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काशी विश्वनाथ के दरबार पहुंचे शैव मठाधीश!

काशी और तमिल का सदियों पुराना रिश्ता पुनर्जीवित-धर्मेंद्र प्रधान

दिव्य काशी विश्वनाथ कॉरिडोर देख की प्रधानमंत्री की प्रशंसा

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Saturday 19 November 2022 10:47:40 AM

shaiv mathadhish reached the court of kashi vishwanath

वाराणसी। काशी और तमिल केबीच सदियों पुराना रिश्ता नए सिरे से पुनर्जीवित हो रहा है, काशी तमिल संगमम की पूर्व संध्या पर महादेव की नगरी दो संस्कृतियों के महामिलन से बम-बम हो गई। यहां तमिलनाडु के शैव मठाधीशों (आधीनम) का आगमन हुआ, नौ रत्नों की भांति नौ शैव मठाधीशों का काशी नगरी ने अपनी परम्पराओं के अनुरूप दिव्य और भव्य स्वागत किया। काशी आने पर सभी शैव मठाधीश सबसे पहले श्रीकाशी विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचे। केंद्रीय शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने धर्मपुरम शैव मठाधीश, सुरियानार शैव मठाधीश, वेलंकुरिची शैव मठाधीश, सेनकोल शैव मठाधीश, बोम्मापुरम शैव मठाधीश, थुलावुर शैव मठाधीश, कामाक्षीपुरी शैव मठाधीश, डिंडीगुल शिवापुरम शैव मठाधीश एवं पल्लादम सेनजेरी शैव मठाधीश का स्वागत किया।
शैव मठाधीशों के आगमन पर नव्य-भव्य विश्वनाथ कॉरिडोर डमरुओं की डिम-डिम संग हर-हर महादेव के उद्घोष से गूंज उठा। इस अवसर पर धर्मेंद्र प्रधान ने दिव्य और भव्य काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में उनका जोरदार स्वागत किया और कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निजी तौरपर यह इच्छा थीकि काशी-तमिल केबीच जो ज्ञान और संस्कृति का संबंध रहा है, उसे जन-जन केबीच पहुंचाने की जरूरत है, इसलिए काशी तमिल संगमम का यह आयोजन ऐतिहासिक होने जा रहा है। धर्मेंद्र प्रधान ने यह भी कहाकि यह आयोजन अबतक के सबसे महान तमिल साहित्यकारों में से एक महाकवि सुब्रमण्यम भारथियार को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहाकि काशी तमिल संगमम हमारी दो महान संस्कृतियों केबीच दार्शनिक एकात्मता और समानता का उत्सव है।
तमिलनाडु के धर्मगुरु स्वागत से अभिभूत गदगद हो उठे। बाबा काशी विश्वनाथ के दिव्य ज्योतिर्लिंग के दर्शन, विधिवत दर्शन-पूजन केसाथ ही सभी शैव मठाधीशों ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को देखा और इसकी अद्भुत बनावट एवं सुंदरता पर मंत्रमुग्ध हो गए। शैव मठाधीशों ने अतिसुंदर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर केलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुक्तकंठ से प्रशंसा की। उन्होंने कहाकि काशी तमिल संगमम के पुण्ययोग के कारण ही काशी नगरी आने का अवसर प्राप्त हुआ। शैव मठाधीशों ने कहाकि मां गंगा के तट पर बसी भगवान शंकर की यह नगरी अद्भुत है, इसे जितना समझिए, जितना जानिए, उतनी ही उत्सुकता बढ़ जाती है। धर्मपुरम शैव मठाधीश के गुरुजी ने कहाकि छठवीं शताब्दी में उनके मठ के प्रतिनिधि काशी आए थे, धर्मपुरम आधीनम मठ और काशी का गहरा संबंध है।

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