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शहीद वीर साहिबजादों को श्रद्धापूर्वक श्रद्धांजलि!

पीएम नरेंद्र मोदी ने वीर बाल दिवस पर साहिबजादों का स्मरण किया

'क्रूर मुगलों के विरुद्ध चट्टान बनकर खड़े हुए थे वीर साहिबजादे'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 26 December 2025 06:25:10 PM

the prime minister remembered the sahibzadas on veer bal diwas.

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीर बाल दिवस पर वीर साहिबजादों के बलिदान का श्रद्धापूर्वक स्मरण किया और कहाकि यह दिन साहस, दृढ़ संकल्प और धर्मनिष्ठा से जुड़ा हुआ है। प्रधानमंत्री भारत मंडपम दिल्ली में वीर बाल दिवस के राष्ट्रीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर देशभर से आए बच्चों की वंदे मातरम की सुंदर प्रस्तुति की सराहना की। नरेंद्र मोदी ने कहाकि आजके दिन राष्ट्र भारत के गौरव और अदम्य साहस एवं वीरता के प्रतीक वीर साहिबजादों को याद करता है, जिन्होंने आयु और स्तर की सीमाओं को तोड़ते हुए क्रूर मुगल साम्राज्य के विरुद्ध चट्टान की तरह खड़े होकर धार्मिक कट्टरता और आतंक के अस्तित्व को हिला दिया था। प्रधानमंत्री ने उल्‍लेख कियाकि हमारे गौरवशाली राष्ट्र की युवा पीढ़ी केपास ऐसी प्रेरणादायक विरासत हैं, हमारा देश कुछ भी हासिल करने में सक्षम है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि जबभी 26 दिसंबर का दिन आता है, तो उन्हें इसबात का सुकून मिलता हैकि सरकार ने साहिबजादों के शौर्य से प्रेरित होकर वीर बाल दिवस मनाना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहाकि पिछले चार वर्ष में इस नई परंपरा ने साहिबजादों की प्रेरणा को युवा पीढ़ी तक पहुंचाया है और साहसी एवं प्रतिभाशाली युवाओं के निर्माण केलिए एक मंच तैयार किया है। गौरतलब हैकि प्रत्‍येक वर्ष राष्ट्र केलिए विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करने वाले बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया करते हैं और इसवर्ष भी देशभर से 20 बच्चों को यह पुरस्कार मिला है। प्रधानमंत्री ने कहाकि कुछने असाधारण वीरता का प्रदर्शन किया, कुछने सामाजिक सेवा और पर्यावरण संरक्षण में सराहनीय योगदान दिया, कुछने विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नवाचार किया, जबकि कई ने खेल, कला और संस्कृति में योगदान दिया। नरेंद्र मोदी ने पुरस्कार विजेताओं से कहाकि यह सम्मान न केवल उनके लिए है, बल्कि उनके माता-पिता, शिक्षकों और मार्गदर्शकों केलिए भी है, क्‍योंकि उनके प्रयासों को मान्यता दी जा रही है। प्रधानमंत्री ने विजेताओं और उनके परिवारों को उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
वीर बाल दिवस को श्रद्धा से परिपूर्ण बताते हुए नरेंद्र मोदी ने वीर साहिबजादा अजीत सिंहजी, साहिबजादा जुझार सिंहजी, साहिबजादा जोरावर सिंहजी और साहिबजादा फतेह सिंहजी को स्मरण किया। नरेंद्र मोदी ने कहाकि उनका संघर्ष और बलिदान देश के मूलभूत सिद्धांतों और धार्मिक कट्टरता यानी सत्य और असत्य केबीच था, इसमें एक तरफ दसवें गुरु श्रीगुरु गोविंद सिंहजी का नेतृत्व था और दूसरी तरफ औरंगजेब का क्रूर शासन। प्रधानमंत्री ने कहाकि हालांकि साहिबजादे युवा थे, फिरभी औरंगजेब भारतीयों का मनोबल तोड़ने और उन्हें जबरन धर्म परिवर्तन कराने केलिए दृढ़ संकल्पित था, इसलिए उसने उन्हें निशाना बनाया। उन्होंने कहाकि औरंगजेब और उसके सेनापति यह भूल गए थेकि श्रीगुरु गोविंद सिंहजी कोई साधारण व्यक्ति नहीं थे, बल्कि तपस्या और त्याग की साक्षात मूर्ति थे और साहिबजादों को यही विरासत मिली थी। उन्होंने कहाकि संपूर्ण मुगल साम्राज्य की शक्ति के बावजूद चारों साहिबजादों में से एकभी विचलित नहीं हुआ। प्रधानमंत्री ने साहिबजादा अजीत सिंहजी के शब्दों को याद किया, जो आजभी उनके साहस की गूंज हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि कुरुक्षेत्र में कुछही दिन