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एचएएल एवं वीईएम टेक्नोलॉजीज में साझेदारी

एलसीए तेजस के लिए पहला सेंटर फ्यूजलेज एचएएल को सौंपा गया

देश की सुरक्षा संप्रभुता केलिए स्वदेशी व आत्मनिर्भर विनिर्माण पर जोर

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 31 May 2025 03:38:56 PM

partnership between hal and vem technologies

हैदराबाद। देश में स्वदेशी रक्षा विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ावा देते हुए हल्के लड़ाकू विमान तेजस एमके 1ए केलिए पहला सेंटर फ्यूजलेज एचएएल को सौंप दिया गया है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के हैदराबाद मुख्यालय में यह साझेदारी प्रक्रिया सचिव रक्षा उत्पादन संजीव कुमार और एचएएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) डॉ डीके सुनील की उपस्थिति में पूरी हुई। पहलीबार एलसीए तेजस केलिए एक प्रमुख सब असेंबली का निर्माण एक निजी भारतीय कंपनी एचएएल कर रही है। संजीव कुमार ने एलसीए एमके 1ए के उत्पादन में तेजी लाने केलिए एचएएल और मेसर्स वीईएम टेक्नोलॉजीज केबीच साझेदारी की सराहना की। उन्होंने कहाकि रक्षा उत्पादन में लगभग 10 प्रतिशत वार्षिक दर से उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है, साथही देश के रक्षा निर्यात में भी वृद्धि हो रही है। संजीव कुमार ने उल्लेख कियाकि यह रक्षा उद्योगों और एचएएल जैसी सार्वजनिक क्षेत्रकी इकाइयों के सहयोग के बिना संभव नहीं था। उन्होंने कहाकि देश की सुरक्षा एवं संप्रभुता सर्वोपरि है और इसे स्वदेशी विनिर्माण तथा आवश्यक उपकरणों की आपूर्ति के बिना हासिल नहीं किया जा सकता, जो सशस्त्रबलों की आवश्यकताओं को पूरा कर सकें।
एचएएल के मुख्य कार्यकारी निदेशक ने एलसीए तेजस के उत्पादन में टियर-1 और एमएसएमई आपूर्तिकर्ताओं की तीव्र वृद्धि को उल्लेखनीय बताया। यह पहल एचएएल बेंगलुरु में दो मौजूदा उत्पादन लाइनों और एचएएल नासिक में एक लाइन के अलावा एलसीए एमके1ए केलिए चौथी उत्पादन लाइन स्थापित करने में मील का पत्थर साबित हुई है। उन्होंने आश्वासन दियाकि एचएएल प्रमुख उप असेंबली केसाथ ही एलसीए विमान का उत्पादन बढ़ाएगा और भारतीय वायुसेना को समय पर वितरण सुनिश्चित करेगा। एचएएल ने निजी साझेदारों को सहयोग देकर और जिग्स, फिक्सचर्स, टूल्स व तकनीकी जानकारी जैसे इनपुट प्रदान करके राष्ट्रीय एयरोस्पेस इकोसिस्टम का निर्माण किया है। एचएएल ने एलएंडटी, अल्फा टोकोल, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड, वीईएम टेक्नोलॉजीज और लक्ष्मी मशीन वर्क्स जैसी कंपनियों को केंद्र फ्यूजलेज, ईंधन ड्रॉप टैंक, तोरण, रियर फ्यूज़लेज, पंख, पतवार तथा वायु अंतर्ग्रहण जैसी जटिल उपसंयोजनों का उत्पादन करने में सक्षम बनाया है।
एलसीए तेजस डिवीजन को पहले ही एमके1ए विन्यास में एयर इनटेक असेंबली, रियर फ्यूज़लेज असेंबली, लूम असेंबली, फिन और रडार असेंबली के संरचनात्मक मॉड्यूल प्राप्त हो चुके हैं। एचएएल इस आउटसोर्सिंग मॉडल को भविष्य की परियोजनाओं में विस्तारित करने की योजना बना रहा है, जिससे भारतीय रक्षा उद्योग की विशेषज्ञता केसाथ इसकी आंतरिक क्षमताभी और मजबूत हो। गौरतलब हैकि एचएएल आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप एयरोस्पेस और रक्षाक्षेत्र में स्वदेशीकरण को बढ़ावा दे रहा है। एचएएल ने 2448 एमएसएमई सहित 6300 से अधिक भारतीय कारोबारियों केसाथ भागीदारी की है, इससे हजारों कुशल रोज़गार अवसरों का सृजन हुआ है और घरेलू आपूर्ति श्रृंखला में सशक्त योगदान मिला है। एचएएल ने बीते तीन वर्ष में देश के कारोबारियों को 13763 करोड़ रुपये के ऑर्डर दिए हैं और स्वयं भी विभिन्न मंचों पर जटिल विमान प्रणालियों एवं महत्वपूर्ण घटकों के स्वदेशीकरण पर सक्रिय रूपसे कार्य कर रहा है।

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