमिटेड और जीएए जर्मनी जेवी को शहर के बेऊर क्षेत्र में 23 एमएलडी वाले एसटीपी के निर्माण, 20 एमएलडी के मौजूदा एसटीपी के नवीनीकरण और लगभग 180 किलोमीटर का नया भूमिगत सीवेज नेटवर्क बिछाने की अलग-अलग परियोजनाओं के लिए 450 करोड़ रुपए आवंटित होंगे।
पटना शहर में सीवेज ट्रीटमेंट परियोजना के दायरे में सैदपुर और बेऊर क्षेत्र में क्रमश: 83 एमएलडी और 50 एमएलडी क्षमता वाले मुख्य पंपिंग स्टेशनों का निर्माण भी शामिल है। ठेकों में 10 साल की अवधि के लिए एसटीपी और सीवेज नेटवर्क के संचालन और रखरखाव की लागत भी शामिल है। इन परियोजनाओं का उद्देश्‍य न सिर्फ पटना की मौजूदा सीवेज व्‍यवस्‍था को सुधारना है, बल्कि अगले एक दशक तक शहर में बढ़ती आबादी की संभावना को ध्‍यान में रखकर सीवेज ट्रीटमेंट का लक्ष्‍य भी शामिल है। विश्व बैंक के एक सर्वेक्षण के अनुसार पटना ढांचागत विकास के मामले में दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ते शहरों में से एक है। इन परियोजनाओं के समयबद्ध परिचालन के बाद इन क्षेत्रों से गंगा नदी में किसी भी प्रकार असंशोधित जल नहीं बहाया जाएगा और इससे गंगा के पवित्रजल को प्रदूषित होने से बचाने में मदद मिलेगी। राष्‍ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन निर्माण-कार्य की प्रगति की निगरानी करेगा। सौ वर्ग किलोमीटर से अधिक के क्षेत्र में फैले पटना शहर को छह सीवरेज क्षेत्रों दीघा, बेऊर, सैदपुर, कंकड़बाग, पहाड़ी और करमाली चक में बांटा गया है। करमाली चक क्षेत्र में सीवेज संबंधित परियोजनाओं के लिए जल्‍दी ही अनुबंध किए जाने की उम्मीद है।

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