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झींगा पर अमरीका ने कि‍या भारत का समर्थन

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Monday 23 September 2013 09:10:00 AM

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नई दिल्‍ली। अमरीकी अंतर्राष्‍ट्रीय व्‍यापार आयोग (यूएसआईटीसी) ने व्‍यवस्‍था दी है कि भारत, चीन, इक्‍वाडोर, मलेशि‍या और वि‍यतनाम से गर्म पानी वाले हि‍माच्‍छादि‍त झींगो के आयात से अमरीकी उद्योग को कोई क्षति ‍नहीं होगी। यूएसआईटीसी ने भारत और अन्‍य छह देशों पर काउंटरवेलिंग शुल्‍क लगाने के खि‍लाफ 4-2 से वोट कि‍या। आयोग के इस नकारात्‍मक फैसले से अमरीकी वाणि‍ज्‍य वि‍भाग भारत, चीन इक्‍वाडोर, मलेशि‍या और वि‍यतनाम से इन उत्‍पादों के आयात पर काउंटरवेलिंग शुल्‍क नहीं लगाएगा। इससे भारतीय झींगा उद्योग और उसके नि‍र्यातकों को भारी राहत मि‍ली है।
उल्‍लेखनीय है कि‍ वाणि‍ज्‍य सचि‍व एसआर राव, काउंटरवेलिंग ड्यूटी के बारे में पहले ही वि‍चार व्‍यक्‍त कर चुके थे, कि‍ नतीजा भारत के पक्ष में आएगा। यह मामला उस समय शुरू हुआ, जब खाड़ी झींगा उद्योग के गठबंधन ने 28 सदस्‍यों की ओर से 28 दि‍संबर 2012 को एक याचि‍का दायर की। इस गठबंधन ने दावा कि‍या कि ‍भारतीय झींगा उद्योग को भारत सरकार की सब्‍सि‍डी से अनुचि‍त लाभ मि‍लता है। भारतीय नि‍र्यातक सस्‍ते दामों पर उत्‍पाद बेचते हैं। भारत सरकार की ओर से एमपीईडीए की अध्‍यक्ष लीना नायर ने अमरीकी वाणि‍ज्‍य वि‍भाग से वि‍चार-वि‍मर्श कि‍या और अमरीकी अंतर्राष्‍ट्रीय व्‍यापार आयोग के साथ 4 जनवरी 2013 को बैठक की। सम्‍मेलन/आयोग की जांच सुनवाई में भी वह शामि‍ल हुईं।
अमरीकी वाणि‍ज्‍य वि‍भाग ने 13 अगस्‍त 2013 को इस बारे में अपना फैसला दि‍या, जो इक्‍वाडोर, भारत, मलेशि‍या, चीन, वि‍यतनाम के पक्ष में तथा इंडोनेशि‍या और थाइलैंड के वि‍पक्ष में है। भारत में नि‍र्यातकों को 10.84 प्रति‍शत सब्‍सि‍डी दी जाती है। एमपीईडीए की अध्‍यक्ष लीना नायर ने कहा कि ‍इससे भारतीय झींगा उद्योग और भारतीय झींगा नि‍र्यातकों को भारी राहत मि‍लेगी। उन्‍होंने जांच में भारत सरकार खासकर एसआर राव, एमपीईडीए और भारतीय समुद्र खाद्य पदार्थ नि‍र्यात संघ के प्रयासों की सराहना की, जि‍ससे भारत के पक्ष में फैसला आया।

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