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आरबीआई की महंगाई से जंग जारी है!

नीतिगत दरों में आरबीआई ने कोई बदलाव नहीं किया

आरबीआई गवर्नर का द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 6 April 2023 04:39:02 PM

rbi governor

नई दिल्ली। भारतीय रिज़र्व बैक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा हैकि मुद्रास्फीति के खिलाफ जंग अभी समाप्त नहीं हुई है, हमारा काम अभी खत्म नहीं हुआ है और मुद्रास्फीति के खिलाफ युद्ध तबतक जारी रहना चाहिए, जबतक कि हम लक्ष्य के करीब मुद्रास्फीति में स्‍थायी गिरावट नहीं देख लेते, हमें विश्वास हैकि हम मध्यमअवधि में मुद्रास्फीति को लक्ष्य दर तक नीचे लाने केलिए सही रास्‍ते पर हैं। उन्होंने कहाकि कुल मिलाकर आर्थिक गतिविधियों का विस्तार, मुद्रास्फीति में अपेक्षित नरमी, पूंजीगत व्यय पर ध्यान देने केसाथ राजकोषीय समेकन, चालू खाता घाटे को और अधिक स्थायी स्तरों तक महत्वपूर्ण रूपसे कम करना और विदेशी मुद्रा भंडार का सहज स्तर स्वागत योग्य घटनाक्रम हैं, जो भारत की व्यापक आर्थिक स्थिरता को और मजबूत करेंगे।
भारतीय रिज़र्व बैक के गवर्नर ने कहाकि प्रमुख मुद्रास्फीति केसाथ हम मूल्य स्थिरता की अपनी कोशिश में दृढ़ और कृतसंकल्‍प हैं, जो दीर्घकालिक विकास केलिए सबसे अच्छी गारंटी है। भारतीय रिज़र्व बैक ने आज द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य अपने यू ट्यूब चैनल पर जारी किया है, जिसमें आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने सूचित किया हैकि मौद्रिक नीति समिति ने तत्‍परता से कार्य करने केसाथ सर्वसम्मति से नीति रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय किया है, यदि स्थिति के अनुसार कार्य करना आवश्‍यक हो, नतीजतन स्थायी जमा सुविधा दर बिना किसी बदलाव के 6.25 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा दर तथा बैंक दर 6.75 प्रतिशत रहेगी। आरबीआई गवर्नर का मानना हैकि मुद्रास्फीति लक्ष्य से ऊपर है और इसके वर्तमान स्तर को देखते हुए वर्तमान नीतिगत दर को अभीभी उदार माना जा सकता है, इसलिए एमपीसी ने आर्थिक विकास को बढ़ावा देने केलिए धन की आपूर्ति बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह देखते हुएकि वैश्विक अस्थिरता केबीच आर्थिक गतिविधि लचीली बनी हुई है बतायाकि 2023-24 केलिए भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.5 प्रतिशत, पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 6.2 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.1 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.9 प्रतिशत होने का अनुमान है। शक्तिकांत दास ने सूचित कियाकि सीपीआई मुद्रास्फीति 2023-24 केलिए 5.2 प्रतिशत पर मध्यम रहने का अनुमान है, पहली तिमाही में 5.1, दूसरी तिमाही में 5.4, तीसरी तिमाही में 5.4 और चौथी तिमाही में 5.2 प्रतिशत होने का अनुमान है। आरबीआई गवर्नर ने पांच अतिरिक्त उपायों की घोषणा की और स्पष्ट कियाकि भारत में आईएफएससी बैंकिंग यूनिट्स वाले बैंकों को पहले अप्रवासियों एवं आईबीयू वाले अन्य पात्र बैंकों केसाथ भारतीय रुपये में गैर वितरण योग्य विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स में लेनदेन करने की अनुमति थी।
गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहाकि अब आईबीयू वाले बैंकों को एनडीडीसी की पेशकश करने की अनुमति दी जाएगी, जिसमें ऑनशोर मार्केट में निवासी उपयोगकर्ताओं केलिए आईएनआर शामिल होगा। शक्तिकांत दास ने सूचित कियाकि यह उपाय भारत में विदेशी मुद्रा बाजार को और मजबूत करेगा एवं निवासियों के वित्तीय हानि से बचाव के वायदे को पूरा करने में अधिक लचीलापन प्रदान करेगा। शक्तिकांत दास ने सूचित कियाकि संस्‍थानों को रिज़र्व बैंक से लाइसेंस या प्राधिकार देने या विनियामक मंजूरी लेने केलिए आवेदन करने केलिए 'प्रवाह' नियामक आवेदन, सत्यापन और प्राधिकार देने के मंच नामक एक सुरक्षित वेब आधारित केंद्रीकृत पोर्टल विकसित किया जाएगा एवं केंद्रीय बजट 2023-24 की घोषणा की तर्ज पर यह वर्तमान प्रणाली को सरल और सुव्यवस्थित करेगा, जहां ये एप्‍लीकेशन आवेदन ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों मोड में होंगी। उन्होंने सूचित कियाकि पोर्टल मांगे गए आवेदनों पर निर्णय लेने केलिए समयसीमा दिखाएगा, यह उपाय नियामक प्रक्रियाओं में अधिक दक्षता लाएगा और रिज़र्व बैंक की विनियमित संस्थाओं केलिए व्यवसाय करने में आसानी की सुविधा प्रदान करेगा।
शक्तिकांत दास ने कहाकि वर्तमान में बैंकों में 10 वर्ष या उससे अधिक की बिना दावेवाली जमाराशि के जमाकर्ताओं या लाभार्थियों को ऐसी जमा राशि का पता लगाने केलिए कई बैंकों की वेबसाइटों के माध्यम से जाना पड़ता है, लेकिन अब इस तरह की बिना दावे की जमाराशियों के बारेमें जमाकर्ताओं की पहुंच को बेहतर और व्यापक बनाने केलिए यह निर्णय लिया गया हैकि एक वेबपोर्टल विकसित किया जाए, ताकि संभावित दावा न की गई जमाराशियों की विभिन्‍न बैंकों में खोज की जा सके, इससे जमाकर्ताओं या लाभार्थियों को दावा नहीं कीगई धनराशि वापस पाने में मदद मिलेगी। शक्तिकांत दास ने कहाकि क्रेडिट सूचना कंपनियों को हालही में रिज़र्व बैंक ने एकीकृत लोकपाल योजना के दायरे में लाकर उपाय किए हैं जैसे-क्रेडिट सूचना रिपोर्ट के अपडेट/ सुधार में देरी केलिए एक मुआवजा तंत्र, ग्राहकों की क्रेडिट सूचना रिपोर्ट तक पहुंचने पर उन्हें एसएमएस/ ईमेल अलर्ट का प्रावधान, ऋण संस्थाओं से सीआईसी द्वारा प्राप्त आंकड़ों को शामिल करने की समयसीमा, सीआईसी द्वारा प्राप्त ग्राहक शिकायतों का खुलासा, जो उपभोक्ता संरक्षण को और बढ़ाएंगे।
आरबीआई गवर्नर ने कहाकि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस ने भारत में खुदरा भुगतानों को बदल दिया है और याद दिलायाकि समय-समय पर नए उत्पादों और सुविधाओं को विकसित करने केलिए यूपीआई की मजबूती का लाभ उठाया गया है। गवर्नर ने घोषणा कीकि अब यूपीआई के माध्यम से बैंकों में पूर्वस्वीकृत क्रेडिट लाइनों के संचालन की अनुमति देकर यूपीआई के दायरे का विस्तार करने का निर्णय लिया गया है। गवर्नर ने बतायाकि भारतीय रुपया कैलेंडर वर्ष 2022 में व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ा है और 2023 में भी ऐसा ही बना रहेगा, यह घरेलू मैक्रोइकॉनॉमिक फंडामेंटल की ताकत और वैश्विक स्पिलओवर केलिए भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन को दर्शाता है। गवर्नर ने कहाकि हमारे बाहरी क्षेत्र के संकेतकों में काफी सुधार हुआ है, विदेशी मुद्रा भंडार 21 अक्टूबर 2022 को 524.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से पलट गया है और अब हमारी आगे की परिसंपत्ति को ध्यान में रखते हुए 600 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है। गवर्नर ने कहाकि 2020 की शुरुआत से दुनिया अत्यधिक अनिश्चितता के दौरसे गुजर रही है, हालांकि इस चुनौतीपूर्ण माहौल में भारत का वित्तीय क्षेत्र लचीला और स्थिर बना हुआ है।

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