स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 30 August 2024 06:18:58 PM
मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में आज ग्लोबल फिनटेक फेस्ट-2024 में कहा हैकि देश की अर्थव्यवस्था और बाज़ार उत्सव के मूड में हैं। प्रधानमंत्री मुंबई में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट की प्रदर्शनी का अवलोकन कर रहे थे, जिसमें उन्होंने अपने अनुभवों और बातचीत का जिक्र करते हुए कहाकि फेस्ट में मुंबई के युवाओं के नवाचारों और भविष्य की संभावनाओं की एक पूरी नई दुनिया देखी जा सकती है। जीएफएफ का आयोजन पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और फिनटेक कन्वर्जेंस काउंसिल ने संयुक्त रूपसे किया है, जिसका उद्देश्य फिनटेक में भारत की प्रगति को प्रदर्शित करना और इस क्षेत्रके प्रमुख हितधारकों को एक मंच पर लाना है। प्रधानमंत्री ने इसमें गणमान्य नागरिकों और अतिथियों का स्वागत किया।
भारत के फिनटेक नवाचार की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि पहले भारत आनेवाले विदेशी मेहमान इस मुंबई की सांस्कृतिक विविधता को देखकर आश्चर्यचकित हो जाते थे, लेकिन अब वे इसकी फिनटेक विविधता से भी चकित हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत की फिनटेक क्रांति व्यापक है, जिसे कोईभी व्यक्ति मुंबई एयरपोर्ट पर पहुंचने के क्षण से लेकर स्ट्रीट फूड और शॉपिंग के अनुभव में देख सकता है। उन्होंने कहाकि इन दस वर्ष में उद्योग को 31 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक का रिकॉर्ड निवेश प्राप्त हुआ है और स्टार्टअप में भी 500 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने किफायती मोबाइल फोन, सस्ता डेटा और जीरो बैलेंस से शुरू होनेवाले जनधन बैंक खातों को क्रांति लाने वाला फैसला बताया। नरेंद्र मोदी ने कहाकि आज देश में ब्रॉडबैंड उपयोगकर्ताओं की संख्या 60 मिलियन से बढ़कर 940 मिलियन हो गई है और देश में शायद ही कोई 18 वर्ष का व्यक्ति बिना आधार, एक डिजिटल पहचान के होगा, आज देशमें 530 मिलियन से अधिक लोगों के पास जनधन खाते हैं। उन्होंने कहाकि एक तरह से हमने मात्र 10 वर्ष में पूरे यूरोपीय संघ के बराबर की आबादी को बैंकों से जोड़ दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि जनधन, आधार और मोबाइल की तिकड़ी ने ‘कैश इज किंग’ की मानसिकता को तोड़ दिया है, आज दुनिया में होनेवाले लगभग आधे डिजिटल लेन-देन भारत में हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत का यूपीआई दुनिया में फिनटेक का एक प्रमुख उदाहरण बन गया है, इसने हर मौसम में प्रत्येक गांव और शहर में 24x7 बैंकिंग सेवाओं को सक्षम बनाया है। कोविड महामारी का स्मरण करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत दुनिया के उन मुट्ठीभर देशों में से एक है, जहां इस दौरान बैंकिंग प्रणाली निर्बाध रही। प्रधानमंत्री ने कुछ दिन पहले जनधन योजना की 10वीं वर्षगांठ का जिक्र करते हुए कहाकि यह महिला सशक्तिकरण का एक बड़ा माध्यम बन गया है, अबतक महिलाओं के लिए 29 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले जा चुके हैं, जिससे बचत और निवेश के नए अवसर उपलब्ध हो रहे हैं। उन्होंने कहाकि जनधन खातों के दर्शन परही सबसे बड़ी माइक्रोफाइनेंस योजना, मुद्रा योजना शुरू की गई थी, जिसके तहत अबतक 27 ट्रिलियन रुपये का ऋण वितरित किया जा चुका है। नरेंद्र मोदी ने बतायाकि इस योजना के 70 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं। उन्होंने बतायाकि जनधन खातों का उपयोग स्वयं सहायता समूहों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ने