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'इंडिया-यूएस साझेदारी 21वीं सदी के​लिए अहम'

अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स इन इंडिया की बैठक में बोले पीयूष गोयल

'प्रधानमंत्री ने भारत-अमेरिका संबंधों को एक विजन के रूपमें पहचाना है'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 5 May 2023 11:42:15 AM

annual meeting of the american chamber of commerce in india

नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य, उद्योग, कपड़ा, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने कहा हैकि भारत-अमेरिका भागीदारी 21वीं सदी का एक निर्णायक क्षण है। उन्होंने 'चलें साथ-साथ : हम साथ-साथ चलते हैं' के आदर्श वाक्य को दोहराया, जो इस भागीदारी की गहराई को दर्शाता करता है। उन्होंने नई दिल्ली में भारत की 31वीं वार्षिक आम बैठक में अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स इन इंडिया में 'यूएस-इंडिया पार्टनरशिप: फोर्जिंग अहेड' के बारेमें अपने उद्घाटन भाषण में आपसी विकास और समृद्धि केलिए भारत-अमेरिका व्यापार और निवेश में विविधता लाने एवं इन्हें और मजबूती देने के बारेमें जानकारी दी। उन्होंने इस बात पर जोर दियाकि दोनों देशों के राजनेता भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन एक-दूसरे को अच्छी तरह समझते हैं और दुनिया की जटिल भू-राजनीतिक समस्याओं के समाधानों का पता लगाने केलिए सुचारू रूपसे मिलकर काम करते हैं।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने 5टी-टैलेंट, टेक्नोलॉजी, ट्रेडिशन, ट्रेड और ट्रस्टीशिप का उल्लेख किया, जिनकी प्रधानमंत्री ने भारत-अमेरिका संबंधों की एक विजन के रूपमें पहचान की थी। पीयूष गोयल ने कहाकि भारत-अमेरिका केबीच द्विपक्षीय व्यापार पिछले कुछ वर्ष में सबसे अधिक रहा है और हमारा उद्देश्य आनेवाले वर्षों में इसमें कई गुना वृद्धि करना है। उन्होंने कहाकि वर्ष 2030 तक 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर निर्यात का लक्ष्य पूरी दुनिया में भारत की बढ़ती हुई प्रतिष्ठा और मान्यता केसाथ अमेरिका जैसे साझा मूल्यों वाले और समान विचारधारा वाले देशों केसाथ भागीदारी को मजबूत बनाने केसाथ संभव होगा। पीयूष गोयल ने अमेरिका में काम करने वाली भारतीय कंपनियों और भारत में काम करने वाली अमेरिकी कंपनियों के उदाहरण देते हुए कहाकि ये कंपनियां एक-दूसरे की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। उन्होंने कहाकि ये व्यापारिक संबंध दोनों देशों में भागीदारी को और मजबूत बना रहे हैं। उन्होंने यह इच्छा जाहिर कीकि निकट भविष्य में अधिक से अधिक अमेरिका के निमग भारतीय कंपनियों केसाथ मिलकर काम करेंगे।
पीयूष गोयल ने अमेरिका की कंपनियों को भारत में अपने आधार स्थापित करने, अफ्रीका और दक्षिण-पूर्व एशिया के बाजारों जैसे नए मोर्चे तक विस्तार करने केलिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहाकि भारत हालमें किएगए नीतिगत सुधारों केसाथ अमरीकी कंपनियों को समृद्धि और प्रगति प्रदान करता है, जिसमें मौलिक व्यापक आर्थिक मापदंडों, सस्ती श्रम लागत, समावेशी और सतत विकास तथा कारोबार को लगातार आसान बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने कहाकि दोनों देश रक्षा विनिर्माण, फार्मास्यूटिकल्स, कपड़ा, इंजीनियरिंग उत्पाद, ऑटो कंपोनेंट, विद्युत उत्पाद, कृषि उत्पाद आदि जैसे अनेक मर्केंडाइज क्षेत्रों का अगले स्तरतक विस्तार करने केसाथ आईटी, व्यवसाय प्रक्रिया आउटसोर्सिंग, अनुसंधान एवं विकास, पर्यटन जैसे सेवा क्षेत्रों में मिल जुलकर कामकर सकते हैं। उन्होंने कहाकि दोनों देशों केबीच द्विपक्षीय व्यापार तेजीसे बढ़ रहा है और इसमें नई ऊंचाइयों को छूने की व्यापक क्षमता है। उन्होंने कहाकि दुनिया के व्यवसायों के जरिए भारत की तकनीकी और प्रबंधकीय प्रतिभा दुनिया केसाथ भारत के संबंधों को अधिक मजबूत बनाती है। उन्होंने भारतीय या भारतीय मूल के सीईओ वाले अनेक अमेरिकी निगमों का उदाहरण भी दिया।
