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भारत-ब्रिटेन में स्वास्थ्य नीति पर हस्ताक्षर

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Monday 17 June 2013 04:10:31 AM

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लंदन। भारत के स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग ने ब्रिटेन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं देखभाल उत्कृष्टता संस्थान के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए है। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग (डीएचआर)के सचिव डॉ वीएम कटोच ने लंदन में ब्रिटेन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं देखभाल उत्कृष्टता संस्थान (एनआईसीई)के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सर एंड्रयू डिल्लन के साथ इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता प्रमाण सूचित स्वास्थ्य देखभाल नीति और व्यवहार के बारे में दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण एवं तकनीकी सहयोग के लिए रूपरेखा उपलब्ध कराने के लिए किया गया है।
पिछले महीने भारत और ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्रालयों के बीच जनेवा में विश्व स्वास्थ्य सभा में सहमति बनने के बाद यह समझौता किया गया है। डीएचआर और एनआईसीई के बीच हुए इस समझौते के उद्देश्य है- निदान, इलाज की विधियों और निवारण संबंधी नवाचारों को प्रोत्साहन देने के जरिए आधुनिक प्रौद्योगिकी को लोगों तक पहुंचाना, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अन्य विभागों और अन्य विज्ञान विभागों के साथ तालमेल में मूल्यांकन सुगम बनाकर नवाचारों को उत्पाद और प्रक्रियाओं में बदलना, स्वास्थ्य प्रणाली शोध के जरिए सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा में इन नवाचारों को इस्तेमाल करना।
ब्रिटेन के एनआईसीई की स्थापना ब्रिटेन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा उपचार और देखभाल की उपलब्धता एवं गुणवत्ता में अंतर को कम करने तथा प्रमाण आधारित मार्गदर्शन करने और औषधियों, इलाज, प्रक्रियाओं एवं बेहतरीन गुणों वाली देखभाल प्रस्तुत करने वाले डिवाइसेज के बारे में अनिश्चितता का समाधान करने में मदद के लिए की गई है। इसकी अंतर्राष्ट्रीय डिविजन एनआईसीई इंटरनेशनल इन क्षेत्रों में क्षमता बढ़ाने और निर्णय लेने में मदद के लिए दुनिया भर के देशों को तकनीकी सहायता उपलब्ध कराती है। समझौते में संस्थागत विशेषज्ञता और संबंधित अनुभव के आदान-प्रदान, क्लीनिकल प्रेक्टिस संबंधी क्रांतिकारी दिशा निर्देश और उच्च स्तर के मानक, स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी आकलन एवं क्लीनिकल नीति एवं प्रैक्टिस में आकलन के निर्णयों का कार्यान्वयन करने का प्रावधान किया गया है।
इस अवसर पर सर एंड्रयू डिल्लन ने कहा कि भारत सरकार के स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के साथ इस महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर करते हुए हमें बहुत खुशी हो रही है, हमें इससे दोनों देशों के बीच लाभप्रद भागीदारी और परस्पर सीखने के जरिए आपसी संबंध और मजबूत होने की उम्मीद है। डॉ कटोच ने कहा कि भारत स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी आकलन बोर्ड विकसित करने की प्रक्रिया में है तथा एनआईसीई और डीएचआर के बीच इस समझौते से इस दिशा में हमारे प्रयास और मजबूत होंगे।

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