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राष्‍ट्रपति ने 336 शिक्षकों को राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार बांटे

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Friday 6 September 2013 10:55:26 AM

pranab mukherjee

नई दिल्‍ली। राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शिक्षक दिवस पर विज्ञान भवन में देशभर के चयनित शिक्षकों को राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया। राष्‍ट्रपति ने कहा कि ठोस शिक्षा प्रणाली प्रबुद्ध समाज की रीढ़ है। उन्‍होंने कहा कि शिक्षा वह आधार है, जिस पर प्रगति‍शील और लोकतांत्रिक समाज खड़ा होता है और जहां कानून का शासन चलता है और समाज के लोग एक दूसरे के अधिकारों को सम्‍मान देते हैं। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि विकास का अर्थ लोगों से है, लोगों के मूल्‍यों से तथा सांस्‍कृतिक विरासत के प्रति आस्‍था से है। देश के दूसरे राष्‍ट्रपति डॉ एस राधाकृष्‍णन का जन्‍म दिवस 5 सितंबर देश भर में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। डॉ एस राधाकृष्‍णन महान विद्वान और दार्शनिक थे। शिक्षकों को राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार से सम्‍मानित करने का प्रचलन 1958 से शुरू हुआ और इसका उद्देश्‍य शिक्षकों के सम्‍मान को बढ़ाना था। प्रत्‍येक पुरस्‍कार के तहत एक प्रमाण-पत्र, एक रजत पदक तथा 25 हजार रूपए नकद दिए जाते हैं।
राष्‍ट्रपति ने कहा कि मूल्‍यों को आकार देने के लिए शिक्षा की भूमिका महत्‍वपूर्ण होनी चाहिए। नैतिक क्षितिज बढ़ाने के लिए शिक्षकों की भूमिका अति महत्‍वपूर्ण है, युवाओं में सभ्‍यता से उपजे मूल्‍य भरना शिक्षकों का दायित्‍व है। राष्‍ट्रपति ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्‍ता की लगातार समीक्षा के लिए हमें एक प्रणाली विकसित करनी होगी, हमारे शैक्षणिक संस्‍थानों में ऐसे शिक्षक हैं, जो युवाओं के विचारों को नया रूप से दे सकते हैं। शब्‍दों और कर्मों के जरिए ऐसे शिक्षक विद्यार्थियों को प्रेरित करने के साथ-साथ उन्‍हें कार्य कुशलता और सोच के नए स्‍तर पर ले जा सकते हैं। इस अवसर पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री एमएम पल्‍लम राजू, मानव संसाधन विकास राज्‍य मंत्री जतिन प्रसाद और मानव संसाधन विकास राज्‍य मंत्री शशि थरूर भी उपस्थित थे।
राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 336 शिक्षकों को उनके उल्‍लेखनीय योगदान के लिए राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया। उन्‍होंने शिक्षकों से कहा कि वे भारत को अगले स्‍वर्ण युग में ले जाने के लिए दृढ़ रहें। राष्‍ट्र निर्माण में शि‍क्षकों की भूमिका स्‍व‍ीकार करते हुए उन्‍होंने ऐसी शिक्षा व्‍यवस्‍था की जरूरत पर जोर दिया जिसमें बच्‍चे पूछताछ की भावना, सहिष्‍णुता और स्‍व‍स्‍थ वाद-विवाद की क्षमता विकसित कर सकें। उन्‍होंने कहा कि ठोस शिक्षा प्रणाली विकास का अधिकार है। ज्ञान के क्षेत्र में देश के गौरवपूर्ण अतीत याद दिलाते हुए राष्‍ट्रपति ने कहा कि भारत की ऐसी स्थिति इसलिए थी, क्‍योंकि समाज में शिक्षकों को आदर दिया जाता था। राष्‍ट्रपति ने लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने का आह्वान करते हुए कहा कि लड़कियों को शिक्षा देने से मना करना सबसे दुखद पहलू है। राष्‍ट्रपति ने कहा कि हमारा लक्ष्‍य 'सबके लिए ज्ञान और ज्ञान के लिए सभी' होना चाहिए।
मानव संसाधन विकास मंत्री डॉक्‍टर एमएम पल्‍लम राजू कहा कि योग्‍यता संपन्‍न शिक्षकों की भर्ती, शिक्षा क्षेत्र में प्रतिभा सम्‍पन्‍न लोगों को लाने तथा स्‍कूलों और कॉलेजों में शिक्षा के स्‍तर को सुधारने के मकसद से शिक्षकों तथा शिक्षण पर राष्‍ट्रीय मिशन की शुरूआत शीघ्र की जाएगी। राष्‍ट्रीय मिशन में शिक्षकों का पेशेवर कैडर बनाया जाएगा, उनके प्रदर्शन का मानक तैयार होगा तथा उनके पेशेवर विकास के लिए श्रेष्‍ठ संस्‍थागत सुविधाएं दी जाएंगी। मानव संसाधन विकास राज्‍य मंत्री जतिन प्रसाद ने कहा कि सर्व शिक्षा अभियान की सफलता से माध्‍यमिक शिक्षा की मांग बढ़ी है। शिक्षा को सर्वाधिक मूल्‍यवान प्राकृतिक संसाधन मानते हुए उन्‍होंने कहा कि सरकार सभी बच्‍चों को शिक्षा देने के लिए कृत संकल्‍प है। समारोह में 177 प्राइमरी शिक्षकों तथा 140 माध्‍यमिक शिक्षकों को सम्‍मानित किया गया। संस्‍कृत के 6 शि‍क्षकों तथा 4 मदरसा शिक्षकों को भी सम्‍मानित किया गया।

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