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Friday 11 July 2025 01:43:02 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्त संगठन राष्ट्रीय जनजातीय विद्यार्थी शिक्षा समिति (एनईएसटीएस) ने जनजातीय विद्यार्थियों केलिए रोज़गार क्षमता और करियर के अवसरों को और बेहतर करते हुए टाटा मोटर्स लिमिटेड केसाथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। सहयोगात्मक समझौते का उद्देश्य एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों से 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करनेवाले जनजातीय छात्रों को विशेष रूपसे प्रतिष्ठित टाटा मोटर्स कौशल्य कार्यक्रम में उनके नामांकन के माध्यम से कौशलयुक्त शिक्षा और रोज़गार के अवसरों को संयुक्त रूपसे उपलब्ध कराना है। यह पांच वर्षीय समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर की तिथि से प्रभावी भी हो गया है। यह समझौता सामाजिक रूपसे वंचित समुदायों के जीवनस्तर में सुधार लाने, राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों और सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप है, क्योंकि यह रोज़गारपरक और शिक्षा पर केंद्रित है। यह समझौता जनजातीय युवाओं को कुशल कार्यबल में एकीकृत करने केलिए एक सुव्यवस्थित अवसर प्रदान करता है। इससे 28 राज्यों और 8 केंद्रशासित प्रदेशों के ईएमआरएस में नामांकित 50000 से अधिक कक्षा 12 के विद्यार्थियों के लाभांवित होने की संभावना है।
एनईएसटीएस और टाटा के सहयोगात्मक समझौते का मुख्य उद्देश्य आजीविका सृजन में साझा हितों को बढ़ावा देना है। एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय से कक्षा 12 उत्तीर्ण करनेवाले जनजातीय छात्रों का व्यापक टाटा मोटर्स कौशल्य कार्यक्रम में चयन विशिष्ट मानदंडों के आधार पर किया जाएगा जैसे-उनकी आयु 18-23 वर्ष होनी चाहिए, उनके एसएससी (10वीं कक्षा) परीक्षा में न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक होने चाहिएं और उन्होंने ईएमआरएस से अपनी 12वीं कक्षा पूरी कर ली हो। यह कौशल्य कार्यक्रम एक संरचित ‘कमाएं और सीखें’ मॉडल प्रदान करता है, जिसमें इंजीनियरिंग में डिप्लोमा केसाथ साप्ताहिक विश्वविद्यालय/ संस्थान से संचालित कक्षाएं, एनएसक्यूएफ के अनुरूप ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण और विश्वविद्यालय के दिशानिर्देशों के अनुसार नियमित सेमेस्टर परीक्षाएं और मूल्यांकन शामिल हैं। लागू कानून के अनुसार मासिक छात्रवृत्ति वितरित करना, रियायती खान-पान और परिवहन सेवाएं, वर्दी, पीपीई प्रदान करना और विद्यार्थियों को बीमा (मेडिक्लेम, श्रमिक क्षतिपूर्ति के अनुसार व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा) के अंतर्गत शामिल करना।
मेधावी विद्यार्थियों को साझेदारी जैसे-बिट्स पिलानी डब्ल्यूआईएलपी के माध्यम से बीटेक जैसी स्ववित्तपोषित या प्रायोजित उच्चशिक्षा प्राप्त करने का अवसर दिया जाएगा। कार्यक्रम पूरा होने पर ‘एक प्रशिक्षु, एक नौकरी’ नीति का पालन करते हुए भारतभर में टीएमएल के विनिर्माण और सेवा केंद्रों में अवसरों केसाथ प्लेसमेंट सहायता दी जाएगी। टीएमएल और एनईएसटीएस दोनों के सदस्यों वाली एक संयुक्त समीक्षा समिति कार्यक्रम की प्रगति की निगरानी करेगी। यह सहयोग जनजातीय युवाओं को उद्योग संबंधित कौशल और रोज़गार के सीधे रास्ते प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे सकारात्मक प्रभाव पड़ने, आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा मिलने और देशभर के जनजातीय समुदायों के समग्र सामाजिक और आर्थिक विकास में योगदान मिलने की संभावना है। गौरतलब हैकि राष्ट्रीय जनजातीय विद्यार्थी शिक्षा समिति भारतभर में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के माध्यम से जनजातीय विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने केलिए समर्पित है।