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राष्‍ट्रीय मुकद्मेबाजी नीति पर मंथन

विधि मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक

समूची प्रक्रिया को किफायती बनाने पर भी जोर

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Thursday 21 May 2015 02:10:31 AM

supreme court

नई दिल्ली। विधि एवं न्‍याय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने कहा है कि राष्‍ट्रीय मुकद्मेबाजी नीति 2015 का मुख्‍य उद्देश्‍य एक ऐसा तंत्र सुझाना है, जिससे सरकारी मुकद्मेबाजी में कमी आ सके और सरकार एक सक्षम एवं जवाबदेह वादी के रूप में उभर कर सामने आए। डीवी सदानंद गौड़ा ने मंत्रालय से संबद्ध संसदीय सलाहकार समिति के सदस्‍यों से राष्‍ट्रीय मुकद्मेबाजी नीति 2015 के बारे में व्‍यक्‍त की गई चिंताओं का जवाब दिया। राष्‍ट्रीय मुकद्मेबाजी नीति 2015 ही आयोजित की गई बैठक का मुख्‍य एजेंडा था।
डीवी सदानंद गौड़ा ने कहा कि राष्‍ट्रीय मुकद्मेबाजी नीति में ऐसी व्‍यवस्‍था कायम करने का सुझाव दिया गया है, जिससे सरकार द्वारा अथवा उसके खिलाफ दायर किए जाने वाले मुकद्मों की संख्‍या में कमी संभव हो सके। राष्‍ट्रीय मुकद्मेबाजी नीति का उद्देश्‍य सरकार को एक ऐसे संस्‍थान के रूप में पेश करना है, जो अदालतों में बेवजह मुकद्मेबाजी में कतई विश्‍वास नहीं करती है। मुकद्मा दायर करने से पहले ही अनेक उपयुक्‍त कदम उठाकर यह सुनिश्‍चित किया जाएगा। बैठक के दौरान समिति के सदस्‍यों कल्‍याण बनर्जी और अयन्‍नूर मंजूनाथ ने कहा कि मध्‍यस्‍थता (आर्बिट्रेशन) प्रणाली में बदलाव अत्‍यंत जरूरी है।
विधि एवं न्‍याय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी मध्‍यस्‍थता या पंचाट के लिए निश्‍चित समय सीमा होनी चाहिए। उन्‍होंने समूची प्रक्रिया को किफायती बनाने पर भी जोर दिया। सदस्‍यों ने मुकद्मेबाजी प्रक्रिया के दौरान ढीला-ढाला रुख अपनाने वाले सरकारी वकीलों के खिलाफ कार्रवाई करने पर जोर दिया। उन्‍होंने कहा कि संबंधित प्रमुख (नोडल) अधिकारियों द्वारा अदालती मामलों पर यथास्‍थिति रिपोर्ट विभागीय प्रमुख को नियमित रूप से पेश करने का प्रावधान किया जाना चाहिए। सदस्‍यों ने विभिन्‍न उच्‍च न्‍यायालयों एवं अधीनस्‍थ न्‍यायालयों में वाई-फाई की सुविधा मुहैया कराने पर भी जोर दिया। विधि एवं न्‍याय मंत्री ने सदस्‍यों की चिंताओं से सहमति जताते हुए कहा कि इन पर गौर किया जाएगा।

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