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छोटे किसानों को मिले तकनीकी लाभ-कृषि मंत्री

सीआईआई-टीएमए का फार्म मशीनरी टेक्नालॉजी पर शिखर सम्मेलन

'कृषि मशीनरी और उपकरणों पर सरकार खर्च कर रही करोड़ों रुपये'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 27 April 2023 03:59:51 PM

cii-tma summit on farm machinery technology

नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कॉंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री और ट्रैक्टर एंड मैकेनाइजेशन एसोसिएशन के फार्म मशीनरी टेक्नालॉजी विषय पर शिखर सम्मेलन का शुभारंभ किया और कहाकि देश में लगभग 85 प्रतिशत छोटे किसान हैं, जिन्हें टेक्नालॉजी एवं मशीनरी का लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार अपने स्तर पर इस दिशा में लगातार काम कर रही है। उन्होंने इस अवसर पर बतायाकि कृषि यंत्रीकरण उप मिशन केतहत प्रशिक्षण, परीक्षण, सीएचसी, हाईटेक हब, फार्म मशीनरी बैंकों की स्थापना जैसी विभिन्न गतिविधियों केलिए वर्ष 2014-15 से 2022-23 तक राज्यों को 6120.85 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई है, वहीं राज्य सरकारों के माध्यम से ट्रैक्टर, पावर टिलर और स्वचालित मशीनरी सहित सब्सिडी पर 15.24 लाख कृषि मशीनरी और उपकरण वितरित किए गए हैं।
कृषिमंत्री ने कहाकि भारत सरकार ने केंद्रीय कृषि मशीनरी प्रशिक्षण और परीक्षण संस्थान बुदनी मध्यप्रदेश में ट्रैक्टरों के परीक्षण की नई व्यवस्था लागू करके परीक्षण को पूरा करने की अधिकतम समयसीमा को घटाकर अधिकतम 75 कार्य दिवस कर दिया है, साथही वर्ष 2014-15 से 2022-23 तक अपने चार एफएमटीटीआई एवं चिंहित नामित अधिकृत परीक्षण केंद्रों के माध्यम से 1.64 लाख प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित कराया है। उन्होंने कहाकि एक लाख करोड़ रुपये के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की शुरूआत भी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें अभीतक लगभग 14 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं स्वीकृत की जा चुकी हैं, जिनसे किसानों को सहायता मिल रही है, किसान ड्रोन को बढ़ावा दिया गया है, जिसके लिए ड्रोन पालिसी लाने केसाथ ही किसानों, अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति वर्ग, महिला किसानों सहित विभिन्न श्रेणियों में सब्सिडी दी जा रही है एवं ड्रोन केसाथ कीटनाशकों के अनुप्रयोग केलिए फसल विशिष्ट एसओपी भी जारी की गई है।
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहाकि कृषि देश की प्रधानता है और हमारी कृषि आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था का ताना-बाना विपरीत परिस्थितियों में भी कोई नष्ट नहीं कर पाया। उन्होंने कहाकि कृषि उत्पादों की दृष्टि से भारत दुनिया में आज पहले या दूसरे नंबर पर खड़ा है, जो किसानों के परिश्रम, वैज्ञानिकों एवं उद्योगों के योगदान, टेक्नालॉजी के समर्थन केसाथ सरकार की किसान हितैषी नीतियों के परिणामस्वरूप है, लेकिन हमें इतने से संतुष्ट नहीं होना है, बल्कि 2050 तक जो आबादी बढ़ेगी, उस आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए रोडमैप बनाना है और बदलते राजनीतिक परिदृश्य में दुनिया में भारत की बढ़ती महत्ता के अनुसार अपने देश केसाथ ही अन्य देशों की जरूरतों की पूर्ति की भी चिंता करते हुए महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करना है। उन्होंने कहाकि 2014 केबाद देशमें अलग प्रकार की कार्यसंस्कृति ने जन्म लिया है, इन वर्षों में आए बदलाव ने देश-दुनिया में एक आशा का संचार किया है।
कृषिमंत्री ने कहाकि सरकार का संकल्प मजबूत हो एवं नेता की नीयत अच्छी हो तो आग्रह अच्छा होता है और उसे ग्रहण करने की क्षमता भी बढ़ जाती है, आज भारत कैशलेस ट्रांजेक्शन में अमरीका, जापान व जर्मनी से भी आगे है। उन्होंने कहाकि जब हम उत्पादन की प्रतिस्पर्धा में हैं तो हमें अपने ही देश के बीते वर्षों के आंकड़ों की बजाय विदेशों के उत्पादन से तुलना करके इसे बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहाकि भूमि कम होने पर भी खाद्यान्न का उत्पादन हमें बढ़ाते ही रहना पड़ेगा, इसमें कृषि वैज्ञानिकों का महत्व है, साथही मशीनों टेक्नालॉजी का महत्व भी वर्तमान परिस्थितियों में बढ़ गया है। कृषिमंत्री ने कहाकि फालतू पड़ी जमीनों कोभी खेती योग्य बनाना चाहिए, समय की मांग के अनुसार कृषि केप्रति नई पीढ़ी का आकर्षण भी बढ़ाने की आवश्यकता है और मोदी सरकार इस दिशा में काम कर रही है।
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहाकि ई-नाम मंडियों के माध्यम से किसानों की बाजार तक पहुंच बढ़ाई गई है, कृषि क्षेत्र की गैप्स भरी जा रही हैं, जिसके लिए कृषि व सम्बद्ध क्षेत्रों केलिए डेढ़ लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के पैकेज दिए गए हैं। उन्होंने जल बचत करते हुए सूक्ष्म सिंचाई जैसी टेक्नालॉजी को अधिकाधिक किसानों तक पहुंचाने पर जोर दिया। शिखर सम्मेलन में सीआईआई एवं टीएमए के भारतेंदु कपूर, मुकुल वार्ष्णेय, कृष्णकांत तिवारी, एंटनी चेरूकारा, पदाधिकारी, सदस्य, मूल उपकरण निर्माता, नीति नियोजक, आपूर्तिकर्ता, उत्पादन विकास और डिजाइन फर्मों सहित बड़ी संख्या में हितधारक शामिल हुए।

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