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प्रधानमंत्री ने भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियां गिनाईं

'मिशन गगनयान अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में देश की बढ़ती ताकत का प्रतीक'

वैश्विक अंतरिक्ष अन्वेषण शिखर सम्मेलन ग्लेक्स में ऑनलाइन संबोधन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 7 May 2025 03:16:19 PM

pm narendra modi

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से आज वैश्विक अंतरिक्ष अन्वेषण शिखर सम्मेलन ग्लेक्स-2025 में दुनियाभर से आए विशिष्‍ट प्रतिनिधियों, वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष यात्रियों का स्वागत करते हुए भारत की उल्लेखनीय अंतरिक्ष प्रगति पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने कहाकि अंतरिक्ष केवल एक गंतव्य नहीं है, बल्कि जिज्ञासा, साहस और सामूहिक प्रगति की घोषणा है। उन्होंने कहाकि वर्ष 1963 में एक छोटे रॉकेट को लॉंच करने से लेकर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव केपास उतरने वाला पहला देश बनने तक भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियां इसी भावना को दर्शाती हैं। उन्होंने कहाकि भारत के रॉकेट सिर्फ पेलोड नहीं ले जाते, बल्कि 1.4 अरब भारतीयों के सपनों को भी साथ ले जाते हैं। उन्होंने कहाकि भारत की अंतरिक्ष प्रगति महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपलब्धि है और 2014 में अपने पहले प्रयास में मंगल पर पहुंचने की भारत की ऐतिहासिक उपलब्धि को याद किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि चंद्रयान-1 ने चंद्रमा पर पानी की खोज में मदद की, चंद्रयान-2 ने चंद्र सतह की हाई रिज़ॉल्यूशन वाली तस्वीरें दीं और चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव को लेकर हमारी समझ को गहराई दी। उन्होंने कहाकि भारत ने रिकॉर्ड समय में क्रायोजेनिक इंजन विकसित किए, एकही मिशन में 100 उपग्रहों को प्रक्षेपित किया और भारतीय प्रक्षेपण यानों का उपयोग करके 34 देशों केलिए 400 से अधिक उपग्रहों को सफलतापूर्वक स्थापित किया। इस वर्ष अंतरिक्ष में दो उपग्रहों को डॉक करने की भारत की नवीनतम उपलब्धि का उल्लेख करते हुए इसे अंतरिक्ष अन्वेषण में एक बड़ा कदम बताया। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत की अंतरिक्ष यात्रा दूसरों केसाथ प्रतिस्पर्धा करने के बारेमें नहीं है, बल्कि एकसाथ अधिक से अधिक ऊंचाइयों तक पहुंचने के बारेमें है। उन्होंने मानवता के लाभ केलिए अंतरिक्ष की खोज के सामूहिक लक्ष्य पर जोर दिया। उन्होंने दक्षिण एशियाई देशों केलिए एक उपग्रह के सफल प्रक्षेपण को याद करते हुए कहाकि यह क्षेत्रीय सहयोग केलिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। नरेंद्र मोदी ने घोषणा कीकि भारत की अध्यक्षता में शुरू किया गया जी20 सैटेलाइट मिशन ग्लोबल साउथ में एक महत्वपूर्ण योगदान होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत आत्मविश्वास केसाथ लगातार वैज्ञानिक अन्वेषण की सीमाओं को बढ़ावा दे रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत का पहला मानव अंतरिक्षयान मिशन 'गगनयान' अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में देश की बढ़ती आकांक्षाओं और ताकत को दर्शाता है, आने वाले हफ्तों में एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री इसरो और नासा के संयुक्त मिशन केतहत अंतरिक्ष की यात्रा करेगा। उन्होंने भारत के दीर्घकालिक दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए कहाकि 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन अभूतपूर्व अनुसंधान और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की सुविधा देगा। उन्होंने कहाकि 2040 तक एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर अपने पदचिन्ह छोड़ेगा और मंगल एवं शुक्र भारत की भविष्य की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं में प्रमुख लक्ष्य बने रहेंगे। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत केलिए अंतरिक्ष का मतलब सिर्फ खोज करना नहीं, बल्कि सशक्तिकरण भी है। उन्होंने कहाकि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी शासन और आजीविका में सुधार लाती है और पीढ़ियों को प्रेरित करती है। उन्होंने मछुआरों को सतर्क करने केलिए अपनाई गई चेतावनी की व्यवस्था, गतिशक्ति प्लेटफॉर्म, रेलवे सुरक्षा और मौसम की भविष्यवाणी में उपग्रहों के योगदान का हवाला देते हुए प्रत्येक भारतीय के कल्याण को सुनिश्चित करने में इन उपग्रहों की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अंतरिक्ष क्षेत्र को स्टार्टअप, उद्यमियों और युवा प्रतिभाओं केलिए खोलकर नवाचार को बढ़ावा देने की भारत की प्रतिबद्धता का उल्लेख किया। उन्होंने बतायाकि भारत में अब 250 से अधिक अंतरिक्ष स्टार्टअप हैं, जो उपग्रह प्रौद्योगिकी, प्रणोदन प्रणाली, इमेजिंग और अन्य अग्रणी क्षेत्रों में प्रगति में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने गर्व से कहाकि भारत के कई अंतरिक्ष मिशनों का नेतृत्व महिला वैज्ञानिक कर रही हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत का अंतरिक्ष दृष्टिकोण वसुधैव कुटुम्बकम के प्राचीन दर्शन में निहित है, भारत की अंतरिक्ष यात्रा केवल अपने विकास के बारेमें नहीं है, बल्कि वैश्विक ज्ञान को समृद्ध करने, साझा चुनौतियों का समाधान करने और भावी पीढ़ियों को प्रेरित करने के बारेमें है। उन्होंने सहयोग केलिए भारत की प्रतिबद्धता पर बल देते हुए कहाकि राष्ट्र एकसाथ सपने देखने, एकसाथ निर्माण करने और एकसाथ सितारों तक पहुंचने केलिए खड़ा है। प्रधानमंत्री ने एक बेहतर भविष्य केलिए सामूहिक आकांक्षा के अनुरूप अंतरिक्ष अन्वेषण में एक नया अध्याय शुरू करने के आह्वान केसाथ अपने भाषण का समापन किया।

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