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दलित समाज में 'लक्ष्य' की सामाजिक क्रांति

कैडर कैंपों में महिला-पुरुषों की बड़ी संख्या में भागीदारी

डॉ भीमराव अंबेडकर के मार्ग पर चले दलित समाज

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 12 July 2015 11:49:51 AM

dalit samaaj mein lakshy kee saamaajik kraanti

लखनऊ। भारतीय समन्वय संगठन (लक्ष्य) दलित समाज में अपनी गहरी पैंठ बना रहा है। इसके सामाजिक कार्यक्रम दलित समाज को बेहद प्रभावित कर रहे हैं। इसके जागरुकता शिविरों में महिलाओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति देखकर अच्छी-खासी भीड़ वाली किसी जनसभा का एहसास होता है। लक्ष्य की लखनऊ महिला टीम ने आज फिर ऐसे ही लखनऊ के भिठौली गांव में एक दिवसीय कैडर कैंप का आयोजन किया, जिसमें बारिश के बावजूद देखते-देखते सैकड़ों महिला-पुरुष एकत्र हो गए। इस कैडर कैंप में भी गांव की महिलाओं की भागीदारी उल्लेखनीय रही। भारतीय समन्वय संगठन लक्ष्य के अब तक ऐसे कई कैंप लग चुके हैं, जिनमें महिलाएं बढ़-चढ़ कर भाग ले रही हैं। लक्ष्य की महिला कमांडरों ने दलित समाज की दुर्दशा को रेखांकित करते हुए जैसे उसे जगाया और उससे बहुजन समाज के अधिकारों के बारे में विस्तार से चर्चा की।
लक्ष्य महिला कमांडर सुषमा बाबू ने इस अवसर पर आह्वान किया कि दलित समाज बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर के बताए रास्ते पर चले। उन्होंने कहा कि समाज बाबा साहेब की कसमों को याद रखे और उनका अंतःकरण से अनुसरण करे। लक्ष्य कमांडर संघमित्रा गौतम ने कहा कि एकजुट होकर ही हम अपने अधिकारों को ले सकते हैं और प्रगति कर सकते हैं। अंजू सिंह ने बताया कि लक्ष्य की टीमें किस प्रकार देशभर में बहुजन समाज को जागरूक करके एकजुट करने का प्रयास कर रही हैं। पूजा गुलाटी ने कहा कि हमें लड़के और लड़की में भेद नहीं करना चाहिए और अपनी बेटियों को अच्छे से शिक्षित करना चाहिए। शांति गौतम ने लक्ष्य की महिला कमांडरों का गांव में विशाल कैडर कैंप लगाने के लिए धन्यवाद दिया। लक्ष्य के अन्य कमांडरों ने भी लोगों से सामाजिक कुरीतियों से बचने की सलाह दी और कहा कि वे लक्ष्य की सामाजिक क्रांति में शामिल हों। कैडर कैंप का संचालन लक्ष्य कमांडर कमलेश सिंह और रजनी सोलंकी ने किया।

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