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ट्राई का अब सार्वजनिक हित में रेटिंग में हस्‍तक्षेप

टेलीविजन रेटिंग एजेंसियों के लिए ट्राई की मार्गदर्शन सिफारिशें

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 11 September 2013 09:18:02 AM

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नई दिल्‍ली। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने टेलीफोन रेटिंग एजेंसियों के लिए मार्गदर्शी-निर्देशों संबंधी अपनी सिफारिशें आज जारी कर दी हैं। सूचना और प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) ने ट्राई से अनुरोध किया है कि वह ट्राई अधिनियम 1997 के अनुच्‍छेद 11 (1) (क) के अंतर्गत भारत में टीआरपी रेटिंग एजेंसियों की ख्‍याति के लिए मार्गदर्शी निर्देश/ख्‍याति विषयक तंत्र विषय पर अपनी सिफारिशें दे। इसमें यह भी कहा गया था कि यदि ख्‍याति व्‍यवस्‍था वर्तमान प्रणाली की त्रुटियों को इंगित कर पाने में विफल रहती है, तो ट्राई अधिनियम के अनुच्‍छेद 11(1) (घ) के अंतर्गत ख्‍याति व्‍यवस्‍था ट्राई को सौंपने की आवश्‍यकता होगी।
ट्राई ने ''भारत में टेलीफोन रेटिंग एजेंसियों के लिए मार्गदर्शी-निर्देश-ख्‍याति व्‍यवस्‍था'' विषय पर परामर्शी पत्र 17 अप्रैल 2013 को जारी किया, जिसमें उन्‍होंने स्‍टेक धारकों से टिप्‍पणियां, अपने विचार रखने को कहा। सत्रह अप्रैल 2013 को खुले सत्र में भी विचार-विमर्श किया गया। परामर्शी प्रक्रिया से प्राप्‍त टिप्‍पणियों तथा अपने निजी विश्‍लेषण के आधार पर प्राधिकरण ने अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप दिया। सिफारिशों की मुख्‍य बातें इस प्रकार हैं-प्राधिकरण उद्योग प्रशासित निकाय जैसे ब्रॉडकास्‍ट आडिएंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के माध्‍यम से टेलीविजन रेटिंग के स्‍व-विनियमन का समर्थन करता है। वर्तमान प्रणाली की कमियों को मार्गदर्शी निर्देशों के अनुसार दूर किया जाए, इसकी सिफारिश की गई है। पात्रता की शर्तों को पूरा करने वाली कोई भी एजेंसी रेटिंग कार्य करने के लिए सूचना-प्रसारण मंत्रालय में आवेदन कर अपना पंजीकरण करा सकती है।
ट्राई की सिफारिशों के आधार पर टेलीविजन रेटिंग एजेंसियों को विनियमित करने हेतु मार्गदर्शी-निर्देशों को दो माह के भीतर सूचना-प्रसारण मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किया जाएगा। सभी रेटिंग एजेंसियों से अपेक्षा की गई है कि वे मार्गदर्शी निर्देशों का पालन करें। इसमें पंजीकरण, पात्रता-मानदंड, क्रास होल्डिंग, कार्यपद्धति, शिकायत निवारण, रेटिंग की बिक्री एवं उपयोग, अंकेक्षण, प्रकाशन, रिपोर्ट अपेक्षाएं तथा दंड संबंधी प्रावधानों के मार्गदर्शी निर्देश हैं। मार्गदर्शी-निर्देशों के प्रभाव में आने के 6 माह के भीतर टेलीविजन दर्शक डाटा संग्रह करने के लिए न्‍यूनतम 20,000 की पैनल होम संख्‍या। तदुपरांत, जब तक पैनल का आकार 50,000 तक नहीं हो जाता, पैनल होमों की संख्‍या 10,000 प्रतिवर्ष बढ़ाई जाए। पैनल होमों का चयन गृहणियों, प्रतिस्‍थापना सर्वे के माध्‍यम से किया जाए, जो कि श्रोताओं के लिए पैनल होमों की संख्‍या का न्‍यूनतम 10 गुणा होगा। पैनल होमों की गोपनीयता एवं निजता बनाए रखने के लिए उद्योग द्वारा स्‍वैच्छिक आचरण संहिता।
रेटिंग एजेंसियों तथा ब्रॉडकास्‍टरों, विज्ञापनदाताओं, विज्ञापन एजेंसियों के बीच '10 प्रतिशत अथवा अधिक की विपुल साम्‍य होल्डिंग' पर प्रतिबंध। रेटिंग एजेंसी को प्रभावी शिकायत निवारण प्रणाली की स्‍थापना करना। रेटिंग एजेंसी द्वारा सृजित डाटा, रिपोर्टों को भुगतान के आधार पर सभी इच्‍छुक स्‍टेक धारकों को पारदर्शी एवं एक समान ढंग से मुहैया कराना। रेटिंग को अपनी संपूर्ण पद्धति, प्रक्रियाओं का तिमाही आधार पर आंतरिक अकेंक्षण कराना तथा वार्षिक आधार पर स्‍वतंत्र अंकेक्षकों के माध्‍यम से अंकेक्षण कराना। सभी अंकेक्षण रिपोर्टों को रेटिंग एजेंसी की वेबसाइट पर डालना। दस लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक का वित्‍तीय दंड तथा पंजीकरण रद्द करने सहित मार्गदर्शी निर्देशों का पालन न करने पर दंड का प्रावधान।
यह प्राधिकरण विश्‍वस्‍त एवं पारदर्शी टेलीविजन रेटिंग प्रणाली के क्रियान्‍वयन के संबंध में वर्ष 2008 से अपनी सिफारिशें/स्‍पष्‍टीकरण प्रस्‍तुत कर रहा है। विगत चार वर्षों से प्राधिकरण संस्‍थागत विश्‍वसनीय रेटिंग प्रणाली पर केंद्रित की गई सिफारिशों के कार्यान्‍वयन में उद्योग और सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने नगण्‍य से शून्‍य प्रगति हासिल की है, चूंकि नीतिगत अवधारणा को लंबे समय से कार्यरूप नहीं दिया गया है, अत: इसके कार्यान्‍वयन हेतु समयबद्धता अब एक महत्‍वपूर्ण घटक हो जाता है। मार्गदर्शी निर्देशों वस्‍तुत: वर्तमान प्रणाली की खामियों को दूर करके इसे और बिगड़ने से बचाने के लिए तैयार किए जाते हैं। मार्गदर्शी निर्देशों का शीघ्र कार्यान्‍वयन अब आवश्‍यक हो गया है। क्षेत्र विनियामक चूंकि क्षेत्र के सम्‍यक विकास के लिए उत्‍तरदायी होता है, अंत: प्राधिकरण सतत निष्क्रियता को मूकदर्शक बनकर नहीं देख सकता और सार्वजनिक हित में स्‍वेच्‍छा से हस्‍तक्षेप भी कर सकता है। सिफारिशों की पूर्ण विषयवस्‍तु ट्राई की वेबसाइट trai.gov.in पर उपलब्‍ध है।

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