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सीमा की सुरक्षा ही राष्ट्र की सुरक्षा है-गृहमंत्री

अरुणाचल के सीमावर्ती गांव किबिथू में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम लॉंच

'हमारी सेना व सीमा के सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 11 April 2023 12:05:34 PM

the security of the border is the security of the nation-home minister

ईटानगर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा हैकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमावर्ती गांवों केप्रति जनता का दृष्टिकोण बदला है, अब सीमावर्ती क्षेत्र में जानेवाले लोग इसे आखिरी गांव नहीं, बल्कि भारत के पहले गांव के रूपमें जानते हैं और सीमावर्ती क्षेत्र सरकार की प्राथमिकता हैं, इसलिए मोदी सरकार बॉर्डर पर इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने पर लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहाकि मोदी सरकार 'सीमा की सुरक्षा ही राष्ट्र की सुरक्षा है' के मंत्र पर चलती है, पिछली सरकारों के 12 कार्यकाल में बॉर्डर पर जितना विकास नहीं हुआ उतना मोदीजी ने अपने दो कार्यकाल में ही करके दिखाया है। गृहमंत्री ने कहाकि वर्ष 1962 की लड़ाई में तत्कालीन कुमाऊं रेजीमेंट ने अदम्य साहस का परिचय दिया था। उन्होंने कहाकि आज देश निश्चिंत होकर सोता है, इसका कारण हमारे हिमवीर आईटीबीपी, सेना के जवानों का पराक्रम और उनका त्याग बलिदान है, इन्हीं कारणों से कोई हमारी सीमा की ओर आंख उठाकर देखभी नहीं सकता। अमित शाह ने कहाकि 13 हज़ार फीट की ऊंचाई पर अपने परिवारों से दूर रहकर देश की सेवा कररहे वीर जवानों के त्याग, बलिदान, शौर्य, उत्साह और देशभक्ति प्रणामयोग्य हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने ये बातें अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती गांव किबिथू में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम, नौ माइक्रो हाइडल परियोजनाओं, 120 करोड़ की लागत से आईटीबीपी की 14 परियोजनाओं के उद्घाटन कार्यक्रम में कहीं। अमित शाह ने कहाकि अरूणाचलवासी जय हिंद बोलकर एक-दूसरे का अभिवादन करते हैं, इसी जज़्बे ने भारत केसाथ अरूणाचल को अटूट रूपसे जोड़कर रखा है। उन्होंने कहाकि 10 साल पहले यहां के गांवों से पलायन हो रहा था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन गांवों तक विकास को पहुंचाया है। उन्होंने कहाकि वायब्रेंट विलेज कार्यक्रम केतहत अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश और केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में उत्तरी सीमा से सटे 19 जिलों के 46 ब्लॉकों में 2967 गांवों की व्यापक विकास केलिए पहचान की गई है। उन्होंने बतायाकि कार्यक्रम के पहले चरण में 46 ब्लॉक्स में 662 गांवों की लगभग 1 लाख 42 हज़ार की आबादी को कवर किया जाएगा, योजना पर 2022 से लेकर 2026 तक 4800 करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे, 11 ज़िले, 28 ब्लॉक और 1451 गांवों को प्रथम चरण में शामिल किया गया है।
अमित शाह ने कहाकि वायब्रेंट विलेज कार्यक्रम केतहत 3 स्तरपर गांवों के विकास के काम होंगे, गांवों में बसे हर व्यक्ति की सुविधाओं की चिंता केंद्र एवं राज्य सरकार कर रही है और विभिन्न योजनाओं को इस कार्यक्रम केतहत लोगों तक शत-प्रतिशत पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहाकि सीमावर्ती गांवों में एकभी घर ऐसा नहीं रहेगा, जहां मूलभूत सुविधाएं नहीं होंगी। अमित शाह ने कहाकि वित्तीय समावेशन और आर्थिक अवसरों को प्रोत्साहन देने का काम भी हो रहा है, पर्यटन, स्थानीय संस्कृति, भाषा का संरक्षण और संवर्धन करते हुए इन गांवों का विकास किया जाएगा। उन्होंने कहाकि कार्यक्रम का दूसरा लक्ष्य हैकि यहां से पलायन रोकना, जिसके लिए रोज़गार की व्यवस्था यहीं परकी जाएगी और पलायन से प्रभावित गांवों में पूर्ववर्ती स्थिति लाने का 5 साल का लक्ष्य रखा गया है। अमित शाह ने कहाकि कार्यक्रम का तीसरा लक्ष्य हैकि सीमावर्ती गांवों में मूलभूत इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करना एवं 3 चरणों में होनेवाले वायब्रेंट विलेज कार्यक्रम के जरिए पूरी उत्तरी सीमा के सभी गांवों से पलायन रोकना, पर्यटन को बढ़ावा देना और शहरों जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध कराना हमारा लक्ष्य है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहाकि वायब्रेंट विलेज प्रोग्राम को मिशन मोड में चलाने केलिए एक्शन प्लान तैयार किया गया है, केंद्र राज्य ज़िला एवं ब्लॉक स्तरपर