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भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा बहाल!

जी20 में भारत-मध्य पूर्व-यूरोप के देशों ने किए समझौते पर हस्ताक्षर

चीन-पाक के मंसूबों व बाधाओं से निपटने में मिलेगी मदद-राज्यमंत्री

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 11 September 2023 02:19:36 PM

dr jitendra singh

नई दिल्ली। केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने भारत में संपन्न जी20 शिखर सम्मेलन और जी20 नेताओं द्वारा स्वीकृत नई दिल्ली घोषणापत्र के परिणामों के बारेमें मीडिया को जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने प्रस्तावित भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे का विशेष रूपसे उल्लेख किया और कहाकि जी20 के माध्यम से भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा विभाजन केबाद इस क्षेत्र में विस्तारित और बहुत दूर तक संपर्क सुविधा बहाल करने की भारत की कल्पना को साकार करता है। उन्होंने कहाकि यह पहल संबंधित क्षेत्र में पाकिस्तान का भूमि का इस्तेमाल होने देने से इनकार करने और चीन द्वारा कथित तौरपर कनेक्टिविटी डिजाइनों से उत्पन्न हुई बाधाओं को दूर करेगी। डॉ जितेंद्र सिंह ने भावुक होते हुए कहाकि यह समय व्यक्तिगत रूपसे मुझे विभाजन पूर्व भारत के 'काबुलीवाला' दिनों में लेकर चला गया। उन्होंने बतायाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 के मुख्य कार्यक्रम से इतर वैश्विक बुनियादी ढांचे एवं निवेश और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे की बहाली केलिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने बतायाकि भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे में भारत को खाड़ी क्षेत्र से जोड़ने वाला एक पूर्वी गलियारा और खाड़ी क्षेत्र को यूरोप से जोड़ने वाला एक उत्तरी गलियारा शामिल है, इसमें रेलवे और जलपोत-रेल पारगमन नेटवर्क तथा सड़क परिवहन मार्ग शामिल होंगे। उन्होंने बतायाकि भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे से संबंधित समझौता ज्ञापन पर भारत, अमरीका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, यूरोपीय संघ, इटली, फ्रांस और जर्मनी ने हस्ताक्षर किए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उल्लेख करते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि बेहतर संपर्क सुविधा बहाल होने से न केवल व्यापार बढ़ता है, बल्कि यह बढ़ते हुए विश्वास के स्रोत के रूपमें भी कार्य करता है। उन्होंने कहाकि भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा संबंधित क्षेत्र में पाकिस्तान और चीन द्वारा उनके मंसूबों से उत्पन्न हुई बाधाओं को दूर करने में सहायता करेगा। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि इसीलिए भारत ने एक रास्ता तलाश लिया है, जिससे वह न केवल आर्थिक गतिविधियों से जुड़ेगा, बल्कि वैश्विक समुदाय केबीच अधिक एकजुटता के कारणों से भी संबंध स्थापित करेगा।
डॉ जितेंद्र सिंह ने बतायाकि जी20 दिल्ली घोषणापत्र में यूक्रेन जैसे विवादास्पद मुद्दों को बिना किसी टाल-मटोल के और बहुतही उचित तरीके से निपटाया गया है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि घोषणापत्र में स्वीकार किया गया हैकि जी20 का जनादेश आर्थिक सहयोग केलिए एक मंच के रूपमें कार्य करना है, लेकिन साथही इसबात काभी ध्यान रखना आवश्यक हैकि युद्ध के परिणामस्वरूप आर्थिक संकट उत्पन्न होते हैं, ऐसी स्थिति में हम दुनियाभर में युद्धों और संघर्षों के अत्यधिक मानवीय कष्ट एवं प्रतिकूल प्रभाव पर गहरी चिंता केसाथ ध्यान दे रहे हैं। राज्यमंत्री ने कहाकि प्रमुख जैव ईंधन उत्पादकों एवं उपभोक्ताओं के रूप में भारत, ब्राजील व अमरीका के नेतृत्व में वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन वर्ष 2070 तक नेट जीरो बनने के भारत के एमडीजी लक्ष्यों को हासिल करने में अत्यधिक सहायता करेगा। डॉ जितेंद्र सिंह ने जी20 संगठन में अफ्रीकी संघ के शामिल होने की सराहना की।
राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि नई दिल्ली शिखर सम्मेलन यह प्रदर्शित करता हैकि विश्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन से भारत के नेतृत्व में चलने केलिए तैयार है और यह तथ्य जी20 को जी21 में बदलने केसाथ ही इतिहास में दर्ज हो गया है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐसे राष्ट्र के रूपमें भारत की भूमिका स्थापित की है, जिसका अब कोई नेतृत्व नहीं कर सकेगा, बल्कि यह स्वयं नेतृत्व करने केलिए तैयार है। उन्होंने कहाकि जी20 में भारत की अध्यक्षता समावेशी, सामग्री में समृद्ध और पैमाने में संपन्न थी। राज्यमंत्री ने यह भी बताया कि जी20 की बैठकों का आयोजन देशभर के 60 शहरों में किया गया था और 220 से अधिक बैठकें आयोजित हुई थीं।

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