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भाजपा आदिवासी समाज की पहली पसंद-प्रधानमंत्री

'डबल इंजन की सरकार आने से त्रिपुरा में शांति और विकास को रफ्तार'

त्रिपुरा में कई विकासात्मक पहलों का शिलान्यास और उद्घाटन किया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 19 December 2022 12:24:36 PM

'with the advent of double engine government, peace and development speed up in tripura'

अगरतला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिपुरा में 4350 करोड़ रुपये से अधिक की विकासात्मक पहलों का शिलान्यास एवं उद्घाटन किया और कहा हैकि त्रिपुरा अब विकास के डबल इंजन के आगमन केसाथ शांति और विकास के पथ पर है और मुझे त्रिपुरा के लोगों की क्षमता पर पूरा भरोसा है, हम विकास की रफ्तार को और भी तेज करेंगे। उन्होंने राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहाकि डबल इंजन सरकार केबाद त्रिपुरा में महिला स्वयं सहायता समूहों की संख्या 9 गुना बढ़ गई है। प्रधानमंत्री ने कहाकि कई दशक तक त्रिपुरा में उन दलों का शासन रहा, जिनकी विचारधारा का महत्व खो गया है और जो अवसरवाद की राजनीति करते हैं, उन्होंने त्रिपुरा को विकास से वंचित रखा था। उन्होंने कहाकि ग़रीब, युवा, किसान और महिलाएं इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, इस प्रकार की विचारधारा एवं मानसिकता से जनता का भला नहीं हो सकता, वे केवल नकारात्मकता फैलाना जानते हैं और उनके पास कोई सकारात्मक एजेंडा नहीं है। उन्होंने कहाकि यह डबल इंजन वाली सरकार है, जिसके पास संकल्प केसाथ उपलब्धि केलिए एक सकारात्मक रास्ता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि त्रिपुरा में विकास को गति देने केलिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहाकि मां त्रिपुर सुंदरी के आशीर्वाद से त्रिपुरा की विकास यात्रा नई ऊंचाइयों को छू रही है।
सत्ता की राजनीति के कारण आदिवासी समाजों को हुए भारी नुकसान पर चिंतन करते हुए प्रधानमंत्री ने आदिवासी समाज और आदिवासी क्षेत्रों में विकास की कमी पर अफसोस व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने हाल के गुजरात चुनाव को याद करते हुए कहाकि भाजपा ने इस राजनीति को बदल दिया है, इसीलिए यह आदिवासी समाज की पहली पसंद बन गई है। उन्होंने कहाकि भाजपा ने आदिवासियों केलिए आरक्षित 27 सीटों में से 24 पर जीत हासिल की है। प्रधानमंत्री ने आदिवासी समुदायों की बेहतरी केलिए किएगए विकास कार्यों की चर्चा करते हुए याद दिलाया कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार नेही सबसे पहले आदिवासियों केलिए अलग मंत्रालय और बजट की व्यवस्था की थी। उन्होंने कहाकि आदिवासी समुदाय केलिए जो बजट 21 हजार करोड़ रुपये था, वह 88 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया है। प्रधानमंत्री ने बतायाकि आदिवासी छात्रों की छात्रवृत्ति भी दोगुनी से अधिक कर दी गई है, वर्ष 2014 से पहले आदिवासी क्षेत्रों में 100 से कम एकलव्य मॉडल स्कूल थे, जबकि यह संख्या 500 से अधिक तक पहुंच रही है, त्रिपुरा केलिए भी 20 से अधिक ऐसे स्कूलों को मंजूरी दी गई है। उन्होंने इस बात की ओरभी सबका ध्यान आकर्षित कियाकि पहले की सरकारें 8-10 वन उत्पादों पर ही एमएसपी देती थीं, जबकि भाजपा सरकार 90 वनोपजों पर एमएसपी दे रही है। उन्होंने कहाकि आदिवासी क्षेत्रों में 50,000 से अधिक वनधन केंद्र हैं, जो लगभग 9 लाख आदिवासियों को रोज़गार प्रदान कररहे हैं, जिनमें से अधिकांश महिलाएं हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि यह भाजपा सरकार है, जो समझती हैकि आदिवासियों केलिए गर्व का