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शिक्षा के अधिकार से उच्‍च शिक्षा बढ़ी

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Monday 19 August 2013 08:53:39 AM

नई दिल्‍ली। मानव संसाधन विकास राज्‍य मंत्री डॉ शशि थरूर ने आज राज्‍यसभा में बताया कि सर्वशिक्षा अभियान के तहत, जब से शिक्षा का अधिकार अधिनियम अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए आया है, तब से राज्‍यों को कुल 43 हज़ार 668 स्‍कूलों, 7 लाख 460 हजार अतिरिक्‍त कक्षाओं, 5 लाख 46 हज़ार 513 शौचालयों और 33 हज़ार 703 पेयजल सुविधाओं को मंजूरी दी गयी है।
डॉ थरूर ने ब‍ताया कि बच्‍चों के अधिकार के तहत, नि:शुल्‍क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के अनुसार 6-14 आयु वर्ग के सभी बच्‍चों के लिए मुफ्त और आवश्‍यक शिक्षा का प्रावधान है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम क्रियान्‍वयन के जारी रहने से उच्‍च शिक्षा पर सकारात्‍मक प्रभाव पड़ेगा। आरंभिक शिक्षा तक पहुंच उपलब्‍ध कराने के वास्‍ते देश के सबसे योग्‍य आवासीय स्‍थानों में पड़ोसी स्‍कूल, आवासीय स्‍कूल या परिवहन सुविधाएं उपलब्‍ध कराई गई हैं। शिक्षा के वास्‍ते जि़ला सूचना प्रणाली के अनुसार, आरंभिक स्‍तर पर बच्‍चों के नामांकन में 2008-09 में 18.77 करोड़ के मुकाबले, 2011-12 में 19.90 करोड़ तक की बढ़ोत्‍तरी हुई है। जिससे उच्‍च शिक्षा की मांग में और तेजी आयेगी।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के अंतर्गत प्रगतिशील स्‍कूलों के लिए विशेष नियम और मानक बनाये गए हैं। जिला सूचना प्रणाली 2011-12 के अनुसार सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्‍त स्‍कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात 59.05 फीसदी, 65.35 प्रतिशत स्‍कूलों में बालिका शौचालय, 87.81 फीसदी स्‍कूलों में बालक शौचालय, 94.26 प्रतिशत विद्यालयों में पेयजल और 61.66 प्रतिशत स्‍कूलों में रैम्‍प की सुविधा है। सर्वशिक्षा अभियान और शिक्षा का अधिकार अधिनियम को लागू करने का उद्देश्‍य शिक्षा की गुणवत्‍ता के स्‍तर में सुधार लाना है, जिससे कि आरंभिक विद्यालय से उत्‍तीर्ण छात्र माध्‍यमिक, उच्‍चतर माध्‍यमिक और उच्‍च शिक्षा के योग्‍य बन सकें।

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