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Monday 30 September 2024 04:34:32 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से आज भारतीय पुलिस सेवा के 76 आरआर 2023 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों के एक समूह ने राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। राष्ट्रपति ने आईपीएस प्रोबेशनर्स का स्वागत किया और उन्हें प्रतिष्ठित सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी हैदराबाद में बेसिक कोर्स प्रशिक्षण के चरण 1 के सफल समापन पर बधाई दी एवं उन्हें उनके उज्ज्वल भविष्य के सभी प्रयासों केलिए शुभकामनाएं भी दीं। राष्ट्रपति ने प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहाकि आईपीएस अधिकारियों को सौंपी गई बड़ी जिम्मेदारियां कभी-कभी बेहद तनावपूर्ण हो सकती हैं, इसलिए उन्हें कभी भी अपने मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, उनसे योग, प्राणायाम और विश्राम तकनीकों को अपनी दिनचर्या का अंग बनाने का आह्वान किया। राष्ट्रपति ने उन्हें यहभी याद रखने की सलाह दीकि 'आईपीएस' में 'एस' का मतलब सेवा है और उनका सबसे बड़ा धैय राष्ट्र और उसके नागरिकों की सेवा करना है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि भारतीय पुलिस सेवा केलिए एक प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करने का विचार सरदार वल्लभभाई पटेल का था, वर्ष 1948 में जब इस संस्थान की स्थापना हुई थी, तब उन्होंने कहा थाकि यह भारत में अपनी तरह का पहला संस्थान होगा, उन्होंने यहभी उम्मीद जताई थीकि यह भविष्य की पीढ़ियों केलिए एक प्रेरणादायक उदाहरण स्थापित करेगा। द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि जैसे-जैसे यह विकसित हुआ, यह गर्व केसाथ कहा जा सकता हैकि अकादमी के प्रभारी लोगों की आनेवाली पीढ़ियों ने सरदार वल्लभभाई पटेल के सपने को काफी हदतक साकार किया है। राष्ट्रपति ने कहाकि विभिन्न अखिल भारतीय सेवाओं में से भारतीय पुलिस सेवा का अपना एक अलग महत्व है और कानून व्यवस्था आधुनिक राष्ट्र की नींव है। उन्होंने कहाकि सरल शब्दों में हम यह भी कह सकते हैंकि कई स्थलों और कई स्थितियों में वे साथी नागरिकों केलिए राष्ट्र का चेहरा और राष्ट्र की प्रशासनिक मशीनरी केसाथ उनका संपर्क होंगे। राष्ट्रपति ने कहाकि भारत आनेवाले वर्षों में नई ऊंचाइयों को छूने का लक्ष्य रखता है, ऐसेमें आईपीएस अधिकारियों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि आर्थिक विकास और सामाजिक विकास तभी संभव है, जब कानून का शासन स्थापित हो, कानून व्यवस्था बनाए रखने, न्याय सुनिश्चित करने और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के बिना ‘प्रगति’ एक अर्थहीन शब्द बन जाती है। द्रौपदी मुर्मु ने हालके वर्षों में महिला आईपीएस अधिकारियों की संख्या में तेजीसे हुई वृद्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहाकि महिलाओं की बढ़ती संख्या पुलिसिंग के समग्र चरित्र और पुलिस समुदाय संबंधों को बेहतर बना सकती है और यह राष्ट्र केलिए भी लाभप्रद सिद्ध होगी। राष्ट्रपति ने कहाकि कानून व्यवस्था बनाए रखना, अपराध की रोकथाम और पता लगाना तथा पुलिसिंग के अन्य पहलुओं को प्रौद्योगिकी में प्रगति से लाभ मिला है, हालांकि इसका दूसरा पहलू यह हैकि अपराधियों और आतंकवादियों ने भी बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी का सहारा ले लिया है। राष्ट्रपति ने कहाकि जब दुनियाभर में साइबर अपराध और साइबर युद्ध बढ़ रहे हैं तो आईपीएस अधिकारियों से यह अपेक्षा की जाएगीकि वे तकनीक के जानकार होनेके साथ-साथ अपराधियों से एक कदम आगे रहें।