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मुंबई, पुणे, नागपुर में बड़े हवाई अड्डे मंजूर

प्रधानमंत्री ने की महाराष्‍ट्र की विकास परियोजनाओं की समीक्षा

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Friday 15 November 2013 03:29:23 AM

manmohan singh

नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री प़ृथ्‍वीराज चव्‍हाण के साथ बैठक कर महाराष्‍ट्र में प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की समीक्षा की और मुंबई, पुणे और नागपुर में बड़ी हवाई अड्डा परियोजनाओं को हरी झंडी दी। इस बैठक में कृषि मंत्री, वित्‍त मंत्री, योजना आयोग के उपाध्‍यक्ष, महाराष्‍ट्र के उप-मुख्‍यमंत्री तथा केंद्र और राज्‍य सरकार के वरिष्‍ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक में महाराष्‍ट्र की प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के बारे में चर्चा हुई, जिन्‍हें तेजी से पूरा करने की जरूरत है ताकि मुंबई और राज्‍य के अन्‍य प्रमुख शहरों में बुनियादी ढांचा परियोजनाएं विकास में सबसे आगे रहें।
सबसे महत्‍वपूर्ण सफलता नवी मुंबई अंतर्राष्‍ट्रीय हवाई अड्डे के बारे में मिली। वर्तमान मुंबई हवाई अड्डा 2015 तक अपनी पूरी क्षमता हासिल कर लेगा। व्‍यवसाय और वित्‍तीय केंद्र के रूप में मुंबई की जरूरतों को देखते हुए एक नया अंतर्राष्‍ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की जरूरत है, ऐसा नहीं करने पर मुंबई आने वाले यातायात को देरी का सामना करना पड़ सकता है और उसका मार्ग बदलना पड़ सकता है। नवी मुंबई अंतर्राष्‍ट्रीय हवाई अड्डे से मुंबई आने वाला हवाई यातायात कई वर्ष तक बिना किसी बाधा के चलता रहेगा।
इस हवाई अड्डा परियोजना को नागर विमानन मंत्रालय ने 2007 में मंजूरी दी थी और इसे केंद्र और राज्‍य स्‍तर पर अनेक एजेंसियों से मंजूरी मिली। इसके लिए शेष भूमि के अधिग्रहण का एक प्रमुख मुद्दा अभी लंबित है। महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री ने बताया कि परियोजना से प्रभावित लोगों के साथ विस्‍तृत बातचीत के बाद इस भूमि के अधिग्रहण के लिए एक व्‍यापक और उदार पैकेज के बारे में सहमति बन चुकी है। इसी के साथ ही नवी मुंबई अंतर्राष्‍ट्रीय हवाई अड्डा परियोजना के लिए हरी झंडी मिल गई। इस परियोजना के 31 मार्च 2014 तक पूरा होने की संभावना है।
बैठक में पुणे में खेड़ में एक नया अंतर्राष्‍ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की परियोजना को अंतिम रूप दिया गया। वर्तमान पुणे हवाई अड्डा भारतीय वायु सेना का है और नागरिक हवाई अड्डा एक नागरिक एन्‍क्‍लेव के जरिए संचालित होता है। इसके अलावा विचार-विमर्श के दौरान काफी समय से लंबित नागपुर हवाई अड्डे के विस्‍तार के मुद्दे को भी सुलझाया गया। मुंबई एलीवेटेड रेल कॉरीडोर परियोजना के बारे में भी चर्चा की गई, जिसमें 60 किलोमीटर से अधिक अतिरिक्‍त उप-नगरीय यातायात क्षमता के निर्माण के लिए 20,000 करोड़ रूपये के निवेश की जरूरत है। इस बारे में सहमति बनी कि नई मुंबई मैट्रो लाइन द्वारा तैयार की जा रही यातायात क्षमता को ध्‍यान में रखते हुए यातायात के संबंध में ताजा अध्‍ययन किया जायेगा। परियोजना के संबंध में आगे बढ़ने के तौर-तरीकों को जल्‍द ही अंतिम रूप दे दिया जायेगा।

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