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Saturday 31 May 2025 06:33:19 PM
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की तीनसौवीं जयंती पर देवी अहिल्याबाई महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन में विभिन्न परियोजनाओं का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री इंदौर मेट्रो की शुरुआत की, दतिया और सतना को हवाई सेवाओं से जोड़ा और कहाकि ये सभी प्रोजेक्ट मध्य प्रदेश में जनसुविधाएं बढ़ाएंगे, विकास को गति देंगे और रोज़गार के अनेक नए अवसर बनाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहाकि देवी अहिल्याबाई कहती थींकि शासन का सही अर्थ जनता की सेवा करना और उसके जीवन में सुधार लाना होता है, यह कार्यक्रम उनकी इस सोच को आगे बढ़ाता है। प्रधानमंत्री ने लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर के जीवनदर्शन पर उनकी लोकसेवा, समाजसेवा आध्यात्मिक सेवा पर पूरा फोकस किया। उन्होंने कहाकि यह नाम सुनते ही मन में उनके प्रति श्रद्धा का भाव उमड़ पड़ता है, उनके महान व्यक्तित्व पर बोलने के शब्द कम पड़ जाते हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि देवी अहिल्याबाई इच्छाशक्ति, दृढ़ प्रतिज्ञा की प्रतीक थींकि परिस्थितियां कितनी ही विपरीत क्यों ना हों, परिणाम लाकर दिखाया जा सकता है। उन्होंने कहाकि ढाई तीन सौ साल पहले जब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था, उस समय ऐसे महान कार्य कर जानाकि आसान नहीं था, जो उन्होंने कर दिखाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि लोकमाता अहिल्याबाई ने प्रभुसेवा और जनसेवा को कभी अलग नहीं माना। उन्होंने कहाकि कहते हैंकि लोकमाता हमेशा शिवलिंग अपने साथ लेकर चलती थीं, उस चुनौतीपूर्ण कालखंड में लोकमाता अहिल्याबाई ने अपने राज्य की समृद्धि को नई दिशा दी, देवी अहिल्याबाई भारत की विरासत की बहुत बड़ी संरक्षक थीं, जब देशकी संस्कृति, मंदिरों, तीर्थ स्थलों पर हमले हो रहे थे, तब लोकमाता ने उन्हें संरक्षित किया, काशी विश्वनाथ मंदिर सहित पूरे देशमें अनेक मंदिरों, तीर्थों का पुनर्निर्माण किया। उन्होंने कहाकि माता अहिल्याबाई ने 300 साल पहले गवर्नेंस का एक ऐसा उत्तम मॉडल अपनाया, जिसमें गरीबों और वंचितों को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी गई, तालाब बनवाए, कृषि, वन उपज आधारित कुटीर उद्योग और हस्तकला को प्रोत्साहित किया, खेती को बढ़ावा, छोटी नहरों का जाल बिछाया, कपास और मसालों की खेती को प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहाकि हम सिर्फ धान की खेती करके या गन्ने की खेती करके एक जगह अटक नहीं सकते, हमें औरभी उत्पादित करना चाहिए। उन्होंने कहाकि लोकमाता अहिल्याबाई ने आदिवासी समाज केलिए खेती की बड़ी योजनाएं बनाईं, विश्व प्रसिद्ध माहेश्वरी साड़ी केलिए नए उद्योग लगाए और बहुत कम लोगों को पता होगाकि देवी अहिल्या हुनर की पारखी थीं, जिन्होंने माहेश्वरी साड़ी का काम आगे बढ़ाया, जो आज अनेक परिवारों का गहना बन गया है और जिससे हमारे बुनकरों को बहुत फायदा हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि देवी अहिल्याबाई को कई बड़े सामाजिक सुधारों के लिए भी हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने कहाकि देवी अहिल्या ने मातृशक्ति और बेटियों का गौरव बढ़ाया, महिलाओं को भी संपत्ति में अधिकार दिया, उन्होंने मालवा की सेना में महिलाओं की एक विशेष टुकड़ी बनाई थी, ये बात पश्चिम की दुनिया को पता नहीं है, हमें कोसते रहते हैं, हमारी माताओं बहनों के अधिकारों के नामपर हमें नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं, अहिल्याबाई राष्ट्र निर्माण में नारीशक्ति के अमूल्य योगदान का प्रतीक हैं। उन्होंने कहाकि देश की करोड़ों बहनें आज पहलीबार घर की मालकिन बनी हैं, बड़ी संख्या में बेटियां वैज्ञानिक, डॉक्टर, इंजीनियर, पायलट बन रही हैं, साइंस और गणित पढ़ने वाली बेटियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, आज जितने भी हमारे बड़े स्पेस मिशन हैं, उनमें हमारी माताएं बहनें बेटियां काम कर रही हैं। उन्होंने कहाकि हमारा प्रयास हैकि नीति निर्माण में बेटियों की भागीदारी लगातार बढ़े, बीते एक दशक में इसके लिए एक के बाद एक अनेक कदम उठाए गए हैं, हमारी सरकार में पहलीबार पूर्णकालिक महिला रक्षामंत्री बनी, पहलीबार देश की वित्तमंत्री एक महिला बनी, पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, इसबार 75 सांसद महिलाएं हैं, लेकिन हमारा प्रयास हैकि ये भागीदारी और बढ़े, नारीशक्ति वंदन अधिनियम के पीछे भी यही भावना है, हमारी सरकार ने इसे पारित