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भारत के ऋषियों का बड़ा योगदान-मोदी

प्रधानमंत्री ने की पठानकोट में हमले की भर्त्सना

शिवराथरी राजेंद्र महास्वामीजी शताब्दी समारोह

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 3 January 2016 12:29:37 PM

pm narendra modi

मैसूर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पठानकोट में आतंकवादी हमले की कड़ी भर्त्सना करते हुए कहा है कि मानवता के दुश्मन, जो राष्ट्र की प्रगति को नहीं देख सकते, उन्होंने भारतीय सशस्त्र बलों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया है। आतंकवादियों के मंसूबों को सफलतापूर्वक नाकाम करने के लिए उन्होंने सशस्त्र बलों का अभिनंदन किया और कार्रवाई के दौरान प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें जवानों और सुरक्षा बलों पर गर्व है। उन्होंने कहा कि देश इन शत्रुओं के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा है, इसलिए उनके नापाक मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे। प्रधानमंत्री ने कर्नाटक में मैसूर के महाराजा कॉलेज ग्राउंड में श्री सुत्तूर मठ के परम पूज्य जगतगुरू डॉ शिवराथरी राजेंद्र महास्वामीजी के शताब्दी समारोह के दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए यह बात कही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे पहले आज जब मैसूर पहुंचे तो कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मैसूर हवाई अड्डे पर उनकी अगवानी की।
प्रधानमंत्री ने अवधूत दत्त पीठम का दौरा किया और परम पूज्य गणपति सच्चिदानंद स्वामी से भेंट की। वह दत्त मंदिर गए और उन्हें पीठम सम्मान प्रदान किया गया। उपस्थित जन-समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के ऋषियों-मुनियों और संतों ने समाज के लिए बहुत कार्य किये हैं, जिन्हें पूरी तरह सराहा नहीं गया है। इस संदर्भ में उन्होंने अवधूत दत्त पीठम के कार्यों की सराहना की। प्रधानमंत्री ने मैसूर के महाराजा कॉलेज ग्राउंड में जगतगुरू डॉ शिवराथरी राजेंद्र महास्वामीजी के शताब्दी समारोह का उद्घाटन किया। उन्होंने ज्ञान अनुसंधान केंद्र की आधारशिला रखी। उन्होंने कहा कि संत बसेश्वर ने सदियों पहले समाज सुधार का रास्ता दिखाया था। उन्होंने कहा कि उन्हें हाल ही में लंदन में बसेश्वरजी की प्रतिमा का अनावरण करने का परम सौभाग्य प्राप्त हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय समाज बहुत विलक्षण है, क्योंकि यहां समाज में सुधार लाने के लिए और सामाजिक बुराइयों से लड़ने के लिए समय-समय पर समाज सुधारक पैदा होते रहे हैं। उन्होंने कहा कि 18वीं और 19वीं शताब्दी के समाज सुधार आंदोलनों ने ही 20वीं सदी में भारत के सफल स्वाधीनता संग्राम की बुनियाद रखी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी, ज्ञान की सदी है और इस सदी में जो देश ज्ञान और नवाचार पर ध्यान केंद्रित करेगा, वही दुनिया का नेतृत्व करेगा। उन्होंने ज्ञान अनुसंधान केंद्र की पहल के लिए जगतगुरू डॉ शिवराथरी राजेंद्र महास्वामी की सराहना की। प्रधानमंत्री ने पेरिस में हाल ही में संपन्न सीओपी 21 की बैठक और ‘मिशन नवाचार’ और ‘अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन’ की पहल को याद किया, जिसमें भारत ने अग्रणी भूमिका निभाई। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार तथा डीवी सदानंद गौड़ा भी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने महास्वामीजी के शताब्दी समारोह में पठानकोट में आतंकवादी हमले जिक्र करते हुए कहा कि भारत के शत्रुओं के मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे। ज्ञातव्य है कि पठानकोट में एयरफोर्स बेस पर आर्मी की वर्दी में आए पाकिस्तानी आतंकवादियों के हमले में पांच से अधिक भारतीय जवान मारे गए हैं, यद्यपि पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया गया है। भारत के खास शहरों और संवेदनशील ठिकानों पर ऐसे हमलों का ख़तरा और ज्यादा बढ़ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी ने कहा कि भारत के जवानों और उनकी शहादत पर उन्हें गर्व है।

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