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पुलिस अपनी कार्यशैली सुधारे-मुख्यमंत्री

सभी पुलिसकर्मियों के भत्ते बढ़ोत्तरी की घोषणा

'अपराध नियंत्रण है एक बहुत बड़ी चुनौती'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 1 April 2016 11:08:40 AM

police week

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखना और अपराध नियंत्रण एक बहुत बड़ी चुनौती है, इस चुनौती का सामना पुलिस के साहस और कर्तव्य परायणता के माध्यम से किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों को अपनी विश्वसनीयता में भी सुधार लाना पड़ेगा, पुलिसकर्मियों को अपनी कार्यशैली में और सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि थाने पर आने वाले लोगों की एफआईआर तुरंत दर्ज की जाए, क्योंकि ऐसा न करने का खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ता है और उसकी छवि खराब होती है। उन्होंने कहा कि अच्छी और प्रभावी कानून-व्यवस्था राज्य सरकार की प्राथमिकता है और इस पर किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। अखिलेश यादव ने कहा कि गरीबों और गांवों में रहने वाले लोगों की समस्याओं का तेजी से समाधान आवश्यक है, क्योंकि वे बड़ी आशा से पुलिस के पास अपनी समस्याएं लेकर जाते हैं कि उन्हें न्याय मिलेगा।
मुख्यमंत्री आज 'पुलिस सप्ताह-2016' के दौरान विधान भवन स्थित तिलक हॉल में आयोजित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश पुलिस के समस्त अराजपत्रित कर्मियों निरीक्षक, उप निरीक्षक, हेड कॉन्सटेबिल, कॉन्सटेबिल, समतुल्य पद तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को देय वर्दी भत्ते में 25 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की। उन्होंने बैरक में रहने वाले पुलिस, पीएसी कर्मियों को देय पारिवारिक आवासीय भत्ते में भी 25 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की। उन्होंने गृह विभाग की नवीनीकृत तथा अपडेटेड वेबसाइट www.uphome.gov.in को भी रीलॉन्च किया। अखिलेश यादव हाल ही में हुए पंचायत चुनावों और विभिन्न त्यौहारों के दौरान अमन-चैन कायम रखने के लिए पुलिस को बधाई दी। उन्होंने स्नैपडील की कार्मिक तथा आगरा में अपहृत बच्चे को शीघ्र छुड़ाने, लखनऊ में व्यापारी की हत्या के केस का जल्द खुलासा करने पर पुलिस की सराहना की। उन्होंने कहा कि तेजी से कदम उठाना पुलिस के बहुत काम आया और अपराधी पकड़े गए।
अखिलेश यादव ने कहा कि राज्य सरकार पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए लगातार कार्य कर रही है, मॉडर्न कंट्रोल रूमों की स्थापना की जा चुकी है, राजधानी लखनऊ में कैमरों के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस भी की जा रही है, पिछले 4 साल के दौरान राज्य सरकार ने पुलिस बल को सुदृढ़ एवं सशक्त बनाने के उद्देश्य से मानव संसाधन, भवन, बैरक, वाहन तथा आधुनिक शस्त्र आदि उपलब्ध कराने के लिए विशेष कदम उठाए हैं, जिसके चलते पुलिस की कार्य करने की परिस्थितियां बेहतर हुई हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस दिशा में अभी भी काम कर रही है। अखिलेश यादव ने कहा कि पुलिस के मनोबल को बढ़ाने की दृष्टि से हर स्तर पर बड़े पैमाने पर पदोन्नतियां की गई हैं, जिसका लाभ सभी संवर्गों को मिला है, पुलिसकर्मियों की कमी को पूरा करने के लिए बड़ी संख्या में भर्ती की जा रही है, अब तक 38 हजार आरक्षियों की भर्ती की जा चुकी है, इसके अलावा 3,784 उपनिरीक्षकों की भी भर्ती की जा चुकी है, यही नहीं 28 हजार आरक्षियों और 2 हजार से ऊपर उपनिरीक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस बल को अच्छी अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं, ऐसे में अब पुलिसकर्मियों की जिम्मेदारी बनती है कि वे जनता के साथ अपना व्यवहार ठीक रखते हुए उनकी समस्याओं का प्रभावी निस्तारण करें।
मुख्यमंत्री ने डायल '100' का जिक्र करते हुए कहा कि इस सेवा के माध्यम से पुलिस के रिस्पांस टाइम को कम करने के लिए विभाग को तकनीकी रूप से सक्षम बनाया जा रहा है, इस सेवा को साकार करने के लिए दुनिया के विकसित देशों के अनुभव के आधार पर प्रदेश स्तरीय डायल '100' प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है, परियोजना के लिए आवश्यक भवन का शिलान्यास पिछले साल दिसम्बर में किया जा चुका है, यह सेंटर शीघ्र ही प्रदेश के किसी भी कोने में रहने वाले नागरिक को बेहतरीन आपातकालीन सेवाएं प्रदान करने लगेगा। इस परियोजना के जरिए पूरे प्रदेश में तत्काल पुलिस सहायता पहुंचाने के लिए राज्य सरकार विभाग को संसाधन उपलब्ध करा रही है, जिसके तहत 3200 चार पहिया और 1600 दो पहिया वाहनों की व्यवस्था की जा रही है, ये सभी वाहन अत्याधुनिक उपकरणों से लैस होंगे। अपराधों की विवेचना एवं अनुसंधान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक जिले को फॉरेंसिक मोबाइल वैन उपलब्ध कराने की कार्रवाई भी की जा रही है। उन्होंने वीमेन पावर लाइन '1090' पर कहा कि इसका भरपूर लाभ महिलाओं को मिला है। उन्होंने इस प्रोजेक्ट में कार्यरत सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की प्रशंसा की।
पुलिस सप्ताह-2016 को मुख्य सचिव आलोक रंजन ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने दावा किया कि सरकार प्रदेश की कानून-व्यवस्था को सुधारने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है, अच्छी कानून-व्यवस्था के बगैर प्रदेश का विकास सम्भव नहीं है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग ने कई अच्छे काम किए हैं और पिछले वर्षों में साम्प्रदायिक घटनाओं पर भी लगाम लगी है। उन्होंने भी पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने पैदल गश्त तथा बेसिक पेट्रोलिंग, असामाजिक तत्वों की लगातार निगरानी और जमीन विवाद से संबंधित मसलों को भी गम्भीरता से लिए जाने पर बल दिया। प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पण्डा ने पुलिस विभाग के विभिन्न क्रिया-कलापों तथा आधुनिकीकरण पर केंद्रित एक प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कानून-व्यवस्था के प्रति अत्यंत गम्भीर है, इसका अंदाजा पुलिस के आधुनिकीकरण की दिशा में उठाए जा रहे बड़े कदमों से लगाया जा सकता है।
पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि प्रदेश का पुलिसतंत्र राज्य में अच्छी कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगातार कार्य कर रहा है। उन्होंने पुलिस के आधुनिकीकरण के प्रयासों के प्रति आभार जताते हुए कहा कि इससे पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ा है। पुलिस सप्ताह के दौरान नगरीय पुलिस की चुनौतियों, सोशल मीडिया की चुनौतियों के साथ-साथ कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न जनपदों से आए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से विस्तृत चर्चा की जाएगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि प्रदेश की पुलिस कानून-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखेगी। मुख्यमंत्री को पुलिस विभाग की ओर से पुलिस महानिदेशक ने एक स्मृति चिन्ह भी भेंट किया। कार्यक्रम में प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री अनीता सिंह, सचिव मुख्यमंत्री पार्थ सारथी सेन शर्मा सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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