प्रशासन में पंचायत और ग्रामसभा की भागीदारी एवं ज़िम्मेदारी सुनिश्चित की जाएगी और सभी योजनाओं पर शत-प्रतिशत अमल केलिए इन्हें इंटीग्रेटेड और कोऑर्डिनेटेड तरीके से तैयार किया गया है। उन्होंने कहाकि वाइब्रेंट विलेज में रहनेवाले लोगों को गांवों में रहने का गर्व हो और उन्हें सभी सुविधाएं प्राप्त हों, ऐसा गांव बनाने की ज़िम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अरूणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू की है। अमित शाह ने कहाकि माइक्रो हाइडल परियोजनाएं लगभग पूरी हो चुकी हैं, ये योजनाएं अरूणाचल जैसी विषम भौगोलिक स्थिति वाले राज्य में गावों में बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेंगी, सीमा पर तैनात हमारे हिमवीर और भारतीय सेना के जवानों कोभी सभी सुविधाएं मिलना सुनिश्चित करेगी। अमित शाह ने कहाकि 120 करोड़ की लागत से आईटीबीपी की 14 परियोजनाओं का भी शुभारंभ हुआ है।
गृहमंत्री ने कहाकि छोटे से राज्य अरूणाचल प्रदेश में 6,600 स्वयं सहायता समूहों का गठन हो चुका है, जिनके माध्यम से 53 हज़ार से अधिक महिलाओं को रोज़गार मिल रहा है, जो महिला सशक्तिकरण का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। गृहमंत्री ने कहाकि 2014 से पहले नॉर्थईस्ट को एक समस्याग्रस्त क्षेत्र के रूपमें जाना जाता था, लेकिन 9 साल में मोदीजी की लुक ईस्ट नीति के कारण नॉर्थईस्ट को आज देश के विकास में योगदान देने वाले क्षेत्र में रूपमें जाना जाता है। अमित शाह ने कहाकि एक ज़माने में दिल्ली में बैठे नेताओं के गलत दृष्टिकोण के कारण ये क्षेत्र विवादित थे, उग्रवाद से ग्रस्त थे, यहां शांति विकास और कनेक्टिविटी का अभाव था। अमित शाह ने कहाकि मोदीजी के नेतृत्व में आज यहां विवाद और उग्रवाद समाप्त हो रहे हैं और विकास एवं शांति युग की शुरूआत हो रही है। उन्होंने कहाकि उत्तरपूर्व में अभूतपूर्व सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण किया गया है, विवादों का निपटारा करके शांति स्थापित की गई है और उग्रवादी समूहों के साथ कई समझौते किए गए हैं, इनसे 2014 के मुकाबले 2022 में हिंसा में 67 प्रतिशत, सुरक्षाबलों की मृत्यु में 60 प्रतिशत और नागरिकों की मृत्यु में 83 प्रतिशत की कमी आई है।
अमित शाह ने कहाकि मोदी सरकार ने ब्रू, एनएलएफटी, बोडो, कार्बी-आंगलोंग समझौते किए और अंतर्राज्यीय सीमा विवाद सुलझाए हैं। उन्होंने कहाकि मोदी सरकार ने 70 प्रतिशत नॉर्थईस्ट मेसे अफस्पा को हटा लिया है और वो दिन दूर नहीं है, जब पूरे नॉर्थईस्ट से इसे हटा लिया जाएगा। उन्होंने कहाकि हथियार उठानेवाले युवा आज मेनस्ट्रीम में आकर मोदीजी के नेतृत्व में भारत के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं। अमित शाह ने कहाकि भारत सबसे शांति चाहता है, लेकिन हमारे देश की एक इंच भूमि परभी कोई अतिक्रमण नहीं कर सकेगा और ये नरेंद्र मोदी सरकार की नीति हैकि हमारी सेना और सीमा के सम्मान केसाथ कोई समझौता नहीं हो सकता। उन्होंने कहाकि मोदी सरकार सीमाओं की सुरक्षा को राष्ट्र की सुरक्षा मानती है, इसीलिए सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहाकि विरोधी पार्टी बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर पर जो काम 12 टर्म में नहीं कर सकी, वो मोदीजी ने 2 टर्म में ही कर लिया है और ये मोदी सरकार की सीमा सुरक्षा के प्रति प्राथमिकता को दर्शाता है, इसके लिए मोदी सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं।
गृहमंत्री ने बतायाकि अरुणाचल प्रदेश के विकास केलिए अंतर्राष्ट्रीय सीमा के 5 किलोमीटर के दायरें में आनेवाले सभी गांवों को ऑलवैदर रोड्स से जोड़ा गया है, 1859 किलोमीटर लंबे अरुणाचल फ्रंटियर हाइवे का काम शुरू हो चुका है और पिछले कुछवर्ष में सीमावर्ती क्षेत्रों में 2500 किलोमीटर सड़कों का निर्माण करके 252 बस्तियों को जोड़ा गया है। उन्होंने कहाकि केंद्र सरकार ने अरुणाचल सरकार को 44 हज़ार करोड़ रूपये इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास केलिए दिया है। उन्होंने कहाकि डिजिटल संपर्क के क्षेत्र मेभी 684 गांवों में 4जी कनेक्टिविटी पहुंच चुकी है और लगभग 1327 सीमावर्ती गांवों का विद्युतीकरण किया जा चुका है। अमित शाह ने कहाकि नरेंद्र मोदी सरकार की मन के लगाव और प्यार की अप्रोच से दूरियां कम हुई हैं। इस अवसर पर अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, केंद्रीय गृह सचिव, भारत तिब्बत सीमा पुलिस के महानिदेशक और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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