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ख्वाजा की दुलर्भ पॉडुलिपियों का संरक्षण

यूनिवर्सिटी में शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया शुरू

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 30 January 2013 05:21:21 AM

anis ansari vc

लखनऊ। ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती उर्दू अरबी-फारसी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ अनीस अंसारी ने ख्वाजा की दुर्लभ पॉडुलिपियों और अन्य ऐतिहासिक व सांस्कृतिक महत्व की वस्तुओं को विश्वविद्यालय को दान करने की अपील की है। डॉ अंसारी ने यहां जारी एक विज्ञप्ति में कहा है कि उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में बहुत से व्यक्तियों और संस्थाओं के पास ऐतिहासिक व सांस्कृतिक पॉडुलिपियां, दुर्लभ वस्तुएं और तुग़रे आदि मौजूद हैं, जिनकी देखभाल ठीक से नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि इसी के दृष्टिगत विश्वविद्यालय ने यह निर्णय लिया है कि ऐसी पॉडुलिपियों और दुर्लभ वस्तुओं को दान के रूप में प्राप्त करके उन्हें संरक्षित और सुरक्षित कर दिया जाए। दान करने वालों के नाम रेकार्ड में लाइब्रेरी के उन स्थानों पर अंकित किए जाएंगे, जहां पर वे वस्तुएं रखी जाएंगी।
कुलपति ने अपील की है कि जिन व्यक्तियों व संस्थाओं को इस काम में दिलचस्पी हो, वे ऐसी पॉडुलिपियां और वस्तुएं यूनिवर्सिटी को उपलब्ध कराने में सहयोग करें। डॉ अंसारी ने एक अन्य विज्ञप्ति में बताया है कि विश्वविद्यालय में अध्यापकों के चयन की कार्रवाई शुरू हो चुकी है, इस क्रम में 4 फरवरी के असिस्टेंट प्रोफेसर (फारसी), 6 फरवरी को असिस्टेंट प्रोफेसर (अर्थशास्त्र) तथा 11 फरवरी को असिस्टेंट प्रोफेसर (कंप्यूटर एप्लीकेशन) के इंटरव्यू के लिए चयन समिति की बैठक होगी। उम्मीदवारों को निश्चित तिथि पर मूल प्रमाण पत्रों व मार्कशीट आदि के साथ प्रातः 9 बजे यूनिवर्सिटी कैंपस में उपस्थित होने के लिए डाक और वेबसाइट से सूचना दी जा रही है।

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