'सिविल सेवक कानून और नीतियां प्रभावी ईमानदारी से लागू करें'
भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों को ओम बिरला का संबोधनस्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Thursday 30 October 2025 05:50:20 PM
नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा हैकि युवा सिविल सेवक विधायिका के कानूनों और नीतियों को जमीनी स्तरपर प्रभावी ढंग से लागू करें और संविधान की भावना अपने कर्तव्यों के निर्वहन, अपने कार्यों, आचरण में प्रदर्शित करें और उनमें बाबासाहेब डॉ भीमराव आंबेडकर की प्रतिपादित जनसेवा की भावना प्रतिबिंबित होनी चाहिए। उन्होंने कहाकि कानून का शासन और उसका प्रभावी क्रियांवयन आर्थिक और सामाजिक विकास का मूलभूत आधार है और 2047 तक विकसित भारत के विजन को साकार करने केलिए यह बेहद जरूरी है। उन्होंने यह बात संसदीय लोकतंत्र अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के दो दिवसीय प्रशंसा पाठ्यक्रम में भारतीय पुलिस सेवा के 77वें राष्ट्रीय पुलिस बैच के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कही।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहाकि भारतीय संविधान राष्ट्र का मार्गदर्शन करता रहेगा। उन्होंने कहाकि व्यापक बहस और विचार विमर्श केबाद संविधान सभा ने एक ऐसा संविधान बनाया, जो आजभी गौरव और मार्गदर्शन का स्रोत है और जिसकी दुनियाभर में प्रशंसा होती है। युवा आईपीएस अधिकारियों को सेवा और समर्पण का मंत्र देते हुए ओम बिरला ने उनसे आग्रह कियाकि वे अपने काम को केवल एक दायित्व न मानकर, सच्ची सेवा और समर्पण की भावना से अपना कर्तव्य निभाएं। उन्होंने कहाकि ईमानदारी, समर्पण और देशभक्ति केसाथ काम करने वाले अधिकारी जनता का विश्वास और सम्मान प्राप्त करते हैं और जनता की सेवा करने से एक अद्वितीय उपलब्धि और व्यक्तिगत संतुष्टि का अनुभव होता है। स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के संवैधानिक मूल्यों पर ओम बिरला ने कहाकि पुलिस अधिकारियों को अक्सर चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करने के बावजूद समाज के सबसे कमजोर वर्गों की सेवा केलिए काम करना चाहिए और उन लोगों को न्याय सुनिश्चित करना चाहिए, जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहाकि युवा आईपीएस अधिकारियों पर बहुत बड़ी ज़िम्मेदारियां और जनता की अपेक्षाएं होती हैं, जिन्हें उन्हें अपनी पूरी क्षमता से पूरा करने का प्रयास करना चाहिए। सार्वजनिक जीवन में अपने लंबे सफ़र का हवाला देते हुए ओम बिरला ने समाज की बेहतरी केलिए जनप्रतिनिधियों, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों केबीच घनिष्ठ समन्वय से काम करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहाकि प्रभावी पुलिसिंग सुनिश्चित करने और क़ानून के शासन को बनाए रखने केलिए पुलिस अधिकारियों को अपने समुदायों केसाथ घनिष्ठ संपर्क बनाए रखना चाहिए। ओम बिरला ने आईपीएस में महिला अधिकारियों की बढ़ती संख्या की सराहना की और उनकी संवेदनशीलता व सहानुभूति को रेखांकित किया, जिससे पुलिस बल को मजबूती मिलती है और जनता केप्रति सेवा में सुधार होता है।
ओम बिरला ने कहाकि आईपीएस अधिकारियों को पारंपरिक पुलिसिंग कर्तव्यों केसाथ साइबर अपराध और आपदा प्रबंधन जैसी आधुनिक चुनौतियों से निपटने केलिए तकनीकी रूपसे कुशल और सुविज्ञ होना चाहिए। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों को नई दंड संहिताओं के गहन अध्ययन केलिए प्रोत्साहित किया, ताकि वे कानून की मूल भावना और अक्षरशः समझ सकें। उन्होंने कहाकि आईपीएस अधिकारियों को संगठित अपराध, आतंकवाद और साइबर अपराध जैसे अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों से निपटने में वैश्विक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए, साथही निर्दोषों की रक्षा और दोषियों को पकड़ने के सिद्धांतों का पालन करना चाहिए। लोकसभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह ने स्वागत भाषण दिया। लोकसभा सचिवालय के संयुक्त सचिव गौरव गोयल ने धन्यवाद ज्ञापन किया।