क्या मतलब है, इसलिए 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को देशभर में जनजातीय गौरव दिवस के रूपमें मनाना शुरू किया हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बतायाकि देशभर में 10 आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय स्थापित किए जा रहे हैं और त्रिपुरा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने हालही में महाराजा वीरेंद्र किशोर माणिक्य संग्रहालय और सांस्कृतिक केंद्र की आधारशिला रखी है। उन्होंने कहाकि त्रिपुरा सरकार भी आदिवासी योगदान और संस्कृति को बढ़ावा देने केलिए लगातार प्रयास कर रही है और त्रिपुरा की आदिवासी कला-संस्कृति को बढ़ावा देने वाले व्यक्तियों को पद्म सम्मान देने के विशेषाधिकार पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने इन परियोजनाओं केलिए त्रिपुरा के लोगों को बधाई दी, जो कनेक्टिविटी, कौशल विकास और ग़रीबों के घर से जुड़ी योजनाओं से संबंधित हैं। इन परियोजनाओं में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी एवं ग्रामीण केतहत लाभार्थियों केलिए गृह प्रवेश कार्यक्रम का शुभारंभ, अगरतला बाईपास (खैरपुर-अमतली) एनएच-08 के चौड़ीकरण केलिए कनेक्टिविटी परियोजनाएं, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना III केतहत 230 किलोमीटर से अधिक लंबाई की 32 सड़कों का शिलान्यास और 540 किलोमीटर से अधिक लंबाई को शामिल करते हुए 112 सड़कों के उन्नयन की परियोजनाएं शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने आनंदनगर में स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट और अगरतला गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज का भी उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने पिछले 5 वर्ष में स्वच्छता अभियानों के संबंध में राज्य में किएगए सराहनीय कार्यों की चर्चा करते हुए कहाकि त्रिपुरा के लोगों ने इसे एक जनआंदोलन में बदल दिया है, इसके परिणामस्वरूप क्षेत्रफल के हिसाब से छोटे राज्यों की बात करें तो त्रिपुरा भारत का सबसे स्वच्छ राज्य बनकर सामने आया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि त्रिपुरा को अपना पहला डेंटल कॉलेज मिल गया है और त्रिपुरा के युवाओं को अब राज्य के बाहर गए बिना डॉक्टर बनने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहाकि राज्य के 2 लाख से अधिक ग़रीब लोग अपने नए पक्के घरों में गृहप्रवेश कर रहे हैं, जहां घरों की मालिक हमारी मां-बहनें हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि जब गरीबों केलिए घर बनाने की बात आती है तो त्रिपुरा अग्रणी राज्यों मेसे एक है। उन्होंने माणिक साहा और उनकी टीम की प्रशंसा की। पूर्वोत्तर परिषद की उस बैठक को याद करते हुए जिसमें प्रधानमंत्री ने पहले भाग लिया था, उन्होंने त्रिपुरा सहित सभी पूर्वोत्तर राज्यों केलिए भविष्य के विकास के रोडमैप की चर्चाओं पर अंतर्दृष्टि दी। उन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों के विकास केलिए 'अष्ट आधार' या आठ प्रमुख बिंदुओं के बारेमें जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने कहाकि डबल इंजन वाली सरकार से पहले पूर्वोत्तर राज्यों की बात केवल चुनाव और हिंसा के समय की जाती थी, आज स्वच्छता आधारभूत सुविधाओं के विकास और ग़रीबों को घर उपलब्ध कराए जाने को लेकर त्रिपुरा की चर्चा की जा रही है। उन्होंने कहाकि केंद्र सरकार आधारभूत सुविधाओं के विकास केलिए हजारों करोड़ रुपये खर्च कर रही है और राज्य सरकार जमीन पर परिणाम दिखाकर इसे संभव कररही है। उन्होंने कहाकि 5 वर्ष में त्रिपुरा के कई गांवों को सड़क संपर्क मिला है