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Monday 26 May 2025 07:23:06 PM
दाहोद (गुजरात)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दाहोद में 24000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विकास परियोजनाओं का समारोहपूर्वक शिलान्यास और उद्घाटनकर उन्हें राष्ट्र को समर्पित किया। वडोदरा में रोड शो के दौरान राष्ट्र और उसके सशस्त्र बलों का सम्मान करने केलिए एकत्र हुईं हजारों महिलाओं की सराहना और अटूट समर्थन केलिए सम्मान और हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहाकि दाहोद त्याग और समर्पण की भूमि है एवं जनता जनार्दन का देशप्रेम व राष्ट्रप्रथम की भावना का एक अविस्मरणीय उदाहरण है। उन्होंने स्मरण कियाकि महर्षि दधीचि ने सृष्टि की रक्षा केलिए दूधमती नदी के तटपर अपना जीवन त्याग दिया था और संकटकाल में स्वतंत्रता सेनानी तात्या टोपे का साथ दिया एवं मानगढ़ धाम श्रीगुरु गोविंद सिंह और सैकड़ों जनजातीय योद्धाओं के बलिदान का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशाल जनसमुदाय से कहाकि भारत के सांस्कृतिक मूल्य अन्याय के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हैं और प्रश्न कियाकि क्या पहलगाम में आतंकवादी हमले केबाद राष्ट्र चुप रह सकता था? उन्होंने कहाकि ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत के मूल्यों और भावनाओं का प्रतिबिंब है। उन्होंने कहाकि आतंकवादियों को अपने कुकृत्यों के दुष्परिणाम का कोई अनुमान नहीं था, जिन्होंने बच्चों के सामने उनके पिता की क्रूर हत्याएं कीं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि ऐसी तस्वीरें देश में आक्रोश पैदा करती हैं, क्योंकि 140 करोड़ भारतीयों को आतंकवाद से चुनौती मिली थी। प्रधानमंत्री ने कहाकि देशके सशस्त्रबलों को आतंकवाद से निपटने की पूरी आजादी दी हुई है, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को सफलतापूर्वक अंजाम दिया, सशस्त्रबलों ने पाकिस्तान में नौ प्रमुख आतंकवादी ठिकानों की पहचानकर उन्हें 22 मिनट में ही नेस्तनाबूद कर दिया। प्रधानमंत्री ने कहाकि पाकिस्तानी सेना ने जवाबी कार्रवाई करने के जो प्रयास किए, भारतीय सेना ने उन्हें पूरी तरह से धूल चटा दी। प्रधानमंत्री ने सशस्त्र बलों की वीरता केप्रति सम्मान जताया और दाहोद से उनके साहस और समर्पण को सलाम किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत के विभाजन केबाद पैदा हुए पाकिस्तान ने सदैव भारत केप्रति शत्रुता और नुकसान पहुंचाने पर ध्यान केंद्रित किया है, दूसरी ओर भारत ग़रीबी उन्मूलन, अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और विकास हासिल करने केलिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने कहाकि एक विकसित भारत का निर्माण तभी हो सकता है, जब उसकी सशस्त्र सेना और अर्थव्यवस्था दोनों मजबूत हों। उन्होंने कहाकि सरकार इस दिशामें लगातार काम कर रही है, ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक विकास एकसाथ हो सके। उन्होंने कहाकि 26 मई का दिन विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इसीदिन उन्होंने 2014 में पहलीबार प्रधानमंत्री के रूपमें शपथ ली थी। उन्होंने गुजरात के लोगों के अटूट समर्थन और आशीर्वाद को स्वीकार किया, जिसने दिनरात देश की सेवा केलिए उनके समर्पण को बढ़ावा दिया