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Friday 30 August 2024 12:49:25 PM
विशाखापत्तनम। भारतीय नौसेना में दूसरी अरिहंत श्रेणी की पनडुब्बी ‘आईएनएस अरिघाट’ को विशाखापत्तनम में समारोहपूर्वक शामिल कर लिया गया। इस अवसर पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह उपस्थित थे। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि ‘आईएनएस अरिघाट’ भूमि, जल और वायु प्लेटफॉर्मों पर परमाणु हथियारों की भारत की सैनिक रणनीति (न्यूक्लीयर ट्रायड) को और मजबूत करेगा, परमाणु निवारण बढ़ाएगा, क्षेत्रमें रणनीतिक संतुलन और शांति स्थापित करने में मदद करेगा तथा देश की सुरक्षा में निर्णायक भूमिका निभाएगा। उन्होंने इसे राष्ट्र केलिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि और नरेंद्र मोदी सरकार के रक्षा में आत्मनिर्भरता हासिल करने के अटूट संकल्प का प्रमाण बताया।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस रक्षा क्षमता को हासिल करने में भारतीय नौसेना, डीआरडीओ और उद्योग जगत की कड़ी मेहनत और तालमेल की सराहना की। उन्होंने देश की रक्षा आत्मनिर्भरता को आत्मशक्ति की नींव बताया। उन्होंने प्रशंसा कीकि देश के औद्योगिक क्षेत्र, विशेषकर एमएसएमई को इस परियोजना के माध्यम से भारी बढ़ावा मिला है और इससे अधिक रोज़गार के अवसर पैदा हुए हैं। राजनाथ सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की राजनीतिक इच्छाशक्ति को याद किया, जिन्होंने भारत को परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्रों के समकक्ष खड़ा कर दिया। उन्होंने कहाकि आज भारत विकसित देश बनने की ओर अग्रसर है, जिसके लिए हमें रक्षा सहित हर क्षेत्रमें तेजीसे विकास करने की जरूरत है, खासकर आजके भू-राजनीतिक परिदृश्य में। उन्होंने कहाकि आर्थिक समृद्धि केसाथ-साथ हमें एक मजबूत सेना की जरूरत है, हमारी सरकार यह सुनिश्चित करने केलिए मिशन मोड में काम कर रही है, जिसमें हमारे सैनिकों केपास भारत की धरती पर बने उच्च गुणवत्ता वाले हथियार और प्लेटफॉर्म हों।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बतायाकि ‘आईएनएस अरिघाट’ के निर्माण में उन्नत डिजाइन और विनिर्माण प्रौद्योगिकी, विस्तृत अनुसंधान एवं विकास, विशेष सामग्रियों का उपयोग, जटिल इंजीनियरिंग और अत्यधिक कुशल कारीगरी का इस्तेमाल शामिल था, इसे स्वदेशी प्रणालियों और उपकरणों से युक्त होने का गौरव प्राप्त है, जिनकी अवधारणा, डिजाइन, निर्माण और एकीकरण भारतीय वैज्ञानिकों, उद्योग और नौसेना कर्मियों ने किया था। रक्षामंत्री ने कहाकि अरिघाट पनडुब्बी पर स्वदेशी रूपसे कीगई तकनीकी प्रगति इसे इसके पूर्ववर्ती अरिहंत की तुलना में काफी उन्नत बनाती है। आईएनएस अरिहंत और आईएनएस अरिघाट दोनों की मौजूदगी संभावित शत्रुओं को रोकने और अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने की भारत की क्षमता और बढ़ाएगी।