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'विशाखापट्टनम आजभी भारत का व्यापार केंद्र'

आंध्रप्रदेश व इसके तटीय क्षेत्रों में नई रफ्तार से विकास-नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री ने किया परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास

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Saturday 12 November 2022 05:39:23 PM

pm launches the multiple development projects in visakhapatnam

विशाखापत्तनम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज आंध्रप्रदेश में 10,500 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण कर उन्हें राष्ट्रको समर्पित किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने अपने उस समय को याद किया, जब विप्लव वीरुदू अल्लुरू सीतारामराजू की 125वीं जयंती पर उन्हें आंध्रप्रदेश आने का अवसर मिला था। प्रधानमंत्री ने कहाकि विशाखापत्तनम कारोबार और व्यापार की अत्यंत समृद्धशाली परंपरा वाला अतिविशिष्ट शहर है यह प्राचीन भारत का महत्वपूर्ण बंदरगाह होनेके नाते हजारों साल पहले पश्चिम एशिया और रोम जानेवाले व्यापार मार्ग का हिस्सा रहा है, वह वर्तमान समय और युगमें भी भारतीय व्यापार का मुख्य स्थल है। प्रधानमंत्री ने कहाकि यहां ये परियोजनाएं अवसंरचना में नए आयाम जोड़कर, जीवन सुगमता और आत्मनिर्भर भारत के जरिए विशाखापत्तनम तथा आंध्रप्रदेश की उम्मीदों एवं आकांक्षाओं को पूरा करने का माध्यम बनेंगी, इससे राज्य के विकास को और गति मिलेगी। प्रधानमंत्री ने भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडु का विशेष उल्लेख किया और कहाकि आंध्रप्रदेश केलिए उनका प्रेम और समर्पण अद्वितीय है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि बात चाहे शिक्षा की हो या उद्यमिता की, प्रौद्योगिकी की हो या चिकित्सा व्यवसाय की, हर क्षेत्रमें आंध्रप्रदेश के लोगों ने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। उन्होंने कहाकि यह पहचान सिर्फ व्यावसायिक गुणों का परिणाम नहीं है, बल्कि आंध्रप्रदेश के लोगों का मिलनसार और हंसमुख स्वभाव भी इसका कारण है। प्रधानमंत्री ने कहाकि इस अमृतकाल में भारत विकसित देश बनने के उद्देश्य केसाथ विकासपथ पर तेजीसे बढ़ रहा है। उन्होंने कहाकि इसका पूरा ध्यान आम नागरिक की आवश्यकताओं एवं जरूरतों पर है तथा यह उन्नत अवसंरचना केलिए एक रोडमैप भी पेश करता है। उन्होंने समावेशी उन्नति केलिए सरकार की परिकल्पना को रेखांकित किया और पिछली सरकारों के अवसंरचना विकास केप्रति एकांगी समझ रखने पर अफसोस व्यक्त किया, जिसके कारण लॉजिस्टिक खर्चों में बढ़ोतरी हुई और आपूर्ति श्रृंखला कमजोर हुई। उन्होंने बतायाकि सरकार ने अवसंरचना विकास के प्रति नई समझ अपनाई है, क्योंकि आपूर्ति श्रृंखला तथा लॉजिस्टिक्स बहुविध कनेक्टीविटी पर आश्रित होती है, इसके साथही विकास केप्रति एकीकृत नजरिया अपनाने की भी जरूरत होती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रस्तावित आर्थिक कॉरिडोर परियोजना में छह लेन के सड़क निर्माण, बंदरगाह को जोड़ने केलिए एक अलग सड़क, विशाखापत्तनम रेलवे स्टेशन के सुंदरीकरण तथा उत्कृष्ट मछली बंदरगाह के निर्माण का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने विकास के इस एकीकृत दृष्टिकोण का श्रेय पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान को दिया और कहाकि इससे न केवल अवसंरचना निर्माण की रफ्तार तेज हुई है, बल्कि इससे परियोजनाओं पर लगने वाला खर्च भी कम हुआ है। उन्होंने कहाकि बहुविध यातायात प्रणाली हर शहर का भविष्य है और विशाखापत्तनम ने इस दिशामें कदम बढ़ा दिया है। उन्होंने कहाकि आंध्रप्रदेश और उसका तटीय क्षेत्र नईगति और ऊर्जा केसाथ विकास की दौड़ में आगे निकल जाएंगे। प्रधानमंत्री ने संकटग्रस्त वैश्विक जलवायु का उल्लेख किया और महत्वपूर्ण उत्पादों एवं ऊर्जा आवश्यकताओं केलिए आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान की चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहाकि बहरहाल भारत ने इस कठिन समय मेभी विकास का नया अध्याय लिख दिया है, विश्व ने यह मान लिया है और विशेषज्ञ भारत की उपलब्धियों का बखान कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत विश्व केलिए आशा का केंद्र बन गया है, यह इस तथ्य के कारण संभव हो सकाकि भारत अपने नागरिकों की आकांक्षाओं और आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए काम कररहा है, हर नीति और निर्णय आम नागरिक के जीवन को बेहतर बनाने केलिए ही होता है। प्रधानमंत्री ने उल्लेख कियाकि पीएलआई योजना, जीएसटी, आईबीसी और आसन्न राष्ट्रीय अवसंरचना के कारण भारत में निवेश बढ़रहा है, इसके साथही गरीबों के कल्याण केलिए चलाई जारही योजनाओं काभी लगातार विस्तार हो रहा है। उन्होंने कहाकि आज विकास की इस यात्रामें जोक्षेत्र पहले हाशिये पर पड़े थे, अब उन्हें भी शामिल कर लिया गया है, यहां तककि अत्यंत पिछले जिलों मेभी आकांक्षी जिला कार्यक्रम केजरिए विकास योजनाएं चलाई जा रही हैं। प्रधानमंत्री ने कई पहलों का भी हवाला दिया जैसे-पिछले ढाई वर्ष से लोगों को मुफ्त राशन, हर किसान के खातेमें हरवर्ष छह हजार रुपये जमा करना तथा ड्रोन सुगमता, गेमिंग तथा स्टार्टअप सम्बंधी नियम।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्रप्रदेश में आधुनिक प्रौद्योगिकी के जरिए समुद्र की गहराई से ऊर्जा प्राप्त करने का उदाहरण दिया। उन्होंने रेखांकित कियाकि सरकार ब्लू इकोनॉमी पर ध्यान देरही है, ब्लू इकोनॉमी पहलीबार इतनीबड़ी प्राथमिकता बनगई है। उन्होंने मछुआरों केलिए किसान क्रेडिट कार्ड और विशाखापत्तनम में आज शुरू होनेवाले मछली बंदरगाह के आधुनिकीकरण जैसे उपायों का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने उल्लेख कियाकि सदियों से समुद्र भारत केलिए समृद्धि का स्रोत रहा है तथा हमारे समुद्री तट इस समृद्धि का प्रवेशद्वार रहे हैं। उन्होंने कहाकि करोड़ों रुपये की कीमत वाली परियोजनाएं, जो देशके बंदरगाहों के विकास केलिए हैं, उनमें आज केबाद और विस्तार होगा। संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि 21वीं सदी का भारत विकास के समग्र विचार को जमीन पर उतार रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि आंध्रप्रदेश देशके इस विकास अभियान में केंद्रीय भूमिका निभाता रहेगा। इस अवसर पर आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएसआर जगन रेड्डी, आंध्रप्रदेश के राज्यपाल बिस्वभूषण हरिचंदन, रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव, संसद सदस्य और आंध्रप्रदेश विधानपरिषद के सदस्य भी उपस्थित थे।

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