है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि देश निराशा और अंधकार के युग से निकलकर आत्मविश्वास और आशावाद के युग में प्रवेश कर चुका है, जहां 140 करोड़ भारतीय एक विकसित भारत के निर्माण में एकजुट हैं। उन्होंने कहाकि भारत की आत्मनिर्भरता समय की मांग है, भारत वैश्विक विनिर्माण क्षेत्रमें तेजीसे आगे बढ़ रहा है और घरेलू उत्पादन और निर्यात दोनों में लगातार वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहाकि भारत अब स्मार्टफोन, ऑटोमोबाइल, खिलौने, रक्षा उपकरण और दवाओं सहित कई तरह के उत्पादों का निर्यात कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत न केवल रेल और मेट्रो तकनीक का विनिर्माण कर रहा है, बल्कि इसे वैश्विक स्तरपर निर्यात भी कर रहा है, इसका एक प्रमुख उदाहरण दाहोद है, जहां हजारों करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शुभारंभ कर दिया गया है। उन्होंने दाहोद इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव फैक्ट्री को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूपमें रेखांकित किया। उन्होंने तीन वर्ष पूर्व इसकी आधारशिला रखने को याद किया और गर्वपूर्वक कहाकि अब पहला इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव सफलतापूर्वक विनिर्मित कर दिया गया है। उन्होंने लोकोमोटिव को झंडी दिखाकर रवाना किया और कहाकि गुजरात ने अपने रेलवे नेटवर्क का 100 प्रतिशत विद्युतीकरण हासिल कर लिया है। उन्होंने इसे एक उल्लेखनीय उपलब्धि बताया और इसके लिए गुजरात के लोगों को बधाई दी। दाहोद केसाथ अपने दीर्घकालिक संबंधों और इस क्षेत्रसे जुड़ी कई यादों का स्मरण करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि वे दशकों से दाहोद आते रहे हैं, वे अपने शुरुआती वर्षों में अक्सर साइकिल से इस क्षेत्रका भ्रमण करते थे। उन्होंने कहाकि अनुभवों से उन्हें दाहोद की चुनौतियों और संभावनाओं दोनों को समझने का अवसर मिला है, गुजरात के मुख्यमंत्री का पद संभालने केबाद भी वे कईबार इस क्षेत्रका दौरा करते रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि दाहोद में हर विकास पहल से उन्हें अपार संतुष्टि मिलती है। प्रधानमंत्री ने मेट्रो सेवाओं के विस्तार और सेमी हाईस्पीड ट्रेनों की शुरुआत पर जोर दिया, जिससे देशभर में कनेक्टिविटी रूपांतरित हो रही है। उन्होंने कहाकि वंदे भारत ट्रेनें अब लगभग 70 रूटों पर चल रही हैं, जो भारत के परिवहन नेटवर्क को और सुदृढ़ बनाती हैं। उन्होंने अहमदाबाद और वेरावल केबीच नई वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत की घोषणा की। उन्होंने कहाकि भारत में आधुनिक ट्रेनों का उदय देश की प्रौद्योगिकी में प्रगति की वजह से है, कोच और इंजन अब घरेलू स्तरपर विनिर्मित होते हैं, जिससे आयात पर निर्भरता कम होती है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत रेलवे उपकरणों के प्रमुख निर्यातक के रूपमें उभरा है, भारत ऑस्ट्रेलिया को मेट्रो कोच और इंग्लैंड, सऊदी अरब और फ्रांस को ट्रेन कोच निर्यात करता है। उन्होंने कहाकि मैक्सिको, स्पेन, जर्मनी और इटली भी भारत से रेलवे से संबंधित कंपोनेंट आयात करते हैं, भारतीय यात्री कोच मोजाम्बिक और श्रीलंका में उपयोग में लाए जा रहे हैं और 'मेड इन इंडिया' इंजनों को कई देशों में निर्यात किया जा रहा है। उन्होंने कहाकि यह मेक इन इंडिया पहल के निरंतर विस्तार को दर्शाता है तथा