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'भारत अग्रणी राष्ट्रों की पंक्ति में शामिल'

जल, थल, नभ तक अर्जित कीं उपलब्धियां-उपराष्ट्रपति

दिल्ली में लोक प्रशासन के प्रतिभागियों को संबोधन

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Thursday 30 November 2023 05:37:29 PM

vice president jagdeep dhankhar

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा हैकि भारत भूमि, आकाश, समुद्र और अंतरिक्ष क्षेत्र में उल्लेखनीय एवं आश्चर्यजनक उपलब्धियां अर्जित करके 'अग्रणी राष्ट्रों की पंक्ति' में शामिल हो गया है। उन्होंने कहाकि यह उपलब्धि पिछले साल आईएनएस विक्रांत की लॉन्चिंग और कई स्वदेशी रक्षा उपकरणों के विकास से उजागर होती है। उपराष्ट्रपति आज उपराष्ट्रपति निवास पर लोक प्रशासन में 49वें उन्नत व्यावसायिक कार्यक्रम के प्रतिभागियों को संबोधित कररहे थे। उन्होंने उस यात्रा का वर्णन किया, जो देश ने अबतक 'फ्रैजाइल-फाइव' से 'बिग-फाइव' तक तय की है। उन्होंने कहाकि भारत आज पांचवीं सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था है और 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देश के विकास केलिए निर्णय लेने के महत्व को प्रकट करते हुए मेन इन यूनिफॉर्म की सराहना की। तबाही मचाने वाली प्राकृतिक आपदाओं का उदाहरण देते हुए उपराष्ट्रपति ने उच्चतम स्तर के प्रदर्शन और कर्तव्यपरायणता केप्रति अपनी अटूट भावना का उदाहरण पेश करने केलिए रक्षाकर्मियों की सराहना की। उन्होंने कहाकि भारत की मानव प्रतिभा दुनियाभर में बेजोड़ है। उपराष्ट्रपति ने कहाकि आबादी के सभी वर्गों की प्रौद्योगिकी अपनाने की इच्छा के परिणामस्वरूप प्रति व्यक्ति इंटरनेट डेटा खपत आश्चर्यजनक रूपसे अमेरिका और चीन की तुलना में अधिक हो गई है। एक समय भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार में डूबे इको-प्रणाली में होनेवाले महत्वपूर्ण बदलाव पर उपराष्ट्रपति ने कहाकि वर्तमान परिदृश्य एक गंभीर बदलाव को दर्शाता है, अब सत्ता के गलियारे 'सत्ता के दलालों, संपर्क एजेंटों और बिचौलियों से पूरी तरह मुक्त हो गए हैं, जो अपने दबदबे का इस्तेमाल करके अतिरिक्त लाभ उठाते थे।'
उपराष्ट्रपति ने इसरो की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूपमें चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण की सराहना करते हुए उल्लेख कियाकि इसरो ने कई विकसित देशों केलिए सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी बाजार मूल्य पर उपग्रहों को लॉंच करके अपने लिए खास जगह बना ली है। उन्होंने रेखांकित कियाकि जब अनुसंधान करने और कृत्रिम बौद्धिकता, क्वांटम कंप्यूटिंग और 6-जी जैसी उदीयमान प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित करने की बात आती है तो भारत अग्रणी देशों मेंसे एक है। एडमिनिस्ट्रेशन के प्रतिभागियों को उनकी प्रतिनिधि क्षमता के कारण महत्वपूर्ण परिवर्तन के नाभि केंद्र और तंत्रिका केंद्र के रूपमें दर्शाते हुए उपराष्ट्रपति ने उनसे आग्रह कियाकि वे पाठ्यक्रम से अपनी सामान्य अपेक्षाओं से परे कुछ लेकर जाएं, जो उनके पेशेवर कौशल को और भी समृद्ध कर सके। इस दौरान आईआईपीए के महानिदेशक सुरेंद्रनाथ त्रिपाठी, उपराष्ट्रपति के सचिव सुनील कुमार गुप्ता, आईआईपीए के रजिस्ट्रार अमिताभ रंजन, 49वें एपीपीपीए के कार्यक्रम निदेशक डॉ सचिन चौधरी और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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