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निर्वाचन प्रकिया सुधारने के लिए सुझाव भेजें

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 4 July 2013 10:12:20 AM

electronic voting machine

नई दिल्‍ली। विधि आयोग ने चुनाव प्रक्रिया को बेहतर बनाने के उद्देश्य से लोगों से सुझाव, टिप्‍पणी इत्‍यादि मंगवाने की समयावधि 31 जुलाई 2013 तक बढ़ा दी है। चुनाव प्रक्रिया में सुधार लाने के उद्देश्य से उपयुक्‍त कानून बनाने की सिफारिश करने के लिए केंद्र सरकार ने विधि आयोग की सहायता मांगी थी। आयोग ने एक ‘मंत्रणा पत्र’ तैयार किया और विभिन्‍न साझेदारों से उनकी प्रतिक्रियाएं मंगवाई। विभिन्‍न राजनैतिक दलों, राज्‍यों, नागरिक संस्‍थाओं से सुझाव और टिप्‍पणी इत्‍यादि मंगवाई गईं।
विधि आयोग ने अपनी वेबसाइट lawcommissionofindia.nic.in पर इस मंत्रणा पत्र को डाला है, जिसे कोई भी व्‍यक्ति आसानी से डाउनलोड कर सकता है। जो व्‍यक्ति अपना सुझाव, टिप्‍पणी इत्‍यादि भेजना चाहते हों, वे सचिव, विधि आयोग, हिंदुस्‍तान टाइम्‍स हाउस, 14वीं मंजिल, कस्‍तूरबा गांधी मार्ग, नई दिल्‍ली-110001 के पते पर डाक से अथवा ई-मेल से lci-dla@nic.in अथवा स्‍वयं 31 जुलाई 2013 तक पहुंचा सकते हैं। निर्वाचन प्रक्रिया के सुधार के साथ संवैधानिक, राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक, नैतिक और सदाचारी पहलू जुड़े हुए हैं, जिससे कि इसमें सुधार लाना एक चुनौती है। मंत्रणा पत्र में इन सभी पक्षों को ध्‍यान में रखते हुए उन क्षेत्रों पर ध्‍यान आकर्षित किया गया है, जिनमें नीतियों से सुधार लाना आवश्‍यक है।
विधि आयोग जिन मुद्दों पर ध्‍यान केंद्रित किया है वे हैं-उम्मीदवारों की योग्‍यता/ अयोग्‍यता अथवा निर्वाचित सदस्‍यों की अयोग्‍यता, चुनाव में खर्च की गई धनराशि और वह कहां से उपलब्ध‍ हुई, पारदर्शिता, जवाबहदेही, राजनैतिक दलों और उनके उम्‍मीदवारों का नैतिक आचरण, झूठे हलफनामों को दर्ज करना किसी भी उम्‍मीदवार के निर्वाचन को रदद कर सकते हैं। मीडिया में पैसा देकर खबर छपवाना, निर्वाचन के दौरान नियमों का उल्‍लंघन करने से दंड कितना कठोर हो और निर्वाचन के दौरान हुए विवादों का निपटारा- इन सभी परिस्थितियों में स्‍पष्‍ट नीतियों का होना आवश्‍यक है।

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