वाणिज्य उद्योग मंत्री ने कहाकि अमृतकाल भारत केलिए निर्णायक अवधि है, जिसमें अर्थव्यवस्था के विकास में भारत का जनसांख्यिकीय लाभांश महत्वपूर्ण सिद्ध हो रहा है और देश की समृद्धि और अच्छा भविष्य लाने वाली अर्थव्यवस्था के विकास में भी योगदान दे रहा है। उन्होंने कहाकि बीते 9 वर्ष में सरकार की सुधार प्रक्रियाएं भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र में परिवर्तित कर देंगी। उन्होंने कहाकि लॉजिस्टिक बुनियादी ढांचा जैसी कनेक्टिविटी और बिजली आदि जैसे लॉजिस्टिक बुनियादी ढांचे में सुधार केलिए सरकार के प्रयास भारत के लोगों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में योगदान दे रहे हैं तथा मह्त्वाकांक्षी युवाओं को भारत के तेजीसे विकास में योगदान करने में समर्थ बना रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दियाकि उद्योग केलिए यह महत्वपूर्ण हैकि वह उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों और सेवाओं के वितरण केसाथ अपने पैरों पर खड़ा हो और व्यापार में सरकार का कम से कम हस्तक्षेप हो। उन्होंने कहाकि भारत-अमेरिका में समृद्धि केलिए भारत-प्रशांत आर्थिक ढांचा, यूएस-इंडिया सीईओ फोरम, क्वाड आदि जैसे विभिन्न मंचों पर बहुपक्षीय बातचीत होती रहती है।
पीयूष गोयल ने कहाकि भारत-अमेरिका केबीच व्यापक और रणनीतिक भागीदारी, साझा मूल्यों की मजबूत बुनियाद, कानून के शासन के प्रति प्रतिबद्धता, पारदर्शिता, व्यापार की स्वतंत्रता, मीडिया की स्वतंत्रता, स्वतंत्र न्यायपालिका आदि पर आधारित है। उन्होंने कहाकि भारत-अमेरिका अर्थव्यवस्था केबीच पूरकता है और दोनों देश समृद्ध और तर्कसंगत निर्णय लेने के लिए सहयोग करते हैं। उन्होंने भारत-अमेरिका साझेदारी को मजबूत और गहरा बनाने केलिए अमेरिका की वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो की हालकी भारत यात्रा के महत्व का जिक्र किया। उन्होंने कहाकि जीना रायमोंडो ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और भारत में बदलाव लाने के बारेमें उनके दूरदर्शी नेतृत्व की प्रशंसा की। उन्होंने प्रौद्योगिकी के कुशल उपयोग और प्रभावी नीति निर्माण के माध्यम से गरीबी को दूर करने और भारत के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के बारे मेभी सरकार के प्रयासों का उल्लेख किया। पीयूष गोयल ने कहाकि भारत जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध लड़ने केलिए प्रतिबद्ध है।
पीयूष गोयल ने भारत के कार्य प्रदर्शन की प्रशंसा की, क्योंकि भारत ने जलवायु कार्रवाई के कार्य प्रदर्शन में शीर्ष 5 देशों में शामिल होने केसाथ की गई अपनी प्रतिबद्धताओं से भी बेहतर प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहाकि भारत नरेंद्र मोदी नेतृत्व में जलवायु परिवर्तन के विरूद्ध ठोस लड़ाई लड़ रहा है, जो पेरिस समझौते पर हस्ताक्षर करने केलिए कम विकसित, विकासशील और विकसित देशों को एक मंच पर लाएं हैं। उन्होंने एमचैम की निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका और भारत-अमेरिका भागीदारी केलिए इसकी प्रेरणा की सराहना की। उन्होंने कहाकि दोनों देशों के नेतृत्व केबीच सामूहिक प्रयास, लोगों केबीच गर्मजोशी आदि दोनों देशों को आपसी प्रगति और विकास के लिए अज्ञात क्षेत्रों में भी भागीदार बनाने में सक्षम बनाते हैं। उन्होंने इस कार्यक्रम में दो रिपोर्ट-द इंडिया ऐज-यूएस इंडस्ट्रीज कैटेलाइजिंग द ग्रॉथट्रेजेक्टरी और फ्यूचर ऑफ अर्बन मोबिलिटी-इंटीग्रेशन ऑफ प्लेटफार्म्स भी जारी की।

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