में भी किया जाता हैं, इससे 10 करोड़ ग्रामीण महिलाओं को लाभ हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहाकि जनधन कार्यक्रम ने महिलाओं के वित्तीय सशक्तिकरण की मजबूत आधारशिला रखी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया केलिए समानांतर अर्थव्यवस्था के खतरों के बारेमें सावधान करते हुए कहाकि फिनटेक ने ऐसी व्यवस्था को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई है और इसे पारदर्शिता के उदय का श्रेय भी दिया। उन्होंने कहाकि डिजिटल तकनीक से भारत में पारदर्शिता आई है। उन्होंने सैकड़ों सरकारी योजनाओं में इस्तेमाल किए जानेवाले प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के कार्यांवयन का उदाहरण दिया, जिसने सिस्टम में कदाचार को रोका है। प्रधानमंत्री ने इस बातको दोहरायाकि आज लोग औपचारिक बैंकिंग प्रणाली केसाथ जुड़ने के लाभों को देख सकते हैं। देशमें फिनटेक उद्योग के परिवर्तनों पर प्रधानमंत्री ने कहाकि इसने न केवल भारत के तकनीकी पक्ष को बदल दिया है, बल्कि शहरी और ग्रामीण भारत में मौजूद खाई को पाटकर व्यापक सामाजिक प्रभाव भी डाला है। नरेंद्र मोदी ने बतायाकि वही बैंकिंग सेवाएं जो पहले पूरा दिन लेती थीं और किसानों और मध्यम वर्ग के परिवारों केलिए बाधाएं पैदा करती थीं, अब फिनटेक की मदद से मोबाइल फोन पर आसानी से उपलब्ध हैं। वित्तीय सेवाओं के लोकतंत्रीकरण में फिनटेक की भूमिका का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने आसानी से उपलब्ध ऋण, क्रेडिट कार्ड, निवेश और बीमा के उदाहरण दिए। उन्होंने कहाकि फिनटेक ने ऋण तक पहुंच को आसान और समावेशी बना दिया है।
नरेंद्र मोदी ने पीएम स्वनिधि योजना का उदाहरण दिया, जिसने स्ट्रीट वेंडरों को बिना किसी जमानत के ऋण प्राप्त करने और डिजिटल लेनदेन की मदद से अपने व्यवसाय का विस्तार करने में सक्षम बनाया है। उन्होंने शेयर बाजारों और म्यूचुअल फंड, निवेश रिपोर्ट और डीमैट खाते खोलने के संबंध में आसान पहुंच काभी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने इस बातपर प्रकाश डालाकि दूरस्थ स्वास्थ्य सेवाएं, डिजिटल शिक्षा और कौशल सीखने जैसी सेवाएं फिनटेक के बिना संभव नहीं हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत की फिनटेक क्रांति जीवन की गरिमा और जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में बड़ी भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहाकि भारत की फिनटेक क्रांति की उपलब्धियां केवल नवाचारों के बारेमें नहीं हैं, बल्कि उसे अपनाने के बारेमें भी हैं। उन्होंने इस परिवर्तन को लाने केलिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर की भूमिका की सराहना करते हुए कहाकि इस तकनीक के बारेमें विश्वास पैदा करने केलिए देशमें अद्भुत नवाचार किए गए हैं। डिजिटल ओनली बैंक और नियो-बैंकिंग की आधुनिक अवधारणाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहाकि 21वीं सदी की दुनिया तेज़गति से बदल रही है और मुद्रा से क्यूआर (क्विक रिस्पांस) कोड तक की यात्रा में हमें थोड़ा समय लगा, लेकिन हम रोज़ाना नवाचार देख रहे हैं।