और त्रिपुरा के सभी गांवों को सड़कों से जोड़ने केलिए तेजीसे काम चल रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि ये परियोजनाएं राज्य के सड़क नेटवर्क को और मजबूत करेंगी, राजधानी में यातायात को आसान बनाएंगी और जीवन को आसान बनाएंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगरतला-अखौरा रेलवे लाइन और भारत-थाईलैंड-म्यांमार राजमार्ग के बुनियादी ढांचे केसाथ खुलने वाले नए रास्ते की जानकारी देते हुए कहाकि त्रिपुरा के जरिए पूर्वोत्तर क्षेत्र अंतर्राष्ट्रीय व्यापार केलिए एक प्रवेश द्वार बन रहा है। उन्होंने कहाकि अगरतला में महाराजा बीरबिक्रम हवाई अड्डे पर अंतर्राष्ट्रीय टर्मिनल के निर्माण से कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिला है, त्रिपुरा पूर्वोत्तर के एक महत्वपूर्ण लॉजिस्टिक सेंटर के रूपमें विकसित हो रहा है। प्रधानमंत्री ने त्रिपुरा में इंटरनेट कनेक्टिविटी केलिए सरकार के प्रयासों को श्रेय दिया, जो युवाओं केलिए अत्यंत उपयोगी है। उन्होंने कहाकि त्रिपुरा की कई पंचायतें अब ऑप्टिकल फाइबर से जुड़ गई हैं। प्रधानमंत्री ने आयुष्मान भारत योजना का उदाहरण दिया, जिसके तहत पूर्वोत्तर के गांवों में सात हजार से अधिक हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर स्वीकृत किएगए हैं। उन्होंने कहाकि त्रिपुरा में लगभग एक हजार ऐसे केंद्र यहां स्थापित किए जा रहे हैं, इसी तरह आयुष्मान भारत-पीएम जय योजना केतहत त्रिपुरा के हजारों गरीबों को 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिली है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि शौचालय, बिजली हो या गैस कनेक्शन, इतना व्यापक काम पहलीबार हुआ है। उन्होंने कहाकि डबल इंजन सरकार सस्ते दामों पर पाइप से गैस लाने और हरघर में पाइप से पानी पहुंचाने केलिए तेजीसे काम कर रही है।
प्रधानमंत्री ने बतायाकि केवल 3 वर्ष में त्रिपुरा के 4 लाख नए परिवारों को पाइप से पानी की सुविधा से जोड़ा गया है। प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का जिक्र किया, जिससे त्रिपुरा की एक लाख से अधिक गर्भवती माताएं लाभांवित हुई हैं, इसके तहत हर मां के बैंक खाते में पौष्टिक भोजन केलिए हजारों रुपये सीधे जमा किएगए हैं, इसके परिणामस्वरूप आज अस्पतालों में अधिक से अधिक प्रसव हो रहे हैं और मां तथा बच्चे दोनों की जान बच रही है। प्रधानमंत्री ने कहाकि सरकार ने महिलाओं के रोज़गार केलिए सैकड़ों करोड़ रुपये का विशेष पैकेज जारी किया है, त्रिपुरा के छोटे किसानों और उद्यमियों केलिए बेहतर अवसर पैदा करने केलिए डबल इंजन सरकार के प्रयास को दोहराया। नरेंद्र मोदी ने त्रिपुरा से अनानास के विदेशों तक पहुंचने का उदाहरण देते हुए कहाकि यहां के स्थानीय उत्पादों को वैश्विक बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं, सैकड़ों मीट्रिक टन अन्य फल और सब्जियां भी यहां से बांग्लादेश, जर्मनी और दुबई को निर्यात किए जा रहे हैं, इसके परिणामस्वरूप किसानों को उनकी उपज की अधिक कीमत मिल रही है। उन्होंने कहाकि पीएम किसान सम्मान निधि से अबतक त्रिपुरा के लाखों किसानों को 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की धनराशि मिल चुकी है। उन्होंने त्रिपुरा में अगर-लकड़ी उद्योग पर कहाकि यह त्रिपुरा के युवाओं केलिए नए अवसरों और आय का स्रोत बनेगा। इस अवसर पर त्रिपुरा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा, त्रिपुरा के उपमुख्यमंत्री जिष्णु देव वर्मा और केंद्रीय राज्यमंत्री प्रतिमा भौमिक और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। 

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