राष्ट्रीय गौरव को मजबूत करता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि एक मजबूत रेलवे नेटवर्क सुविधाएं बढ़ाता है और उद्योगों तथा कृषि को बढ़ावा देता है। उन्होंने कहाकि भारत के कई क्षेत्रोंमें बीते दशक में पहलीबार रेलवे कनेक्टिविटी मिली है गुजरात के कई क्षेत्रोंमें पहले केवल छोटी, धीमी गति वाली ट्रेनें थीं, लेकिन अब कई नैरो गेज मार्गों का विस्तार किया गया है, दाहोद और वलसाड केबीच नई एक्सप्रेस ट्रेन सहित कई रेलवे मार्गों से जनजातीय क्षेत्र को बहुत लाभ होगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि कारखाने युवाओं केलिए व्यापक स्तरपर रोज़गार के अवसर पैदा करते हैं, दाहोद की रेल फैक्ट्री 9000 हॉर्स पावर के इंजनों का विनिर्माण करेगी, जिससे भारत की रेलगाड़ियों की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। उन्होंने कहाकि दाहोद में बनने वाले हर इंजन पर शहर का नाम अंकित होगा, आनेवाले वर्ष में सैकड़ों इंजन बनाए जाएंगे, जिससे स्थानीय युवाओं केलिए पर्याप्त रोज़गार पैदा होगा। उन्होंने कहाकि यह कारखाना रेलवे के पुर्जे बनाने वाले छोटे उद्योगों को भी समर्थन देगा, जिससे आसपास के क्षेत्रोंमें आर्थिक विकास होगा। उन्होंने कहाकि रोज़गार के अवसर फैक्ट्री से परे भी उपलब्ध हैं, जिससे किसानों, पशुपालकों, दुकानदारों और मजदूरों को लाभ मिलता है तथा व्यापक आर्थिक प्रगति सुनिश्चित होती है।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि गुजरात ने शिक्षा, आईटी, सेमीकंडक्टर और पर्यटन सहित कई क्षेत्रोंमें उल्लेखनीय प्रगति की है, इसने खुदको विभिन्न उद्योगों में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित किया है। उन्होंने कहाकि गुजरात में हजारों करोड़ रुपये के निवेश से एक प्रमुख सेमीकंडक्टर प्लांट स्थापित किया जा रहा है, जो वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग में भारत की स्थिति को और मजबूत करेगा। उन्होंने कहाकि ये पहल गुजरात में लाखों युवाओं केलिए रोज़गार के नए अवसर पैदा कर रही हैं, जो राज्य की आर्थिक वृद्धि और विकास में योगदान दे रही हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि दाहोद, वडोदरा, गोधरा, कलोल और हलोल ने सामूहिक रूपसे गुजरात में एक उच्च तकनीक इंजीनियरिंग और विनिर्माण गलियारा स्थापित किया है, वडोदरा विमान विनिर्माण में तेजी से आगे बढ़ रहा है और कुछही महीने पहले एयरबस असेंबली लाइन का उद्घाटन किया गया है। उन्होंने कहाकि वडोदरा में भारत का पहला गति शक्ति विश्वविद्यालय भी है। उन्होंने कहाकि सावली में पहले सेही एक प्रमुख रेल कार विनिर्माण कारखाना है, जबकि दाहोद में अब भारत के सबसे शक्तिशाली इंजनों 9000 हॉर्सपावर इंजन का उत्पादन करने वाली एक सुविधा केंद्र है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि गोधरा, कलोल और हलोल में विनिर्माण इकाइयों, छोटे उद्योगों व एमएसएमई की महत्वपूर्ण उपस्थिति है, जो गुजरात के औद्योगिक विकास में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहाकि गुजरात का यह क्षेत्र साइकिल और मोटरसाइकिल से लेकर रेलवे इंजन और विमान तक सबकुछ बनाने केलिए जाना जाएगा, इस तरहका उच्च तकनीक इंजीनियरिंग और विनिर्माण गलियारा वैश्विक स्तरपर दुर्लभ है, जो एक औद्योगिक महाशक्ति के रूपमें गुजरात की स्थिति को मजबूत करता है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि