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गायत्री एवं सौदामिनी का शानदार भरतनाट्यम्

राज्यपाल ने दोनों कलाकारों को दीं नृत्यकला की उपाधियां

लखनऊ तहज़ीब और कला की राजधानी-राम नाईक

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Sunday 27 December 2015 11:34:19 PM

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने गन्ना संस्थान के प्रेक्षागृह में सृजन संस्था के भरतनाट्यम् आरेंगट्रम कार्यक्रम का दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ किया। राज्यपाल ने सृजन संस्था की संस्थापक एवं भरतनाट्यम् की गुरू पल्लवी त्रिवेदी, ज्ञानेंद्र बाजपेयी तथा भरतनाट्यम् का उत्कृष्ट नृत्य प्रस्तुत करने वाली संगीत नृत्य की छात्राओं गायत्री प्रकाश एवं सौदामिनी शैल तथा उनके माता-पिता के योगदान की सराहना की। गायत्री प्रकाश एवं सौदामिनी शैल ने भरतनाट्यम् नृत्य के माध्यम से पुष्पांजलि, मंगलम्, यतिस्वर्णम्, वर्णनम्, शब्दम्, देवी स्तुति, गणेश स्तुति तथा शिव स्तुति का मनोहारी नृत्य प्रस्तुत किया। सृजन संस्था के सदस्यों ने राज्यपाल को पुष्प गुच्छ तथा स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका भव्य स्वागत किया।
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि भरतनाट्यम् भारतीय संस्कृति की अनमोल विरासत में से एक है। उन्होंने कहा कि गायत्री प्रकाश एवं सौदामिनी शैल के भरतनाट्यम् नृत्य के गीत, संगीत, नृत्य, ताल, लय तथा स्वर झनकार में अद्भुत जादू है, लंबी एवं कठिन साधना के पश्चात भरतनाट्यम् नृत्य की ऐसी प्रस्तुति देखने को मिलती है। उन्होंने कहा कि वे उत्तर प्रदेश के 25 विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति हैं, वे दीक्षांत समारोहों में 20-21 वर्ष से लेकर इससे अधिक आयु के छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान करते हैं, लेकिन मेरे जीवन का यह सौभाग्य है कि आज प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 15 वर्ष तथा इससे कम आयु की दो छात्राओं गायत्री प्रकाश और सौदामिनी शैल को उपाधि देने का अवसर मिला है।
राज्यपाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति की यही विशेषता है कि संस्कृति में कला, नृत्य, गायन, वादन, संगीत आदि सबका समन्वय होता है, जिससे दर्शकों श्रोताओं को आनंद की अनुभूति मिलती है। उन्होंने कहा कि कलाकार जब गीत, संगीत एवं लय, स्वर, ताल आदि पर अपने शरीर के अंगों की भाव भंगिमाओं का एकाग्रता के साथ प्रदर्शन करता है तो वह साधना जैसा होता है। राज्यपाल ने कहा कि भरतनाट्य् नृत्य की इन दोनों छात्राओं के माता-पिता तथा गुरू ने उनकी कला प्रतिभा को निखारने का जो काम किया है, वह अनुकरणीय है, पल्लवी त्रिवेदी ने अपनी दोनों शिष्याओं को मुक्त गगन में उड़ान भरने के लिए उनका उत्साह बढ़ाया है और उनका यह प्रयास इन दोनों छात्राओं को सफलता के शिखर पर ले जायेगा।
राज्यपाल ने कहा कि दर्शकों ने भी गायत्री प्रकाश एवं सौदामिनी शैल के भरतनाट्यम् नृत्य, संगीतज्ञों के स्वर, ताल लय एवं गायन का उत्साहजनक मूल्यांकन किया है। राज्यपाल ने कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है, मुंबई आर्थिक राजधानी कही जाती है और लखनऊ उत्तर प्रदेश की राजधानी के साथ-साथ अदब, गंगा-जमुनी तहजीब और कला की भी राजधानी मानी जाती है। उन्होंने पल्लवी त्रिवेदी, गायत्री प्रकाश, सौदामिनी शैल, ज्ञानेंद्र बाजपेयी, जयदास आर्य, सुधीर कुमार तथा दीपक मिश्रा को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। उन्होंने सभी को नववर्ष 2016 की भी हार्दिक शुभकामनाएं दीं।

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