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'भारत नागर विमानन क्षेत्र का चमकता सितारा'

हैदराबाद में एशिया का सबसे बड़ा एविएशन एक्सपो 'विंग्स इंडिया'

विश्व को जोड़ने के नागर विमानन के लक्ष्य का प्रतीक-ज्योतिरादित्य

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 19 January 2024 12:05:30 PM

asia's largest aviation expo 'wings india' in hyderabad

हैदराबाद। एशिया में नागर विमानन क्षेत्र का सबसे बड़ा मंत्रमुग्ध करने वाला चार दिवसीय आयोजन 'विंग्स इंडिया-2024' हैदराबाद में शुरू हो चुका है। वाणिज्यिक, सामान्य और व्यापारिक विमानन क्षेत्र में फैले इस एक्सपो की थीम है-'अमृतकाल में भारत को विश्‍व से जोड़ना: भारत नागर विमानन @2047 केलिए मंच तैयार करना'। नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया ने हैदराबाद के बेगमपेट हवाई अड्डे पर आयोजित ग्लोबल एविएशन समिट का उद्घाटन किया और भारत के नागर विमानन क्षेत्र के विकास के बारेमें कहाकि भारत नागर विमानन परिदृश्य में चमकता सितारा है। उन्होंने कहाकि वसुधैव कुटुंबकम का दर्शन वास्तव में आम नागरिकों की उड़ान भरने की स्थानीय आकांक्षा को पूरा करते हुए विश्‍व को एक परिवार के रूपमें जोड़ने वाले नागर विमानन के उद्देश्यों का प्रतीक है। उन्होंने कहाकि विमानन क्षेत्र आर्थिक विकास के प्रमुख चालकों में से एक है और उभरती अर्थव्यवस्थाओं में इसकी वृद्धि अविश्वसनीय है।
नागर विमानन मंत्री ने कहाकि विमानन अर्थव्यवस्था महत्वपूर्ण आर्थिक और सामाजिक लाभ प्रदान करती है, क्योंकि यह पर्यटन, व्यापार, कनेक्टिविटी की सुविधा प्रदान करती है, आर्थिक विकास उत्पन्न करती है, नौकरियां प्रदान करती है, दूरदराज के समुदायों केलिए जीवनरेखा प्रदान करती है और अभूतपूर्व परिस्थितियों केदौरान शीघ्र अनुक्रिया में सक्षम बनाती है। उन्होंने कहाकि भारतीय विमानन क्षेत्र 3ए का प्रतीक है-ऐक्सेसबिलिटी (पहुंच), अवैलबिलिटी (उपलब्धता) और अफोर्डेबिलिटी (सामर्थ्य)। ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया ने कहाकि अनुमान के अनुसार वित्तीय वर्ष 2030 तक घरेलू यात्रियों की संख्या 635 मिलियन होने पर भी भारत 20 सबसे बड़े बाजारों में सबसे कम प्रवेश वाले बाजारों में से एक होगा। उन्होंने कहाकि अमृतकाल केलिए अत्याधुनिक विमानन अवसंरचना सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्‍होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में हमने क्षमता निर्माण, बाधाओं को दूर करने और प्रक्रियाओं को सरल बनाने केलिए पहले ही अभूतपूर्व कदम उठाए हैं और यह सुनिश्चित किया हैकि वर्ष 2047 में भारत केपास एक विमानन प्रणाली हो, जो 20 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था का समर्थन करेगी।
ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया ने कहाकि हम न केवल हवाई जहाजों और हवाई अड्डों पर फोकस कर रहे हैं, बल्कि एक समग्र एयरलाइन इकोसिस्‍टम बनाने के विकास और संवर्द्धन पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिसकी मूल्य श्रृंखला में मजबूत जड़ें हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहाकि इस विज़न के हिस्से के रूपमें हमने पिछले 9 वर्ष में देश में हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी कर दी है, जो वर्ष 2014 के 74 से बढ़कर अब 149 हो गई है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहाकि भारत सरकार ने अबतक देशभर में 21 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की स्थापना केलिए 'सैद्धांतिक' मंजूरी दे दी है, जिनमें से 12 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों