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चिकित्सा के छात्र ग़रीबों का सहारा बनें-राज्यपाल

किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह

एमबीबीएस छात्रा कुमारी वंदना ने प्राप्त किए 17 स्वर्ण पदक

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Tuesday 1 October 2013 08:34:19 AM

9th convocation

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल बीएल जोशी ने चिकित्सा के छात्र-छात्राओं से समाज के ग़रीब व कमजोर वर्गों का सहारा बनने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जहां तक संभव हो, चिकित्सकों को महंगे इलाज व दवाई का प्रयोग नहीं करना चाहिए। उन्होंने सामाजिक मूल्यों, सत्यनिष्ठा और मानवीय संवेदना को अपनाने पर बल दिया। राज्यपाल किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के नवम् दीक्षांत समारोह में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। राज्यपाल विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने चिकित्सा विश्वविद्यालय के नवीन ओपीडी भवन, न्यू डेंटल बिल्डिंग तथा सेंटर ऑफ एडवांस रिसर्च विभाग के भवन का लोकार्पण भी किया।
बीएल जोशी ने कहा कि इस चिकित्सा संस्थान का गौरवशाली इतिहास रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि संस्थान अपने स्तर को कायम रखते हुए और आगे बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में यहां मरीजों के लिए 3000 बिस्तर उपलब्ध हैं, मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया है कि चिकित्सा विश्वविद्यालय में 750 बिस्तर की अतिरिक्त व्यवस्था की जाएगी। ऐसा होने पर यहां 3750 बेड उपलब्ध होंगे, जो एशिया के किसी भी चिकित्सालय में मरीजों के उपलब्ध बिस्तरों की सर्वाधिक संख्या होगी। उन्होंने दीक्षांत समारोह में छात्राओं के अधिक संख्या में पदक प्राप्त किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि एक छात्रा का 17 स्वर्ण पदक प्राप्त किया जाना एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दीक्षांत कार्यक्रम में डिग्री व पदक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए उनसे यह अपेक्षा की कि जिस प्रकार उन्होंने मेहनत व लगन से डिग्री हासिल की है, उसी प्रकार से वे गरीबों की सेवा करें। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में इस चिकित्सा विश्वविद्यालय की विशिष्ट पहचान है, यहां प्रदेश ही नहीं, बल्कि बिहार राज्य से भी मरीज अपना इलाज कराने के लिए आते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार व चिकित्सकों के सामने तमाम चुनौतियां हैं, एक ओर जहां गंभीर बीमारियों का इलाज व गरीबों को उपचार की समुचित सुविधा मुहैया कराना चुनौतीपूर्ण कार्य है, वहीं दूसरी ओर नई बीमारियां सामने आ रही हैं, जिनके इलाज के लिए कारगर व्यवस्था किया जाना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि ग़रीबी और अमीरी की खाई पढ़ाई, इलाज आदि तमाम क्षेत्रों में दिख रही है। इस चुनौती का सामना करने के लिए राज्य सरकार ने निर्धन व कमजोर वर्गों के हित में अनेक कदम उठाए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत काम किया है। ग़रीबों के लिए मुफ्त इलाज की व्यवस्था की है। कैंसर, हृदय रोग, किडनी तथा लीवर की गंभीर बीमारियों से ग्रसित ग़रीब लोगों को नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा पूरे प्रदेश में उपलब्ध कराई जा रही है। राज्य सरकार ने इस संबंध में किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय को भी ग़रीबों के नि:शुल्क इलाज के लिए धनराशि उपलब्ध कराई है। चिकित्सकों की कमी को दूर करने व चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा दिए जाने के संबंध में राज्य सरकार की कार्रवाई का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि एमबीबीएस पाठ्यक्रम में 500 सीटों की वृद्धि हुई। इसी प्रकार नए मेडिकल कॉलेजों का संचालन भी प्रारंभ किया गया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन ने भी छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए उम्मीद जताई कि डिग्री प्राप्त करने वाले युवा चिकित्सक मानवता की सेवा करने के अपने संकल्प को ईमानदारी से पूरा करेंगे।
चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डीके गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत किया और संस्थान की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। कार्यक्रम के समापन पर उन्होंने अतिथियों के प्रति धन्यवाद भी ज्ञापित किया। दीक्षांत कार्यक्रम में मेडिसिन, डेंटल तथा नर्सिंग संकायों के लगभग 800 छात्र-छात्राओं को डिग्री प्रदान की गई। पच्चीस छात्र-छात्राओं को 32 स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। एमबीबीएस में सर्वाधिक पदक कुमारी वंदना ने प्राप्त किए। उन्हें चांसलर मेडल, हिवेट मेडल सहित 17 स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। दीक्षांत समारोह में कारागार मंत्री राजेंद्र चौधरी, विज्ञान एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री अभिषेक मिश्रा, लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके महरोत्रा, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा जेपी शर्मा, सचिव राज्यपाल चंद्रप्रकाश, विशेष कार्याधिकारी मुख्यमंत्री जगदेव सिंह सहित चिकित्सा विश्वविद्यालय के शिक्षक, विद्यार्थी और गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

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