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सड़क सुरक्षा बेहद जरूरी-डॉ हर्षवर्धन

सरकार में एकीकृत अभिघात सेवा देने पर विचार

मसूरी में एनटीएसआई का 23वां वार्षिक सम्‍मेलन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 31 August 2014 12:42:01 AM

dr harsh vardhan

देहरादून। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा है कि 45 वर्ष से नीचे की आयु के लोगों की मृत्‍यु का एक आम कारण अभिघात है, मरने वालों में आधे लोग मस्तिष्‍क में चोट जैसे अभिघात के कारण मरते हैं। उन्‍होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम अपने स्‍वास्‍थ्‍य ढांचे में एकीकृत अभिघात समर्थन प्रणाली विकसित करें। डॉ हर्षवर्धन ने मसूरी में न्‍यूरो ट्रॉमा सोसायटी ऑफ इंडिया (एनटीएसआई) के 23वें वार्षिक सम्‍मेलन में बताया कि विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने अनुमान व्‍यक्‍त किया है कि 2030 तक सड़क दुर्घटना, मृत्‍यु और विकलांगता का पांचवा प्रमुख कारण होगा।
डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि कई वर्षों में मैंने यह देखा है कि हमारे अस्‍पतालों में अभिघात मामलों से निपटने में स्‍फूर्ति तथा विशेषज्ञ कर्मचारियों की कमी रहती है, हमें अंतर अनुशासनात्‍मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि नई राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य नीति में इस जरूरत पर जोर हो। उन्‍होंने कहा कि साथ-साथ सड़क सुरक्षा अनुशासन पालन करने की संस्‍कृति भी होनी चाहिए, बड़ी संख्‍या में लोग कारों में सीट बेल्‍ट बांधने की जरूरत के बारे में जागरूक नहीं हैं, वे सोचते हैं कि कार की पिछली सीट पर सीट बेल्‍ट बांधना जरूरी नहीं है। दुपहिया वाहनों के मामले में अधिकतर महिलाएं हैलमेट लगाने में कोताही करती हैं।
स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने बताया है कि उन्‍होंने सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्री को लिखकर यह सुझाव दिया है कि मोटर वाहन नियमों में संशोधन कर पिछली सीट पर सीट बेल्‍ट बांधना आवश्‍यक किया जाए। उन्‍होंने कहा कि विश्‍व के कुल वाहनों में एक प्रतिशत वाहन भारत में हैं, लेकिन विश्‍व में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में भारत में छह प्रतिशत दुर्घटनाएं होती हैं, प्रत्‍येक वर्ष चार लाख सड़क दुर्घटनाएं होती है और उसमें एक लाख लोगों की मृत्‍यु हो जाती है।
सम्‍मेलन का आयोजन दून न्‍यूरो क्‍लब ने किया था। इसमें जीवी पंत अस्‍पताल दिल्‍ली के न्‍यूरो सर्जरी के पूर्व अध्‍यक्ष डॉ एके सिंह, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान नई दिल्‍ली के न्‍यूरो सर्जरी विभागाध्‍यक्ष तथा डॉ बीएस शर्मा, एनटीएसआई के अध्‍यक्ष डॉ (ब्रिगेडियर) पी के साहू, अपोलो अस्‍पताल भुवनेश्‍वर के न्‍यूरो सर्जरी विभाग के अध्‍यक्ष प्रोफेसर वीडी सिन्‍हा, एसएमएस मेडिकल कॉलेज जयपुर के न्‍यूरो सर्जरी विभाग के प्रोफेसर, अपोलो अस्‍पताल रांची के डॉ संजय कुमार तथा मैक्‍स अस्‍पताल देहरादून के डॉ यू दिवान मौजूद थे। 

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