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चीतों की निगरानी केलिए टास्क फोर्स गठित

कुनो राष्ट्रीय उद्यान और अन्य निर्दिष्ट क्षेत्रों की करेगी निगरानी

चीता मित्रों स्थानीय समुदायों से संवाद और जागरुक भी करेगी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 7 October 2022 05:34:45 PM

task force set up to monitor cheetahs

नई दिल्ली। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने चीतों की निगरानी केलिए टास्क फोर्स गठित किया है, जो मध्यप्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान और अन्य उपयुक्त निर्दिष्ट क्षेत्रों में चीतों की निगरानी करेगी। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण चीता टास्क फोर्स के कामकाज को सुगम बनाएगा और सभी आवश्यक सहायता प्रदान करेगा। टास्क फोर्स को दो साल की अवधि केलिए गठित किया गया है। यह टास्क फोर्स एक उपसमिति नियुक्त कर सकती है, जो उनके तय समय पर उन क्षेत्रों का नियमित रूपसे दौरा करेगी, जिनमें इन चीतों को छोड़ा गया है। चीतों को यहां लाकर छोड़ा जाना मूल चीता आवासों और उनकी जैवविविधता के संरक्षण केलिए तैयार एक प्रोटोटाइप या मॉडल का हिस्सा है, इससे जैव विविधता के क्षरण और तेजीसे नुकसान को रोकने में मदद मिलेगी।
चीता एक शीर्ष शिकारी जीव है, चीता एक ऐसा जीव है, जो गति के मामले में भारतीय मृगों और गज़ेलों कोभी पीछे छोड़ देता है, जिसको वापस लाकर भारत में बसाने से ऐतिहासिक विकासवादी संतुलन पुनः स्थापित होगा और इकोसिस्टम के विभिन्न स्तरों पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ेगा। चीता को फिरसे बसाकर हम न केवल इसके शिकार आधार को बचाने में सक्षम होंगे, जिसमें से कुछ प्रजातियां विलुप्ति के कगार पर हैं, बल्कि घास के मैदानों की अन्य लुप्तप्राय प्रजातियों और खुले वनों के इकोसिस्टम कोभी बचाने में सक्षम होंगे। टास्क फोर्स चीता के स्वास्थ्य की समीक्षा, प्रगति और निगरानी के साथ-साथ एकांतवास और सॉफ्ट रिलीज बाड़ों का रख-रखाव करेगी।
चीता टास्क फोर्स पूरे क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति, वन और पशु चिकित्सा अधिकारियों के परिभाषित प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करेगी, ताकि भारत में चीता की स्थिति, उनके समग्र स्वास्थ्य, व्यवहार और उनके रख-रखाव के संबंध में एनटीसीए तथा मध्य प्रदेश वन विभाग को सलाह दी जा सके। टास्क फोर्स कुनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों के शिकार कौशल और अनुकूलन की निगरानी करेगी। चीता को एकांतवास से सॉफ्ट रिलीज बाड़ों और फिर संरक्षित घास के मैदानों व उसके बाद खुले वन क्षेत्र में छोड़ने की निगरानी करेगी। इको-टूरिज्म केलिए चीता संरक्षित वनक्षेत्र को खोलने और इस संबंध में नियम सुझाने का काम करेगी। कुनो राष्ट्रीय उद्यान और अन्य संरक्षित क्षेत्रों के सीमांत क्षेत्रों में पर्यटन संबंधी बुनियादी ढांचे के विकास पर सुझाव और सलाह देगी।
टास्क फोर्स चीता मित्रों और स्थानीय समुदायों केबीच जागरुकता बढ़ाने और क्षेत्र विशेष में चीतों के संरक्षण में उन्हें शामिल करने केलिए उनके साथ नियमित तौरपर संवाद करेगी। टास्क फोर्स के सदस्यों में शामिल हैं-प्रमुख सचिव (वन) मध्यप्रदेश, प्रमुख सचिव (पर्यटन) मध्यप्रदेश, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख मध्यप्रदेश, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) और मुख्य वन्यजीव वार्डन मध्यप्रदेश, सेवानिवृत्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) और मुख्य वन्यजीव वार्डन मध्यप्रदेश आलोक कुमार, महानिरीक्षक एनटीसीए नई दिल्ली के डॉ अमित मलिक, वैज्ञानिक भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून की डॉ विष्णु प्रिया, सदस्य एमपी एसबीडब्ल्यूएल भोपाल के अभिलाष खांडेकर और एपीसीसीएफ-वन्यजीव सदस्य संयोजक सुभोरंजन सेन।

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