किया, जिससे संसद और विधानसभाओं में महिला आरक्षण पक्का हो गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत संस्कृति और संस्कारों का देश है और सिंदूर हमारी परंपरा में नारीशक्ति का प्रतीक है, रामभक्ति में रंगे हनुमानजी भी सिंदूर को ही धारण किए हुए हैं, शक्तिपूजा में हम सिंदूर का अर्पण करते हैं और यही सिंदूर अब भारत के शौर्य का प्रतीक बना है। प्रधानमंत्री ने कहाकि पहलगाम में नारीशक्ति को चुनौती आतंकवादियों और उनके आकाओं का काल बन गई। उन्होंने कहाकि ऑपरेशन सिंदूर आतंकवादियों के खिलाफ भारत के इतिहास का सबसे बड़ा और सफल ऑपरेशन है। उन्होंने कहाकि ऑपरेशन सिंदूर ने डंके की चोटपर कह दिया हैकि आतंकवादियों के जरिए छद्म युद्ध नहीं चलेगा, अगर तुम गोली चलाओगे तो गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा। उन्होंने कहाकि ऑपरेशन सिंदूर हमारी नारीशक्ति के सामर्थ्य का भी प्रतीक बना है, इसमें बीएसएफ का बड़ा रोल रहा है, जम्मू से लेकर पंजाब, राजस्थान और गुजरात की सीमा तक बड़ी संख्या में बीएसएफ की हमारी बेटियां मोर्चे पर थीं, उन्होंने सीमापार से होने वाली फायरिंग का मुंहतोड़ जवाब दिया, कमांड एंड कंट्रोल सेंटर्स से लेकर दुश्मन की पोस्टों को ध्वस्त करने तक बीएसएफ की वीर बेटियों ने अद्भुत शौर्य दिखाया है, आज दुनिया राष्ट्ररक्षा में भारत की बेटियों का सामर्थ्य देख रही है, हमारी सेना ने पहली बार सैनिक स्कूलों के दरवाज़े बेटियों के लिए खोले हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि 2014 से पहले एनसीसी में सिर्फ 25 प्रतिशत कैडेट्स ही बेटियां होती थीं, आज उनकी संख्या 50 प्रतिशत की तरफ बढ़ रही है, यह देश में एक औऱ नया इतिहास बना है, नेशनल डिफेंस एकेडमी से महिला कैडेट्स का पहला बैच पास आउट हुआ है, आज सेना नौसेना और वायुसेना में बेटियां अग्रिम मोर्चे पर तैनात हो रही हैं, फाइटर प्लेन से लेकर आईएनएस विक्रांत युद्धपोत तक वीमेन ऑफीसर्स अपनी जांबाजी दिखा रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमारी नौसेना की वीर बेटियों के साहस का ताज़ा उदाहरण भी देश के सामने है, नाविका सागर की परिक्रमाकर नेवी की दो वीर बेटियों ने करीब ढाई सौ दिनों की समुद्री यात्रा पूरी की है, धरती का चक्कर लगाया है, हज़ारों किलोमीटर की ये यात्रा उन्होंने ऐसी नाव से की जो मोटर से नहीं, बल्कि हवा से चलती है। उन्होंने कहाकि सोचिए ढाईसौ दिन समंदर में रहना, ये दिखाता हैकि चुनौती कितनी भी बड़ी हो, भारत की बेटियां उस पर विजय पा सकती हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन हों या फिर सीमापार का आतंक हो, आज हमारी बेटियां भारत की सुरक्षा की ढाल बन रही हैं, मैं देवी अहिल्या की इस पवित्र भूमि से देश की नारीशक्ति को फिर से सैल्यूट करता हूं।
प्रधानमंत्री ने कहाकि देवी अहिल्याबाई के विजन से आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण को देश गति दे रहा है, आज मध्यप्रदेश को पहली मेट्रो सुविधा मिली है, इंदौर पहले ही स्वच्छता केलिए दुनिया में अपनी पहचान बना चुका है, अब इंदौर की पहचान उसकी मेट्रो से भी होने जा रही है, भोपाल में भी मेट्रो का काम तेज़ी से चल रहा है, मध्य प्रदेश में रेलवे के क्षेत्र में व्यापक काम हो रहा है। उन्होंने कहाकि केंद्र सरकार ने रतलाम-नागदा रूट को चार लाइनों में बदलने के लिए स्वीकृति दे दी है, इससे इस क्षेत्र में और ज्यादा ट्रेनें चल पाएंगी, भीड़भाड़ कम होगी, केंद्र सरकार ने इंदौर-मनमाड रेल परियोजना को भी मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहाकि मध्य प्रदेश के दतिया और सतना भी हवाई यात्रा के नेटवर्क जुड़ने से बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में एयर कनेक्टिविटी बेहतर होगी, अब माँ पीतांबरा, मां शारदा देवी और पवित्र चित्रकूट धाम के दर्शन करना और सुलभ हो जाएगा। उन्होंने कहाकि भारत, इतिहास के उस मोड़ पर है, जहां हमें अपनी सुरक्षा, अपने सामर्थ्य और अपनी संस्कृति, हर स्तरपर काम करना है, हमारे सामने लोकमाता देवी अहिल्याबाई की प्रेरणा है, रानी लक्ष्मीबाई, रानी दुर्गावती, रानी कमलापति, अवंतीबाई लोधी, कित्तूर की रानी चेनम्मा, रानी गाइडिन्ल्यू, वेलु नाचियार, सावित्रीबाई फुले नाम हमें गौरव से भर देते हैं। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री मोहन यादव, टेक्नोलॉजी के माध्यम से जुड़े केंद्रीय मंत्री, इंदौर से तोखन साहू, दतिया से राम मोहन नायडू, सतना से मुरलीधर मोहोल, उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, राजेंद्र शुक्ला, लोकसभा सदस्य वीडी शर्मा, जनप्रतिनिधि और विशाल जन समूह में महिलाएं मौजूद थीं।