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वैशाख बुद्ध पूर्णिमा मनाने की देशभर में तैयारी!

संस्कृति मंत्रालय और अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के विभिन्न कार्यक्रम

विश्व में बौद्धों के लिए वर्ष का सबसे पवित्र दिन है वैशाख पूर्णिमा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 4 May 2023 05:55:47 PM

lord buddha (file photo)

नई दिल्ली। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ ने कल 5 मई को वैशाख बुद्ध पूर्णिमा के शुभ दिवस को देशभर में पूरी श्रद्धा और भक्ति केसाथ मनाने की जोरदार तैयारियां कर ली हैं। आईबीसी हिमालयाई बौद्ध संस्कृति संघ के सहयोग से राष्ट्रीय संग्रहालय नई दिल्ली में कार्यक्रम का आयोजन करेगा। संस्कृति मंत्रालय केतहत विभिन्न स्वायत्त बौद्ध संगठन और अनुदान प्राप्त करनेवाले संस्थान भी अनेक आयोजन कररहे हैं। केंद्रीय बौद्ध अध्ययन संस्थान लेह के कर्मचारी और 600 छात्र लेह के पोलो ग्राउंड में लद्दाख बौद्ध संघ और लद्दाख गोन्पा संघ के भव्य समारोह में शामिल होंगे। सीआईबीएस लेह के छात्र 'मंगलाचरण' आमंत्रण प्रार्थना करेंगे, इसके अलावा झांकियों का भी प्रदर्शन किया जाएगा, जिनमें गौतम बुद्ध के जन्म और उनके पहले उपदेश को प्रदर्शित किया जाएगा।
केंद्रीय उच्च तिब्बती अध्ययन संस्थान में इस मौके पर सारनाथ की शोध पत्रिका डीएचआईएच के 63वें संस्करण का विमोचन किया जाएगा। नव नालंदा महाविहार नालंदा बिहार के भिक्षु और छात्र बुद्ध मंदिर में पारंपरिक पूजा करेंगे, इसके बाद 'बौद्ध धर्म और बिहार' विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार भी आयोजित होगा। केंद्रीय हिमालयाई संस्कृति अध्ययन संस्थान दाहुंग अरुणाचल प्रदेश में इस अवसर पर पूजा समारोह और अन्य अनुष्ठानों केसाथ वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। जेंटसे गादेन रबग्यैल लिंग मठ अरुणाचल प्रदेश के भिक्षु-छात्र विश्व शांति प्रार्थना और मंगलाचरण करेंगे। तिब्बत हाउस में आकांक्षी बोधिसत्व व्रत का आयोजन किया जाएगा। तवांग मठ अरुणाचल प्रदेश में बुद्ध के उपदेश, शांति और ध्यान विषय पर भाषण एवं व्याख्यान प्रतियोगिता होगी। लाइब्रेरी ऑफ़ तिब्बतन वर्क्स एंड आर्काइव्स धर्मशाला हिमाचल प्रदेश इस शुभ दिवस के उपलक्ष्य में 1 से 5 मई तक एक पशु चेतना सम्मेलन का आयोजन कर रहा है।
वैशाख बुद्ध पूर्णिमा पूरे विश्व में बौद्धों केलिए वर्ष का सबसे पवित्र दिन होता है, क्योंकि यह दिवस भगवान बुद्ध के जीवन की तीन मुख्य घटनाओं-जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण का प्रतीक है। यह दिन भारत में बौद्ध धर्म की उत्पत्ति के रूपमें विशेष महत्व रखता है। वर्ष 1999 से इसे संयुक्त राष्ट्र ने 'संयुक्त राष्ट्र के वैशाख दिवस' के रूपमें भी मान्यता दी थी। हाल हीमें संस्कृति मंत्रालय ने पहले वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन का आयोजन किया था, जिसमें 30 देशों के 500 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए थे। सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। संस्कृति मंत्रालय ने अपने अनुदान प्राप्त करने वाले एक वैश्विक बौद्ध एम्ब्रेला निकाय आईबीसी केसाथ साझी बौद्ध विरासत पर एससीओ के विशेषज्ञों की एक अंतर्राष्ट्रीय बैठक का आयोजन किया था, ताकि एससीओ देशों की बौद्ध कला में एकदूसरे के सांस्कृतिक संबंधों को पुनः स्थापित किया जासके और समानताओं की तलाश की जा सके।

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