विकसित भारत केलिए जनजातीय क्षेत्रों का विकास आवश्यक है और गुजरात के जनजातीय क्षेत्रों में काम करने के उनके लंबे अनुभव ने राष्ट्रीय स्तर की पहल में योगदान दिया है। नरेंद्र मोदी ने उस समय को याद किया, जब गुजरात में जनजातीय बच्चों को विज्ञान की पढ़ाई करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता था। उन्होंने कहाकि आज जनजातीय क्षेत्रमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध है, अच्छे कॉलेज, आईटीआई, मेडिकल कॉलेज और इन समुदायों की सेवा करने वाले दो समर्पित जनजातीय विश्वविद्यालय हैं। उन्होंने कहाकि 11 वर्ष में एकलव्य मॉडल स्कूलों का नेटवर्क काफी मजबूत हुआ है, जिससे जनजातीय छात्रों केलिए बेहतर शैक्षिक अवसर सुनिश्चित हुए हैं, दाहोद में ही कई एकलव्य मॉडल स्कूल हैं, जो जनजातीय शिक्षा को अधिक बढ़ावा दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहलीबार जनजातीय गांवों के उत्थान केलिए एक बड़ी योजना शुरू की गई है। उन्होंने कहाकि 'धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान' एक ऐतिहासिक पहल है, जिसके कार्यांवयन केलिए केंद्र सरकार लगभग 80 हजार करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। उन्होंने कहाकि गुजरात सहित देशभर के 60 हजार से अधिक गांवों में विकास कार्य किए जा रहे हैं, इन गांवों को जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए बिजली, पानी, सड़क, स्कूल और अस्पतालों से सुसज्जित किया जा रहा है। उन्होंने कहाकि जनजातीय परिवारों केलिए पक्के घर बनाए जा रहे हैं, जिससे समुदाय केलिए जीवनयापन की बेहतर स्थिति सुनिश्चित हो रही है। नरेंद्र मोदी ने सबसे सीमांत जनजातीय समुदायों के उत्थान केलिए अपनी प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहाकि उनकी सरकार उन लोगों को प्राथमिकता देती है जिनकी लंबे समय से अनदेखी की गई है। उन्होंने कहाकि पहलीबार सरकार ने विशेष रूपसे निर्बल जनजातीय समूहों को सहायता देने के लिए पीएम जनमन योजना शुरू की है, जो दशकों से आवश्यक सुविधाओं से वंचित रहे हैं, इस योजना केतहत जनजातीय गांवों में नए बुनियादी ढांचे और सुविधाओं का विकास किया जा रहा है, जिससे इन समुदायों केलिए अधिक आर्थिक और सामाजिक समावेश सुनिश्चित हो रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि जनजातीय समुदायों को सिकल सेल एनीमिया से मुक्त करने केलिए राष्ट्रीय मिशन केतहत लाखों जनजातीय नागरिक पहले ही जांच करवा चुके हैं, दाहोद ऐसाही एक जिला था, लेकिन आज यह एक आकांक्षी जिले के रूपमें प्रगति कर रहा है, जो आधुनिक बुनियादी ढांचे और स्मार्ट सुविधाओं केसाथ परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि दक्षिण दाहोद को पानी की भीषण किल्लत का सामना करना पड़ा था, लेकिन अब सैकड़ों किलोमीटर लंबी पाइपलाइनें बिछाई गई हैं, जिससे नर्मदा का पानी हरघर तक पहुंचना सुनिश्चित हुआ है। उन्होंने कहाकि पिछले वर्षों में उमरगाम से अंबाजी तक 11 लाख एकड़ भूमि को सिंचाई से जोड़ा गया है, जिससे जनजातीय समुदायों केलिए खेती करना सुगम हो गया है। उन्होंने कहाकि वे नवविकसित सुविधाओं का सर्वोत्तम उपयोग करेंगे और दाहोद को देश के सबसे विकसित जिलों में से एक बनाएंगे। कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल, केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।