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महिलाओं को सुरक्षा व सम्मान दें-राष्ट्रपति

असाधारण महिलाओं की उपलब्धियों का संकलन

'महिला सशक्तिकरण की लड़ाई प्रतिदिन जारी है'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 1 September 2015 04:44:54 AM

president pranab mukherjee with women in power

नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 30 वुमन इन पॉवर: देयर वॉयस, देयर स्टोरीज़ पुस्तक में योगदान करने वाली महिलाओं से मुलाकात की और कहा कि मैं उत्कृष्ट बैंकर नैना लाल किदवई के इन असाधारण महिलाओं की उपलब्धियों को संकलित करने के प्रयासों की सराहना करता हूं, इसके साथ ही मैं विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली इस पुस्तक में उल्लेख हुई प्रख्यात और सशक्त महिलाओं को भी अपनी बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि सफलता के पथ पर उनकी कहानियां और अनुभव निश्चित रूप से न सिर्फ महिलाओं के लिए प्रेरणा का श्रोत बनेंगे, बल्कि मैं यह कहना चाहूंगा कि यह सभी पुरूषों और महिलाओं के लिए भी प्रेरणा का श्रोत होगा। चुनौतियों, दृढ़निश्चय, प्रतिबद्धता, लगन और अदम्य साहस की इन कहानियों के बिना कोई भी सफलता प्राप्त नहीं कर सकता।
राष्ट्रपति ने कहा कि यह पुस्तक महिलाओं की प्रतिदिन सामना की जाने वाली चुनौतियों के प्रति पुरूषों को जागरूक करेगी, जिससे उनके लिए हर निर्णय के प्रति सम्मान का भाव प्रदर्शित होगा। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक सिर्फ इसलिए महत्वपूर्ण नहीं है कि यह महिला सशक्तिकरण को प्रदर्शित करती है, बल्कि हमें यह याद दिलाती है कि महिला सशक्तिकरण की लड़ाई अभी बाकी है और यह प्रतिदिन लड़ी जा रही है। यह पुस्तक महिलाओं की आंतरिक शक्ति के बारे में भी है, जो बताती है कि उनकी लगन और विश्वास उन्हें कहां तक ले जा सकता है। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र के रूप में हमें महिलाओं को समान अवसर और सम्मानित आजीविका अर्जित करने के अधिकार देने का सम्मान करना चाहिए, इस संबंध में पहला चरण संविधान में सभी को समान मानकर लिया जा चुका है।
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि अगर महिलाओं को अवसर मिले तो वह कई काम एक साथ करने में सक्षम होने के कारण अपनी पसंद के किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि एक बात जो मुझे सबसे अधिक चिंतित करती है, वो है महिलाओं के खिलाफ हिंसा की बढ़ती हुई घटनाएं। उन्होंने कहा कि कोई भी समाज जो महिलाओं का सम्मान नहीं कर सकता, उसे सभ्य समाज कहलाने का कोई हक नहीं है। उन्होंने कहा कि वैदिक युग में महिलाओं को समाज में सर्वोच्च सम्मान और स्वतंत्रता दी जाती थी, इसके साथ ही उनकी सुरक्षा भी समाज का प्रमुख कार्य था, यह हमारी संस्कृति और विरासत है, हम इसे भूल नहीं सकते, हम सबकी यह सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम एक ऐसा समाज बनाएं, जिसमें महिलाओं को सुरक्षा और सम्मान मिले।

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