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मराठा छत्रप विलासराव दगादोजी राव देशमुख नहीं रहे

भाग्यश्री काले

भाग्यश्री काले

विलासराव देशमुख-vilasrao deshmukh

मुंबई। लातूर जिले में बाभलगांव के प्रधान से लेकर दो बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे और इस वक्त केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सदस्य विलासराव दगादोजी राव देशमुख का निधन हो गया है। लीवर की बीमारी से तंग विलासराव देशमुख ने मंगलवार को चेन्नई के ग्लोबल अस्पताल में अंतिम सांस ली। महाराष्ट्र की मराठा और कांग्रेस राजनीति पर अपना वर्चस्व रखने वाले इस शक्तिशाली राजनेता की, ‌महाराष्ट्र में सबके सामने अब तक चली आ रही एक बड़ी चुनौती, इसी के साथ खत्म हो गई। सामाजिक और राजनीतिक जीवन में इस मराठा छत्रप ने अपनी सफलताओं के बड़े झंडे गाड़े तो गंभीर विवादों का भी सामना किया, लेकिन कांग्रेस कभी भी इस राजनेता की अहमीयत को अनदेखा करने की ‌हिम्मत नहीं जुटा सकी। उनके निधन से पूरा महाराष्ट्र और लातूर शोकमग्न है।
विलासराव देशमुख 1999 में पहली बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने और फिर दूसरी बार 2004 के चुनावों के बाद मुख्यमंत्री बनाए गए। वर्ष 2003 में एक घटनाक्रम में देशमुख को यह पद छोड़ना पड़ा। उस समय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने विश्वासपात्र सुशील कुमार शिंदे को उनकी जगह मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन 2004 में जब राज्य में विधान सभा चुनाव हुए तो फिर देशमुख को मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला। नवंबर 2008 में मुंबई पर हमला विलासराव देशमुख के लिए बहुत भारी पड़ा और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यहां से हटाकर केंद्रीय मंत्रिप‌रिषद में शामिल करा दिया। बाभलगांव से नई दिल्ली तक के सफर में देशमुख ने एक राजनेता के रूप में सत्ता और समाजतंत्र के अनेक उतार चढ़ा देखे और कठिन अवसरों पर अपना लोहा मनवाया।
केंद्रीय मंत्रिमंडल में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री विलासराव देशमुख 67 साल के थे। पिछले सप्ताह तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें पहले मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल और फिर वहां से चैन्नई के ग्लोबल अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया गया था। वहां सात अगस्त से उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। इसी मंगलवार को देशमुख को एक व्यक्ति की किडनी भी ट्रांसप्‍लांट होनी थी, मगर होनी देखिए कि जिस व्यक्ति की किडनी ली जाने वाली थी, उसकी भी मंगलवार की सुबह ही मौत हो गई। उनके परिवार में उनकी पत्नी वैशाली देशमुख और तीन बेटे अमित देशमुख, रितेश देशमुख और धीरज देशमुख। अमित देशमुख लातूर से विधायक हैं और रितेश देशमुख फिल्म अभिनेता हैं। पुणे विश्वविद्यालय से विज्ञान और ऑर्ट्स दोनों में ही स्नातक देशमुख ने पुणे के इंडियन लॉ सोसाइटी लॉ कॉलेज से कानून की भी पढ़ाई की। महाराष्ट्र के औद्योगिक घरानों से विलासराव देशमुख के मधुर संबंध थे। उनके मुख्यमंत्री बनने में औद्योगिक घरानों की भी महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती रही है। शरद पवार के कांग्रेस छोड़ने के बाद महाराष्ट्र में ये ही कांग्रेस के छत्रप माने जाते रहे हैं।
दिल्ली से मुंबई पहुंची सूचना के अनुसार विलासराव देशमुख की मौत ख़बर आते ही केंद्रीय गृह मंत्री और लोकसभा में नेता सुशील कुमार शिंदे ने संसद को उनके निधन की सूचना दी जिसके बाद लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित कर दी गई। देशमुख के निधन पर शोक जताने वालों ने कहा है कि देश ने और महाराष्ट्र ने एक सुसंस्कृत व्यक्तित्व खो दिया है। पेशे से किसान और एक मराठी परिवार में 26 मई 1945 को उनका दगादोजी वेंकटराव देशमुख के घर जन्म हुआ था। वे बाभलगांव के सरपंच और उस्मानाबाद जिला पंचायत सदस्य भी हुए। कई बार महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुने गए और सरकार में कई विभागों के मंत्री भी बने। वर्ष 2009 से वर्ष 2011 तक वे राज्यसभा के सदस्य रहे। उन्होंने केंद्र में भारी उद्योग मंत्रालय तथा ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालयों का जिम्मा संभाला। इस समय विज्ञान एवं तकनीक मंत्रालय उनके पास था।
विलास राव देशमुख 1999 में कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन की ओर से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन 16 जनवरी 2003 को उन्हें हटाकर सुशील कुमार शिंदे को मुख्यमंत्री बना दिया था। मुंबई में ताज होटल पर छब्बीस नवंबर 2008 को हुए पाकिस्तानी आतंकवादी हमले के बाद फिल्म डायरेक्टर रामगोपाल वर्मा और अपने फिल्म अभिनेता पुत्र रितेश देशमुख के साथ ताज होटल का जायजा लेने पहुंचने पर देशभर में हुई भारी आलोचना के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। जहां तक उनपर आरोपों और विवादों का प्रश्न है तो अपने मुख्यमंत्रित्व काल में उन्होंने फिल्म निर्माता सुभाष घई को बीस एकड़ सरकारी जमीन दी, जिसका आवंटन 2012 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया और सुभाष घई को जमीन लौटानी पड़ी। अपने भाई के खिलाफ एफआईआर मामले में शिकायत पर सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार पर दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया। सीएजी की एक रिपोर्ट में भी देशमुख पर पद के दुरुपयोग का आरोप लगा। विलासराव देशमुख का नाम आदर्श सोसायटी घोटाले में प्रमुखता से आया और व्‍हिस्टलिंग वूड्स को लेकर भी वे काफी समय तक विवादों मे रहे।
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी, लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, केंद्रीय कृषि एवं खाद्य मंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पंवार, केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे, मनोहर जोशी और ‌अशोक चव्हाण, शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी, कांग्रेस एवं अन्य दलों के राजनेताओं, फिल्मी दुनिया के कलाकारों, उद्योगपतियों एवं सामाजिक क्षेत्र के प्रतिष्ठित नागरिकों ने उनकी मृत्यु पर भारी शोक व्यक्त किया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विलासराव देशमुख की मौत को कांग्रेस की एक बड़ी क्षति बताया है। स्वतंत्रता दिवस यानी बुधवार को शाम चार बजे उनके गांव बाभलगांव में उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा, जहां लातूर के चहुंमुखी विकास में विलासराव देशमुख का नाम विकास पुरूष के रूप में बड़े ही गर्व और मान-सम्मान से लिया जाता है।

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