स्वतंत्र आवाज़
word map

बैंकिंग धोखाधड़ी वित्तीय सुरक्षा के लिए खतरा!

वित्तमंत्री ने की बैंकिंग मापदंडों पर सुरक्षा प्रदर्शन की समीक्षा बैठक

'धोखाधड़ी में संलिप्त बैंक अफसरों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करें'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 31 December 2023 05:27:58 PM

finance minister holds review meeting of security performance on banking parameters

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त तथा कॉरपोरेट कार्यमंत्री निर्मला सीतारमन ने बैंकिंग मापदंडों पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सुरक्षा के प्रदर्शन की समीक्षा की है, जिसमें नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (एनएआरसीएल) के खातों के अधिग्रहण की प्रगति पर विचार-विमर्श किया गया। वित्तमंत्री ने निर्देश दियाकि एनएआरसीएल द्वारा दबावों का सामना करने वाले खातों के अधिग्रहण के कार्य में और सुधार करने की जरूरत है तथा इस दिशा में आवश्यक रूपसे और ज्यादा प्रयास किए जाने चाहिएं। उन्होंने सलाह दीकि एनएआरसीएल और बैंकों को दबावों का सामना करने वाले खातों को व्यवस्थित करने के कार्य में तेजी लाने हेतु नियमित बैठकें होनी चाहिएं। निर्मला सीतारमन ने जमा राशि जुटाने के महत्व पर जोर दिया और पीएसबी से अपने जमा आधार को बढ़ाने हेतु रचनात्मक रवैया अपनाने एवं आकर्षक किस्म की जमा योजनाओं को पेश करने का आग्रह किया, जिससे उन्हें अधिक ऋण प्रदान करने में भी मदद मिले।
केंद्रीय वित्तमंत्री ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बेहतर प्रदर्शन पर संतोष व्यक्त करते हुए कहाकि बैंक से जुड़ी धोखाधड़ी ग्राहकों और वित्तीय संस्थानों दोनों की सुरक्षा केलिए गंभीर खतरा पैदा करती है, जिसके परिणामस्वरूप वित्तीय घाटा और बैंकिंग प्रणाली में जनता का विश्वास कम होता है। निर्मला सीतारमन ने पीएसबी से बड़ी कॉरपोरेट धोखाधड़ी और जानबूझकर चूक से संबंधित धोखाधड़ी रोकथाम गतिविधियों केसाथ व्यक्तिगत स्तरपर ग्राहकों को धोखा देने वाले कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। वित्तमंत्री ने बैंकों को धोखाधड़ी रोकथाम एवं पहचान तंत्र को अपनाने तथा ग्राहकों को सुरक्षित बैंकिंग कार्यप्रणालियों के बारेमें और अधिक शिक्षित करने का निर्देश दिया। उन्होंने बैंकों को दुर्भावनापूर्ण धोखाधड़ी वाले कॉल से बचाव केलिए उपभोक्ताओं को जागरुक एवं शिक्षित करने संबंधी उपाय करने और धोखाधड़ी वाले खातों की समय पर पहचान एवं उनकी जांच करने का निर्देश दिया, साथ ही उन्होंने बैंकों को सलाह दीकि वे धोखाधड़ी और जानबूझकर चूक वाले घोषित खातों से वसूली के और अधिक प्रयास करें। वित्तमंत्री ने बैंकों से संभावित धोखाधड़ी को रोकने हेतु चेतावनी के प्रारंभिक संकेतों की निगरानी करने को भी कहा।
निर्मला सीतारमन ने इस तथ्य को स्वीकार करते हुएकि अदालतों और न्यायाधिकरणों के समक्ष चूक करने वालों (डिफॉल्टरों) के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रभावशीलता काफी हदतक बैंक अधिकारियों से सहायता प्राप्त वकीलों और अधिवक्ताओं के प्रभावी अभ्यावेदनों पर निर्भर करती है, उन्होंने बेहतर कानूनी परिणाम सुनिश्चित करने हेतु पीएसबी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों के प्रदर्शन की समीक्षा करने का आह्वान किया। निर्मला सीतारमन ने कहाकि जानबूझकर की गई चूक न केवल बैंकों की वित्तीय सेहत पर विपरीत असर डालती है, बल्कि अर्थव्यवस्था में ऋण के प्रवाह को भी बाधित करती है। उन्होंने पीएसबी से सभी स्तरों पर ऋण प्रदान करने की जिम्मेदार कार्यप्रणालियों को अपनाने का आग्रह किया। वित्तमंत्री ने पीएसबी को ऋण वितरण से पहले उचित तत्परता बढ़ाने, बड़े ऋण खातों की नियमित निगरानी सुनिश्चित करने और चूक के ऐसे मामलों में त्वरित व समग्र कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। निर्मला सीतारमन ने बैंकों से धोखाधड़ी और जानबूझकर चूक करने वालों केसाथ मिलीभगत करने वाले बैंकों के अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त प्रशासनिक कार्रवाई करने का भी आह्वान किया।
साइबर सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करते हुए वित्तमंत्री ने साइबर सुरक्षा संबंधी जोखिमों से निपटने में सभी पीएसबी की तैयारियों की समीक्षा की और पीएसबी को ग्राहकों के डेटा की गोपनीयता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। निर्मला सीतारमन ने कहाकि साइबर सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को प्रणालीगत परिप्रेक्ष्य से देखा जाना चाहिए, क्योंकि नापाक तत्व एक छोटी सी कमजोरी का उपयोग संपूर्ण प्रणाली केलिए जोखिम पैदा करने केलिए कर सकते हैं। वित्तमंत्री ने संवेदनशील वित्तीय जानकारी और प्रणालियों को साइबर हमलों से बचाने केलिए सक्रिय साइबर सुरक्षा उपायों को अपनाने एवं कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल को लागू करने की आवश्यकता को रेखांकित किया और बैंकों को उभरते डिजिटल परिदृश्य को अनुकूलित करने केलिए प्रोत्साहित किया। वित्तमंत्री ने संभावित साइबर सुरक्षा खतरों के खिलाफ अधिक सुदृढ़ वित्तीय इकोसिस्टम बनाने हेतु पीएसबी केबीच सहयोग एवं आपसी समझ और बैंकों, सुरक्षा एजेंसियों, नियामक निकायों तथा प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों केबीच समन्वय के महत्व पर भी जोर दिया। बैठक में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री डॉ भागवत किशनराव कराड, वित्तीय सेवाएं विभाग के सचिव डॉ विवेक जोशी, वित्तीय सेवा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न बैंकों के प्रमुख भी उपस्थित थे।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]