डिजिटल ट्विंस तकनीक की सराहना करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहाकि यह दुनिया के जोखिम प्रबंधन का आकलन करने, धोखाधड़ी का पता लगाने और ग्राहक अनुभव प्रदान करने के तरीकों में बदलाव करने जा रही है। ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स के लाभों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि यह ऑनलाइन शॉपिंग को समावेशी बना रहा है और छोटे व्यवसायों और उद्यमों को बड़े अवसरों से जोड़ रही है। उन्होंने कहाकि आज अकाउंट एग्रीगेटर कंपनियों के सुचारू संचालन केलिए डेटा का उपयोग कर रहे हैं, व्यापार प्लेटफार्मों के कारण छोटे संस्थानों के लिक्विड और कैश फ्लो में सुधार हो रहा है और ई-आरयूपीआई जैसे डिजिटल वाउचर का कई रूपों में उपयोग किया जा रहा है, ये उत्पाद दुनिया के दूसरे देशों केलिए भी समान रूपसे उपयोगी हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत ने एआई केलिए एक वैश्विक ढांचे का आह्वान किया है। उन्होंने कहाकि क्यूआर कोड केसाथ साउंड बॉक्स का उपयोग एक ऐसा ही नवाचार है। उन्होंने भारत के फिनटेक क्षेत्र से सरकार के बैंक सखी कार्यक्रम का अध्ययन करने का भी आग्रह किया और हर गांव में बैंकिंग और डिजिटल जागरुकता फैलाने में बेटियों के प्रयासों पर प्रकाश डाला, जिससे फिनटेक को एक नया बाजार मिला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात पर जोर दियाकि सरकार फिनटेक क्षेत्र की सहायता केलिए नीति स्तरपर सभी आवश्यक बदलाव कर रही है और उन्होंने एंजेल टैक्स को खत्म करने, देश में अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करने केलिए एक लाख करोड़ रुपये आवंटित करने और डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम को लागू करने का उदाहरण दिया। साइबर धोखाधड़ी को समाप्त करने की आवश्यकता का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने नियामकों से डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने केलिए बड़े कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहाकि यह सुनिश्चित करना भी उतनाही महत्वपूर्ण हैकि साइबर धोखाधड़ी देश में फिनटेक और स्टार्टअप के विकास के आड़े न आए। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज भारत की प्राथमिकता सतत आर्थिक विकास है, सरकार उन्नत प्रौद्योगिकियों और नियामक ढांचे के साथ वित्तीय बाजारों को मजबूत करने के लिए मजबूत, पारदर्शी और कुशल प्रणाली बना रही है। उन्होंने ग्रीन फाइनेंस और वित्तीय समावेशन की संतृप्ति के साथ सतत विकास का समर्थन करने का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त कियाकि भारत का फिनटेक इकोसिस्टम भारत के लोगों को गुणवत्तापूर्ण जीवनशैली प्रदान करने में बड़ी भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहाकि हमारा सर्वश्रेष्ठ अभी आना बाकी है। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त कियाकि वे पांच साल बाद जीएफएफ के 10वें संस्करण में फिर उपस्थित होंगे।
ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपस्थित लोगों केसाथ सेल्फी खिंचवाई और बतायाकि एआई के उपयोग से, जो कोईभी व्यक्ति फोटो में खुदको पाता है, वह नमो ऐप के फोटो सेक्शन में जाकर अपनी सेल्फी अपलोड करके इसे एक्सेस कर सकता है। ग्लोबल फिनटेक फेस्ट की पृष्ठभूमि के अनुसार पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और फिनटेक कन्वर्जेंस काउंसिल मिलकर ग्लोबल फिनटेक फेस्ट का आयोजन कर रहे हैं। भारत एवं कई और देशों के नीति निर्माताओं, नियामकों, वरिष्ठ बैंकरों, उद्योग जगत के दिग्गजों और शिक्षाविदों सहित लगभग 800 वक्ता इसमें 350 से अधिक सत्रों को संबोधित करेंगे। इसमें फिनटेक परिदृश्य में नवीनतम नवाचारों को भी प्रदर्शित किया जाएगा। जीएफएफ-2024 में 20 से अधिक विचार नेतृत्व रिपोर्ट और श्वेत पत्र लॉंच किए जाएंगे, जो अभियान और गहन उद्योग जानकारी प्रदान करेंगे। इस अवसर पर भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास और जीएफएफ के अध्यक्ष क्रिस गोपालकृष्णन और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।