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'परिवारवाद की राजनीति से लोकतंत्र को ख़तरा'

'तीसरे कार्यकाल में हम विकसित भारत के निर्माण को और गति देंगे'

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री का जवाब

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 6 February 2024 04:12:30 PM

pm narendra modi

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए सदन में सेंगोल के उल्लेख से अपने संबोधन की शुरुआत की, जिसने गौरव और सम्मान केसाथ उस जुलूस का नेतृत्व किया, जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु नए संसद भवन में पहुंची और सभी सांसदों ने उनका अनुसरण किया। प्रधानमंत्री ने इस विरासत को रेखांकित किया, जो सदन की गरिमा को कई गुना बढ़ा देती है। उन्होंने कहाकि 75वां गणतंत्र दिवस, नया संसद भवन और सेंगोल का आगमन बहुत महत्वपूर्ण घटना रही। उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव में अपने विचार और सुझाव देने केलिए सदन के सदस्यों को धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने कहाकि राष्ट्रपति का अभिभाषण तथ्यों के आधार पर एक बहुत बड़ा दस्तावेज है, जिससे यह पता चलता हैकि भारत किस गति और पैमाने से आगे बढ़ रहा है और इस तथ्य के बारेमें भी ध्यान आकर्षित करता हैकि नारी शक्ति, युवा शक्ति, गरीबों और अन्नदाता के चार स्तंभ से ही देश तेजीसे विकसित और मजबूत होगा। उन्होंने कहाकि यह संबोधन इन चार स्तंभों को मजबूत करके देश को विकसित भारत बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
मजबूत विपक्ष की जरूरत पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि लोकतंत्र केलिए परिवारवाद की राजनीति चिंता का कारण है, एक राजनीतिक दल जो एक परिवार चलाता है, अपने सदस्यों को प्राथमिकता देता है और जहां सभी निर्णय परिवार के सदस्य लेते हैं, उसे परिवारवादी राजनीति माना जाता है, न कि उस परिवार को जिसके कई सदस्य जनता की सहायता से अपने बल पर राजनीति में आगे बढ़ रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने लोकतंत्र केलिए परिवारवादी राजनीति के खतरों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहाकि मैं राजनीति में उन सभी युवाओं का स्वागत करता हूं, जो देश की सेवा करने केलिए आगे आ रहे हैं। उन्होंने लोकतंत्र में परिवारवादी राजनीति के उभरते खतरों के बारेमें अफसोस जताया और कहाकि देश में जो विकास हो रहा है, वह किसी एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि हर नागरिक का है। भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था की आज दुनिया सराहना कर रही है इसपर प्रधानमंत्री ने कहाकि यह मोदी की गारंटी हैकि मौजूदा सरकार के तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने कहाकि जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता से भारत के बारेमें विश्व के दृष्टिकोण और उसकी राय सेभी यह सार निकाला जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को समृद्धि की ओर ले जाने में सरकार की भूमिका का उल्लेख करते हुए पिछली सरकार द्वारा 2014 में सदन में पेश किए गए अंतरिम बजट और तत्कालीन वित्तमंत्री के बयान के बारेमें ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने बतायाकि तत्कालीन वित्तमंत्री ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आकार के हिसाब से भारत की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के बारेमें जानकारी दी थी, जबकि आज देश 5वें स्थान पर पहुंच गया है। तत्कालीन वित्तमंत्री का संदर्भ देते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि देश अगले तीन दशक में संयुक्तराज्य अमेरिका और चीन केबाद विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि मैं आज देश को यह आश्वासन देता हूंकि वर्तमान सरकार के तीसरे कार्यकाल में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने कहाकि विश्व हमारी सरकार के कार्य की गति के साथ-साथ उसके बड़े लक्ष्यों और साहस को भी ध्यान से देख रहा है। उन्होंने जनकल्याण केप्रति पिछली सरकारों के आधे-अधूरे दृष्टिकोण और भारत के लोगों में विश्वास की कमी के बारेमें अफसोस जताते हुए भारतीय नागरिकों की ताकत और क्षमताओं में वर्तमान सरकार के विश्वास की पुष्टि की। उन्होंने कहाकि पहले कार्यकाल में हम पिछली सरकारों के गड्ढे भरते रहे, दूसरे कार्यकाल में हमने नए भारत की नींव रखी और तीसरे कार्यकाल में हम विकसित भारत के निर्माण को गति प्रदान करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले कार्यकाल की सूचीबद्ध योजनाओं-स्वच्छ भारत, उज्ज्वला, आयुष्मान भारत, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, सुगम्य भारत, डिजिटल इंडिया और जीएसटी का जिक्र किया। उन्होंने बतायाकि दूसरे कार्यकाल में देश ने अनुच्छेद 370 का उन्मूलन, नारी शक्ति वंदन अधिनियम के पारित होने, भारतीय न्याय संहिता को अपनाने, 40000 से अधिक अप्रचलित कानूनों को निरस्त करने, वंदे भारत और नमो भारत ट्रेनों की शुरुआत होते देखी है। उन्होंने कहाकि उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक लोगों ने लंबित परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा होते देखा है। उन्होंने कहाकि विकसित भारत संकल्प यात्रा ने सभीको बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने केप्रति सरकार के समर्पण और दृढ़ संकल्प को दिखाया है। श्रीराम मंदिर के अभिषेक पर उन्होंने कहाकि अयोध्या में श्रीराम मंदिर भारत की महान संस्कृति और परंपरा को लगातार ऊर्जा प्रदान करता रहेगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि मौजूदा सरकार का तीसरा कार्यकाल बड़े फैसलों पर केंद्रित होगा, वह अगले 1000 वर्ष केलिए भारत की नींव रखेगा। प्रधानमंत्री ने देश के 140 करोड़ नागरिकों की क्षमताओं पर भरोसा जताते हुए कहाकि 10 वर्ष में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं, अगर ग़रीबों को सही संसाधन और आत्मसम्मान प्रदान किया जाए तो वे गरीबी को हरा सकते हैं। नरेंद्र मोदी ने कर्पूरी ठाकुर को भारतरत्न से सम्मानित करने की ओरभी ध्यान आकर्षित किया और बतायाकि कैसे पिछली सरकारों ने इस महान व्यक्तित्व केसाथ अनादर का व्यवहार किया था। उन्होंने 1970 के दशक में जब कर्पूरी ठाकुर बिहार के मुख्यमंत्री थे, तब उनकी सरकार को उखाड़ फेंकने के प्रयासों का भी स्मरण किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की नारी शक्ति को सशक्त बनाने के बारेमें सरकार के योगदान पर प्रकाश डाला और कहाकि अब भारत में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं, जहां देश की बेटियों केलिए दरवाजे बंद हों, वे फाइटर जैट उड़ा रही हैं और सीमाओं को भी सुरक्षित रख रही हैं। उन्होंने महिला स्वयं सहायता समूहों की क्षमताओं पर विश्वास व्यक्त किया, जिनके 10 करोड़ से अधिक सदस्य हैं और जो भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करते हैं। प्रधानमंत्री ने बतायाकि आनेवाले वर्ष में देश में तीन करोड़ लखपति दीदियां होंगी। उन्होंने उस सोच में बदलाव पर प्रसन्नता व्यक्त की जहां लड़कियों के जन्म पर भी जश्न मनाया जाता है। उन्होंने महिलाओं के जीवन को आसान बनाने केलिए सरकार के कदमों के बारे में बताया। किसान कल्याण का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने बतायाकि वार्षिक कृषि बजट 1.25 लाख करोड़ रुपये हो गया है, पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत किसानों को 280000 करोड़ रुपये, पीएम फसल बीमा योजना के तहत 30000 रुपये के प्रीमियम पर 150000 करोड़ रुपये, मत्स्य और पशुपालन केलिए समर्पित मंत्रालय का गठन, मछुआरों और पशुपालक केलिए पीएम किसान क्रेडिट कार्ड देने और जानवरों की जान बचाने केलिए खुरपका और मुंहपका रोग केलिए 50 करोड़ टीकाकरण का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने स्टार्टअप युग के आगमन, यूनिकॉर्न, डिजिटल सृजकों के उद्भव और उपहार अर्थव्यवस्था के बारेमें बात की। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत दुनिया की अग्रणी डिजिटल अर्थव्यवस्था है और यह भारत के युवाओं केलिए अनेक नए अवसर पैदा करेगी। उन्होंने भारत में मोबाइल विनिर्माण और सस्ते डेटा की उपलब्धता के बारेमें जानकारी दी। उन्होंने भारत के पर्यटन और विमानन क्षेत्र में हुई प्रगति को भी स्वीकार किया। प्रधानमंत्री ने भारत के युवाओं को रोज़गार के अवसर और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने केलिए सरकार के दृष्टिकोण का उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन को बतायाकि देश का बुनियादी ढांचा बजट पिछले 10 साल में बढ़कर 44 लाख करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने उचित प्रणाली और आर्थिक नीतियां विकसित करके देश को विश्व का अनुसंधान और नवाचार केंद्र बनाने के लिए भारत के युवाओं को प्रोत्साहित करने का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने भारत को हरित हाइड्रोजन और सेमीकंडेक्टर क्षेत्रों में शीर्ष निवेश का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने मूल्य वृद्धि पर भी बात की और 1974 में 30 प्रतिशत मुद्रास्फीति की दर को भी स्मरण किया। उन्होंने देश में दो युद्धों और कोरोनो वायरस महामारी प्रकोप केबीच देश में मूल्य वृद्धि को रोकने केलिए मौजूदा सरकार की प्रशंसा की। उन्होंने उस समय को याद किया जब सदन की चर्चा देश में घोटालों के इर्द-गिर्द ही घूमती थी। प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार से अंततक लड़ने की प्रतिज्ञा की और कहाकि जिन्होंने देश को लूटा है, उन्हें उसका वापस भुगतान करना होगा। देश में शांति और अमन-चैन बनाए रखने के सरकार के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने बतायाकि दुनिया आतंकवाद केप्रति भारत की जीरो टॉलरेंस नीति का पालन करने केलिए बाध्य है। उन्होंने अलगाववाद विचारधारा की निंदा करते हुए भारत के रक्षा बलों की क्षमताओं पर गर्व और विश्वास व्यक्त करते हुए जम्मू-कश्मीर में होरहे विकास की भी सराहना की। प्रधानमंत्री ने सदन के सदस्यों से देश के विकास केलिए एकजुट होकर आगे आने का आग्रह किया। उन्होंने कहाकि मैं मां भारती और इसके 140 करोड़ नागरिकों के विकास में आपका सहयोग चाहता हूं।

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