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पूर्वोत्‍तर रेलवे और विद्युत परियोजनाओं को अतिरिक्‍त धन

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Thursday 18 July 2013 01:02:14 PM

indian railway

नई दिल्‍ली। पूर्वोत्‍तर राज्‍यों में रेलवे विद्युत उत्‍पादन और राजमार्गों से जुड़ी परियोजनाओं के लिए अतिरिक्‍त धनराशि उपलब्‍ध करायी जायेगी। इसके साथ ही इस क्षेत्र में आधारभूत संरचना से जुड़ी विभिन्‍न परियोजनाओं पर निगरानी रखने के लिए एक उच्‍चाधिकार प्राप्‍त समिति भी गठित की जायेगी। ये निर्णय गुरूवार को पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं के विकास की स्थिति की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्‍यक्षता में हुई बैठक में लिये गए। बैठक में वित्‍त, नागरिक उड्डयन, रेलवे, सड़क परिवहन और राजमार्ग, दूरसंचार, ऊर्जा तथा पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विभाग के मंत्रियों और योजना आयोग के उपाध्‍यक्ष ने भाग लिया।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने योजना आयोग को बुनियादी सुविधाओं से जुड़ी परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने के लिए अंतर्राज्यीय समन्‍वय बढ़ाने के ध्‍येय से पूर्वोत्‍तर राज्‍यों के मुख्‍यमंत्रियों की बैठक बुलाने का भी निर्देश दिया। बैठक में मंत्रालयों से जुड़ी विभिन्‍न परियोजनाओं की समीक्षा की गयी और उनके कार्यान्‍वयन में तेजी लाने पर जोर दिया गया, ताकि इस क्षेत्र के राज्‍यों को आपस में और शेष देश से भौतिक और इलेक्‍ट्रॉनिक रूप से भली-भांति जोड़ा जा सके। योजना आयोग के उपाध्‍यक्ष ने बताया कि 11वीं योजना के दस्‍तावेज में प्रधानमंत्री के कहने पर पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के संबंध में अलग से अध्‍याय जोड़ा गया था। उससे पूर्वोत्‍तर के आठ राज्‍यों के विकास में गति आई और वह राष्‍ट्रीय औसत 8 प्रतिशत की तुलना में 9.95 प्रतिशत रहा।
बैठक में तय किया गया कि वित्‍त मंत्रालय इस क्षेत्र की तीन रेल परियोजनाओं को मार्च 2014 से पहले 400 करोड़ की अतिरिक्‍त धनराशि देगा। रेल मंत्रालय जनवरी 2014 में इन मार्गों पर रेल सेवा का परीक्षण करना चाहता है। बैठक में बताया गया कि ऊर्जा मंत्रालय इस क्षेत्र में विभिन्‍न कारणों से रूकी परियोजनाओं को पुन: शुरू कर रहा है। विद्युत संप्रेषण की क्षमताओं को बढ़ाने पर खासतौर से ध्‍यान दिया जायेगा। अरूणाचल प्रदेश और सिक्किम में विद्युत संप्रेषण लाइन के नेटवर्क के लिए अतिरिक्‍त धनराशि उपलब्‍ध कराई जाएगी।

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