का संचालन शुरू हो चुका है। उन्‍होंने कहाकि हम मेट्रो हवाई अड्डों पर क्षमता बढ़ाने पर भी काम कर रहे हैं, जिससे हमारी कुल क्षमता वर्तमान 221 एमपीपीए से बढ़कर अगले दशक में 468 एमपीपीए से अधिक हो जाएगी। नागर विमानन मंत्री ने कहाकि प्रधानमंत्री की फ्लैगशिप योजना आरसीएस-उड़ान के अंतर्गत टियर-3 और टियर-4 और देश के अन्य दूरदराज के कोने में 76 हवाई अड्डों का संचालन किया गया है, जिससे अंतिम मील कनेक्टिविटी बढ़ी है। उन्‍होंने कहाकि 6 वर्ष में उड़ान ने पर्यटन, व्यापार को बढ़ावा देकर और स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को सशक्त बनाकर हमारे देश की वास्तविक क्षमता को दिखाया है। उन्होंने कहाकि द्वितीय विश्वयुद्ध केबाद से सुस्त पड़ी हवाई पट्टियों और हवाई अड्डों को योजना के अंतर्गत बदल दिया गया है और अब वे देश के सुदूर हिस्सों में यात्रियों को पंख दे रहे हैं।
नागर विमानन मंत्री ने कहाकि देश में निर्बाध अंतिम मील कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने केलिए हम भारत में हेलीकॉप्टर और छोटे विमानों के विकास को बढ़ावा देने पर भी काम कर रहे हैं, हमने छोटे विमान योजनाओं, सीप्लेन मार्गों और हेलीकॉप्टर मार्गों केलिए विशेष उड़ान दौर आयोजित किए हैं। उन्होंने कहाकि हेलीकॉप्टर संचालन की सुरक्षा बढ़ाने तथा सभी मौसम में दिन-रात पहुंच प्रदान करने केलिए हम गगन का उपयोग करके एक हेलीकॉप्टर विशिष्ट निम्नस्तरीय आईएफआर मार्ग तैयार करने पर काम कर रहे हैं, विमानन अवसंरचना के अतिरिक्‍त हम मानव संसाधन सहित मूल्य श्रृंखला में क्षमता निर्माण पर भी फोकस कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि हमने नीतियों को उदार बनाया है, ताकि देश में पायलटों, केबिन क्रू, इंजीनियरों आदि की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहाकि हमने देश में एफटीओ की संख्या में काफी वृद्धि की है, जो उद्योग केलिए प्रशिक्षित संसाधनों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करेगी, हम दो वर्ष में देश में रिकॉर्ड संख्या में वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस जारी कर रहे हैं, वर्ष 2023 में यह आंकड़ा 1,622 सीपीएल को पारकर गया, जो वर्ष 2022 में दर्ज किए गए 1165 सीपीएल के पिछले सर्वश्रेष्ठ आंकड़े से 40 प्रतिशत अधिक है।
एविएशन एक्सपो विंग्स इंडिया में सात प्रमुख घोषणाएं की गईं-फिक्की और केपीएमजी द्वारा नागर विमानन पर संयुक्त नॉलेज पेपर का विमोचन, उड़ान 5.3 का शुभारंभ, अधिक विमानों की खरीद केसाथ एयरबस-एयर इंडिया प्रशिक्षण केंद्र का शुभारंभ और आनेवाले वर्षों में 10 उड़ान सिमुलेटर और 10000 पायलटों को प्रशिक्षित करने केसाथ गुरुग्राम में उड़ान प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना, अधिक पायलटों को बढ़ावा देने केलिए टाटा एएसएल और महिंद्रा एयरोस्पेस स्ट्रक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड केसाथ एयरबस मैन्‍युफैक्‍चरिंग अनुबंध, जीएमआर और इंडिगो ने एयरोस्पेस उद्योग में टिकाऊ प्रशिक्षण विकसित करने में कई पैटर्न केसाथ सहयोग करने केलिए कंसोर्टियम पर हस्ताक्षर किए गए, जीएमआर स्कूल ऑफ एविएशन का उद्घाटन और 17 महीने की अवधि में 200 विमानों के ट्रिपल ऑर्डर केसाथ अकासा एयर की डील की घोषणा। एविएशन एक्सपो में नागर विमानन राज्यमंत्री डॉ वीके सिंह, तेलंगाना के सड़क, भवन और सिनेमैटोग्राफी मंत्री कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी, नागर विमानन मंत्रालय में संयुक्त सचिव असंगबा चुबा एओ भी उपस्थित थे।

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