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लखनऊ में मधु बाजपेयी की लोक कलाओं की एकल प्रदर्शनी

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Thursday 11 July 2013 11:26:22 AM

madhu bajpai and rajiv nayan pandya

लखनऊ। राज्य ललित कला अकादमी लखनऊ में डॉ मधु बाजपेयी वरिष्ठ प्रवक्ता मेरठ कॉलेज मेरठ की लोक कलाओं पर आधारित एकल प्रदर्शनी का शुभारंभ हुआ। इसका उद्घाटन आर्ट्स कॉलेज लखनऊ के प्राचार्य पांडया राजीव नयन ने दीप प्रज्जवलित कर किया। प्रदर्शनी में जहां करवा चौथ, अहोई अष्टमी, हलषष्टी (हल छठ), कार्तिक स्नान, नागपंचमी, रथाष्टमी (छठ पूजा), शीतलाष्टमी, बरगद पूजा, शिव अन्नपूर्णा, कुंभ स्नान, नवरात्रि जागरण (डांडिया), यम द्वितीय (भाई दूज) जैसे भारतीय हिंदू त्योहारों पर आधारित चित्र कैनवास पर उकेरे गए थे, वहीं दूसरी ओर सेव गर्ल्स चाइल्डस (बेटी बचाओ), पर्यावरण, हिल स्टेशन, बसंत, प्रतीक्षा जैसे सामाजिक मुद्दों को भी उभारने वाले चित्र प्रदर्शनी में थे।
प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि पांडया राजीव नयन ने कहा कि यह प्रदर्शनी भारतीय लोक आधारित त्योहारों व्रतों व सामाजिक सरोकारों को व्यक्त करने में सार्थक है। प्रदर्शनी के माध्यम से डॉ मधु बाजपेयी ने समाज को गहरा संदेश दिया है, डॉ मधु के चित्र भारतीय संस्कृति के विभिन्न आयामों को प्रतिबिंबित करते है और युवा चित्रकारों के लिए प्रेरणादायी है। प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए लखनऊ के सांसद लालजी टंडन ने कहा कि डॉ मधु बाजपेयी जी का यह पहला प्रयास सराहनीय व प्रसंशनीय है। लालजी टंडन ने इस प्रकार की प्रदर्शनी के विस्तार पर भी जोर दिया, जो समाज में विलुप्त हो रही लोककलाओं के जीवंत रहने के लिए आवश्यक हैं।
लखनऊ पूर्वी के विधायक एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता कलराज मिश्र ने डॉ मधु बाजपेयी को बधाई देते हुए कहा कि यह प्रयास समाज में सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करेगा। इस अवसर पर महापौर डॉ दिनेश शर्मा ने प्रदर्शनी की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि भारतीय लोक कलाओं पर आधारित डॉ मधु बाजपेयी के चित्र समाज में व्रतों एवं त्योहारों की प्रासंगिकता को प्रदर्शित कर रहे हैं। डॉ मधु बाजपेयी ने अपने चित्रों पर कहा कि लोक कला भारतीय संस्कृति से जुड़ी है, धर्म आधारित व्रतों एवं त्योहारों की यह पेंटिंग रचनात्मक सोच बढ़ाती है। यह पेंटिंग दादी-नानी की उन परंपराओं को जो समाज में विस्मृत हो रही हैं, उनकी याद दिलाती है, मस्तिष्क की कल्पनाशीलता को कैनवास पर उतारना एक ध्यान योग क्रिया है, जो सीधे भारतीय संस्कृति से जोड़ती है।
निदेशक, संस्कृति विभाग अनुराधा गोयल ने प्रदर्शनी देखने के बाद कहा कि डॉ मधु का यह प्रयास एक मील का पत्थर है, जो समाज को दिशा देने वाला है। प्रसिद्ध चित्रकार एवं फोटोग्राफर रवि कपूर ने प्रदर्शनी की प्रसंशा करते हुए कहा कि डॉ मधु के चित्र मानव हृदय पर स्पंदन करते हैं। लखनऊ आर्ट्स कॉलेज के सेवानिवृत्त प्रोफेसर गोपाल दत्त शर्मा ने भी डॉ मधु के चित्रों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इन चित्रों में बहुत गहरी भावना छिपी हुई है। प्रदर्शनी का अवलोकन करने वालों में प्रमुख रूप से भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ लक्ष्मीकांत बाजपेयी, पूर्व सांसद रामनारायण साहू, शिवप्रताप शुक्ल, हरद्वार दूबे, ललित कला अकादमी की सचिव बीना विद्यार्थी, डॉ वीएन मिश्रा, संतोष सिंह, अनुपमा जायसवाल, मधु मिश्रा, अनूप गुप्ता, दया शंकर सिंह, हरीश दूबे, रामप्रताप सिंह चौहान, राजकुमार, मनीष दीक्षित, राकेश त्रिपाठी,अमित पाठक, अनीता अग्रवाल, राहुल मिश्रा आदि गणमान्य नागरिक शामिल हैं।

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