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प्रधानमंत्री का आईएएस अफसरों को प्रेरक संबोधन

'देश की सेवा करने और विकसित भारत के लक्ष्य की प्राप्ति का अवसर'

'लीक से हटकर चिंतन करें और प्रयासों में समग्र दृष्टिकोण अपनाएं'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 7 October 2022 12:20:39 PM

pm narendra modi (file photo)

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत सरकार के 63 मंत्रालयों और विभागों में 11 जुलाई से 7 अक्टूबर 2022 तक सहायक सचिव के रूपमें तैनात 2020 बैच के 175 आईएएस अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा हैकि उनको अमृतकाल के दौरान देशकी सेवा करने और पंच प्रण को साकार करने का अवसर मिला है। उन्होंने कहाकि एक विकसित भारत के लक्ष्य की प्राप्ति सुनिश्चित करने में भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारियों की अहम भूमिका है। प्रधानमंत्री ने उनके लीक से हटकर चिंतन करने और प्रयासों में समग्र दृष्टिकोण अपनाने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस तरह के समग्र दृष्टिकोण के महत्व को प्रदर्शित करने केलिए प्रधानमंत्री गतिशक्ति मास्टर प्लान का उदाहरण भी दिया। प्रधानमंत्री ने सुषमा स्वराज भवन में सहायक सचिव पाठ्यक्रम-2022 के समापन सत्रमें 2020 बैच के आईएएस अधिकारियों को एक प्रेरक भाषण दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवाचार के महत्व के बारेमें कहाकि यह सामूहिक प्रयास और देशमें कार्यसंस्कृति का हिस्सा बन गया है। उन्होंने स्टार्ट-अप इंडिया योजना की चर्चा करते हुए कहाकि कुछ वर्ष में देशमें स्टार्टअप्स की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और यह कई मंत्रालयों के एकसाथ आने और 'संपूर्ण सरकार' वाले दृष्टिकोण के माध्यम से एक टीम के रूपमें काम करने के कारण संभव हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहाकि केंद्रीय शासन का ध्यान दिल्ली से बाहर, देशके सभी क्षेत्रोंमें स्थानांतरित हो गया है, अनेकमहत्वपूर्ण योजनाएं अब दिल्ली के बाहर के स्थानों से शुरू की जा रही हैं। प्रधानमंत्री ने आईएएस अधिकारियों को सुझाव दियाकि वे कार्यक्षेत्र की स्थानीय संस्कृति की समझ विकसित करें और जमीनी स्तरपर स्थानीय लोगों केसाथ अपने संबंध मजबूत करें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें एक जिला एक उत्पाद पर ध्यान केंद्रित करने और अपने जिले के उत्पादों के निर्यात के अवसरों का पता लगाने केलिए कहा। उन्होंने आईएएस अधिकारियों से आकांक्षी जिला कार्यक्रम केलिए अपनी कार्ययोजना तैयार करने को भी कहा। प्रधानमंत्री ने मनरेगा योजना को और भी अधिक प्रभावी तरीके से लागू करने की बात कही। उन्होंने जनभागीदारी की भावना के महत्व पर जोर देते हुए कहाकि यह दृष्टिकोण कुपोषण से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। समय से पहले जनधन योजना की सफलता पर प्रधानमंत्री ने डिजिटल अर्थव्यवस्था के महत्व के बारेमें बताया और अधिकारियों का गांवों में लोगों को डिजिटल अर्थव्यवस्था और यूपीआई से जोड़ने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने कर्तव्यों को निभाने के महत्व के बारेमें बताया और कहाकि राजपथ की मानसिकता अब कर्तव्यपथ की भावना में बदल गई है।
भारत सरकार के 63 मंत्रालयों और विभागों में सहायक सचिवों के रूपमें तैनात आईएएस अधिकारियों ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष आठ प्रस्तुतियां दीं। इन प्रस्तुतियों के विषयों में पोषण ट्रैकर, पोषण अभियान की बेहतर निगरानी केलिए उपकरण, भाषिणी के माध्यम से बहुभाषी ध्वनि आधारित डिजिटल पहुंच को सक्षम करना, कॉर्पोरेट डेटा प्रबंधन, मातृभूमि जियोपोर्टल-शासन केलिए भारत का एकीकृत राष्ट्रीय जियोपोर्टल, सीमा सड़क संगठन की पर्यटन क्षमता, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के माध्यम से डाकघरों का बदलाव करना, रीफ जैसी कृत्रिम संरचनाओं के माध्यम से समुद्रतटीय मत्स्यपालन का विकास और कंप्रेस्ड बायोगैस-भविष्य केलिए ईंधन शामिल थे।

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