पहले श्रीगुरु तेगबहादुर जी की 350वीं शहादत वर्षगांठ पर राष्ट्र ने उन्हें याद किया था। उन्होंने कहाकि यह सोचना गलत हैकि श्रीगुरु तेग बहादुरजी के बलिदान से प्रेरणा लेने वाले साहिबजादे मुगल अत्याचारों से भयभीत होंगे। प्रधानमंत्री ने कहाकि माता गुजरी, श्रीगुरु गोविंद सिंह और चारों साहिबजादों का साहस और आदर्श प्रत्येक भारतीय को शक्ति प्रदान करते हैं और प्रेरणास्रोत बने हुए हैं। उन्होंने कहाकि साहिबजादों के बलिदान की गाथा प्रत्येक नागरिक की जुबान पर होनी चाहिए थी, लेकिन दुर्भाग्य से आजादी केबाद भी गुलामी की मानसिकता हावी रही। उन्होंने बतायाकि इस मानसिकता का बीज 1835 में ब्रिटिश राजनेता मैकाले ने बोया था और आजादी के बादभी इसे मिटाया नहीं जा सका, इसके कारण दशकों तक ऐसे सत्यों को दबाने के प्रयास किए गए। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारतीय बलिदानों और वीरता की स्मृतियों को अब दबाया नहीं जाएगा और देश के नायकों व नायिकाओं को अब हाशिए पर नहीं रखा जाएगा। उन्होंने कहाकि सरकार यहीं नहीं रुकी है और बतायाकि 2035 में मैकाले की साजिश के 200 वर्ष पूरे हो जाएंगे और शेष 10 वर्ष में भारत गुलामी की मानसिकता से पूर्णमुक्ति प्राप्‍त कर लेगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि एकबार जब देश इस मानसिकता से मुक्त हो जाएगा तो वह स्वदेशी परंपराओं पर अधिक गर्व करेगा और आत्मनिर्भरता के पथ पर और आगे बढ़ेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवा भारत संगठन के युवाओं को संबोधित करते हुए कहाकि ये युवा पीढ़ी (जेनरेशन जेड) और जेनरेशन अल्फा का प्रतिनिधित्व करती है और यही पीढ़ी भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को पूरा करेगी। एक कहावत का हवाला देते हुए नरेंद्र मोदी ने समझायाकि अगर कोई बच्चा समझदारी से बोले तो उसे स्वीकार करना चाहिए, जिसका अर्थ हैकि महानता उम्र से नहीं, बल्कि कर्मों और उपलब्धियों से परिभाषित होती है। उन्होंने कहाकि देश प्रतिभा की खोज करता है, मंच प्रदान करता है और 140 करोड़ नागरिकों की शक्ति को उनकी आकांक्षाओं के साथ जोड़ता है। उन्होंने कहाकि डिजिटल इंडिया की सफलता केसाथ युवाओं केपास इंटरनेट की शक्ति और सीखने के संसाधन मौजूद हैं, इनमें विज्ञान, प्रौद्योगिकी और उद्यमिता के क्षेत्रमें आगे बढ़ने वाले युवाओं केलिए स्टार्टअप इंडिया और खेल में प्रगति करने वाले युवाओं के लिए खेलो इंडिया जैसी पहल शामिल हैं। उन्होंने बताया कि दो दिन पहले ही उन्होंने सांसद खेल महोत्सव में भाग लिया था। यह युवाओं की प्रगति में सहयोग देने वाले विभिन्न मंचों को दर्शाता है। प्रधानमंत्री ने युवाओं से लक्ष्य पर केंद्रित रहने का आग्रह किया और उन्हें अल्पकालिक लोकप्रियता के आकर्षण में न फंसने की चेतावनी दी। उन्होंने युवाओं से राष्ट्र के आदर्शों और महान व्यक्तित्वों से प्रेरणा लेने और यह सुनिश्चित करने का आह्वान कियाकि उनकी सफलता केवल उन्हीं तक सीमित न रहे, बल्कि राष्ट्र की सफलता बने।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि वीर साहिबजादों ने यह नहीं देखाकि रास्ता कितना कठिन था, बल्कि यह देखाकि रास्ता सही था या नहीं, और इस बातपर बल दियाकि आजभी उसी भावना की आवश्यकता है। उन्होंने देश के युवाओं से बड़े सपने देखने, कड़ी मेहनत करने और कभीभी अपना आत्मविश्वास न टूटने देने की उम्मीद जताई। नरेंद्र मोदी ने उल्‍लेख कियाकि देश का भविष्य बच्चों और युवाओं के भविष्य में चमकेगा, बच्‍चों और युवाओं का साहस, प्रतिभा और समर्पण राष्ट्र की प्रगति का मार्गदर्शन करेगा। प्रधानमंत्री ने यह कहते हुए अपना संबोधन समाप्त कियाकि इसी विश्वास, जिम्मेदारी और निरंतर गति केसाथ भारत अपने भविष्य की ओर बढ़ता रहेगा। वीर बाल दिवस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी, सावित्री ठाकुर, रवनीत सिंह और हर्ष मल्होत्रा भी उपस्थित थे।

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