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न्यायाधीशों की नियुक्ति एवं पदोन्नति

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Tuesday 14 April 2015 11:56:26 AM

supreme court

नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भारतीय संविधान की धारा-217 के उपखंड (1) में प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय के अपर न्यायाधीशों-न्यायमूर्ति पजायानूर नारायणन प्रकाश, न्यायमूर्ति पुष्पा सत्यनारायण, न्यायमूर्ति कांडासामी कल्याणसुंदरम, न्यायमूर्ति एस वैद्यनाथन, न्यायमूर्ति आर महादेवन, न्यायमूर्ति वीएस रवि, न्यायमूर्ति गोपाल कृष्णन चोकालिंगम और न्यायमूर्ति वीएम वेलुमणि को मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। ये नियुक्तियां उनके कार्यालयों में पदभार ग्रहण करने की तिथि से प्रभावी होंगी।
राष्ट्रपति ने भारतीय संविधान की धारा-222 के उपखंड (1) में प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श के बाद कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति धीरेंद्र हीरालाल वाघेला के उड़ीसा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरण को मंजूरी दे दी है और साथ ही, यह निर्देश दिया है कि वह इस अधिसूचना की तिथि से दो माह के भीतर उड़ीसा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के कार्यालय का कार्यभार ग्रहण करें। राष्ट्रपति ने भारतीय संविधान की धारा-222 के उपखंड (1) में प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श के बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा के कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरण को मंजूरी दे दी है। साथ ही, यह निर्देश दिया है कि वह 27 अप्रैल 2015 अथवा उससे पहले कलकत्ता उच्च न्यायालय में अपने कार्यालय का कार्यभार ग्रहण करें।
राष्ट्रपति ने भारतीय संविधान की धारा-224 के उपखंड (1) में प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए कृष्ण राम महापात्र, जितेंद्र प्रसाद दास और डॉ दुर्गा प्रसन्न चौधरी को वरिष्ठता क्रम में उड़ीसा उच्च न्यायालय के अपर न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। ये नियुक्तियां उनके संबंधित कार्यालयों में पदभार ग्रहण करने की तिथि से दो वर्ष की अवधि के लिए प्रभावी होंगी। इसी प्रकार रमेंद्र जैन की पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के अपर न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दी गई है। रत्नाकर भेंगरा की झारखंड उच्च न्यायालय के अपर न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दी गई है। नीलू अग्रवाल और सुधीर सिंह की वरिष्ठता क्रम में पटना उच्च न्यायालय के अपर न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दी गई है। ये नियुक्तियां उनके द्वारा संबंधित कार्यालयों में पदभार ग्रहण करने की तिथि से दो वर्ष की अवधि के लिए प्रभावी होंगी।

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