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नौसेना अभियानों लड़ाकू तैयारियों की समीक्षा

समुद्र में पश्चिमी बेड़े के जहाज पर एडमिरल अजेंद्र बहादुर सिंह

युद्धपोतों पनडुब्बियों और विभिन्न विमानों का अभ्यास भी देखा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 15 October 2022 12:16:38 PM

admiral ajendra bahadur singh on board the ship of the western fleet at sea

मुंबई। भारतीय नौसेना में फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ पश्चिमी नौसेना कमान के वाइस एडमिरल अजेंद्र बहादुर सिंह ने भारत के पश्चिमी तट के करीब समुद्र में पश्चिमी बेड़े के जहाजों पर अनेक खतरों वाले परिदृश्य में पश्चिमी बेड़े की अभियानगत एवं लड़ाकू तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान एक अभ्यास भी हुआ, जिसमें 20 से अधिक भारतीय नौसेना के युद्धपोतों, छह पनडुब्बियों और विभिन्न प्रकार के विमानों ने भाग लिया। दिन और रात में चलनेवाले इस सामरिक अभ्यास में तीनों आयामों में व्यापक रूपसे वेपन एंड इंटीग्रेशन ड्रिल और लक्ष्यों को साधना शामिल था। उच्चगति के अभियान के दौरान कमांडर-इन-चीफ ने कठोर अभियानगत स्थितियों केतहत एन्टी एयर, एन्टी सरफेस और पनडुब्बी-रोधी गतिविधियों, मल्टी शिप रिप्लेनिश्मेन्ट, बोर्डिंग ऑपेरशन/ वीबीएसएस को देखा। नेटवर्क केंद्रित क्षमताओं के माध्यम से डब्ल्यूएनसी के उत्तरदायित्व के पूरे क्षेत्र की निगरानी केलिए पश्चिमी बेड़े की क्षमता प्रभावी ढंग से साबित हुई।
पनडुब्बी रोधी अभियानों में जहाजों, एएसडब्ल्यू सक्षम पी 8 आई विमान और शिपबोर्न हेलीकॉप्टरों की पनडुब्बियों का पता लगाने केलिए सक्रिय और निष्क्रिय एरेज़ की तैनाती शामिल थी, जिसका समापन टारपीडो फायरिंग में हुआ। अभ्यास ने भारतीय नौसेना के सबसे बड़े एयर स्टेशन आईएनएस हंसा की बेड़े केलिए 24x7 परिचालन करने की अभियानगत क्षमता और तैयारी भी प्रदर्शित हुई। समुद्री गश्ती विमान पी8आई, डोर्नियर और आईएल-38, हेल यूएवी सी-गार्डियन, इंटीग्रल हेलीकॉप्टर सी किंग, कामोव 31, एएलएच व चेतक, और भारतीय नौसेना के लड़ाकू विमान मिग 29 के और भारतीय वायुसेना के सुखोई 30 ने प्रभावी ढंगसे निगरानी और कॉम्बैट ऑपरेशन्स में योगदान दिया। गन, मिसाइल और टारपीडो फायरिंग पूरीतरह से भारतीय नौसेना के ऑर्डनेंस ऑन टारगेट के उद्देश्य पर केंद्रित थी। जहाजों ने मिसाइल, टारपीडो और गन फायरिंग एक यथार्थवादी सामरिक परिदृश्य में उच्चगति एयर, सरफेस, सब सरफेस लक्ष्यों के विरुद्ध नौसेना की एरिया एवं पॉइंट डिफेंस क्षमताओं को स्थापित करने केलिए थे।
पनडुब्बियों ने टारपीडो फायरिंग की, इन फायरिंग की सटीक सटीकता, निर्बाध और सुरक्षित निष्पादन ने भारतीय नौसेना के शस्त्रागार एवं हथियार प्रणालियों की घातकता और प्रभावशीलता को प्रदर्शित किया, जो युद्ध की तैयारी के उच्चमानक को दर्शाता है। सीएनसी ने भारतीय नौसेना के परिकल्पित ऑपरेशंस की अवधारणा को पूरा करने और राष्ट्रकी समुद्री सुरक्षा में योगदान करने हेतु तैयार होने केलिए वेस्टर्न फ्लीट, आईएनएस हंसा और भारतीय वायुसेना के समुद्री पक्ष की सराहना की। समुद्र में यह जहाज रियर एडमिरल समीर सक्सेना फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग वेस्टर्न फ्लीट की सामरिक कमान के अधीन थे।

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