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'बाबासाहेब के आदर्श और नया भारत निर्विवाद'

'बाबासाहेब ने देश की सामाजिक आर्थिक नीतियों को आकार दिया'

रामनाथ कोविंद ने किया अंबेडकर एंड मोदी पुस्तक का विमोचन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 17 September 2022 01:33:12 PM

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नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 'अम्बेडकर एंड मोदी: रिफॉर्मर्स आइडियाज परफॉर्मर्स इम्प्लीमेंटेशन' पुस्तक का विमोचन किया, जो भारतरत्न डॉ भीमराव अंबेडकर के जीवन, कार्यों और देश-समाज केलिए उनकी महान उपलब्धियों के अलावा उनके आदर्शों और नए भारत की विकास यात्रा केबीच समरूपता दर्शाती है। रामनाथ कोविंद ने इस अवसर पर डॉ भीमराव अम्बेडकर के बहुआयामी व्यक्तित्व को रेखांकित किया और स्वतंत्र भारत के प्रारंभिक वर्षों में उनके योगदान को याद किया। उन्होंने कहाकि बाबासाहेब के योगदान ने बैंकिंग, सिंचाई, बिजली व्यवस्था, शिक्षा प्रणाली, श्रम प्रबंधन, राजस्व बंटवारा प्रणाली आदि से संबंधित नीतियों को आकार दिया। रामनाथ कोविंद ने उस समय को याद किया, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2010 में गुजरात में गौरव यात्रा का आयोजन किया था, एक सजे-धजे हाथी के ऊपर भारतीय संविधान की एक बड़ी प्रति विराजमान थी, जबकि मुख्‍यमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों केसाथ पैदल चल रहे थे। उन्होंने कहाकि संविधान केप्रति श्रद्धा और बाबासाहेब के सम्मान का इससे बेहतर उदाहरण नहीं हो सकता।
रामनाथ कोविंद ने डॉ भीमराव अंबेडकर की परिकल्‍पना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों केबीच समानताएं बताते हुए कहाकि नई शिक्षा नीति, जिसे देशभर से प्राप्‍त दो लाख से अधिक सुझाव से तैयार किया गया है और जो मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करती है, बाबासाहेब के विचार के अनुरूप है। उन्होंने कहाकि कई जटिल कानूनों को बदलने केलिए चार श्रम संहिताएं, मजदूरों केलिए सार्वभौमिक खाता संख्या डॉ अम्बेडकर की परिकल्‍पना का परिणाम है। भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बालकृष्ण भी कार्यक्रम में मौजूद थे। उन्होंने भारत के महानतम विचारकों मेसे एकके रूपमें डॉ भीमराव अम्बेडकर के योगदान को याद किया। उन्होंने भारत के औद्योगीकरण, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा और आधुनिकीकरण पर बाबासाहेब के सुझावों को याद किया। उन्होंने कहाकि नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियां डॉ भीमराव अम्बेडकर के प्रस्तुत भारत के अद्भुत विचार के सार को लागू करती हैं। पुस्तक विमोचन पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर, राज्यमंत्री डॉ एल मुरुगन और ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन के निदेशक हितेश जैन भी उपस्थि‍त थे।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहाकि यह पुस्तक भारतरत्न बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर के उत्‍कृष्‍ट विचारों और दूरदर्शिता का संग्रह मात्र नहीं है, बल्कि यह इसबात का संकलन भी हैकि पिछले आठ वर्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन विचारों को कैसे क्रियांवित किया है, यह बाबासाहेब के दृष्टिकोण को साकार करने हेतु किए जा रहे कठोर प्रयासों का दस्तावेज है। अनुराग ठाकुर ने डॉ भीमराव अम्बेडकर के योगदान को याद करते हुए कहाकि वह एक उत्कृष्ट राजनेता थे, जिनके विचारों, हस्तक्षेपों और दर्शन ने हमारे राष्ट्र एवं उसकी बुनियाद तैयार की, जिसे आज हम जानते हैं। उन्‍होंने कहाकि डॉ भीमराव अम्बेडकर ने अपना पूरा जीवन समानता, मानवाधिकार और सामाजिक न्याय केलिए संघर्ष करने को समर्पित कर दिया, वह हाशिए पर मौजूद और सामाजिक रूपसे उत्पीड़ित लोगों की आवाज़ थे, उनके जीवन और प्रभाव का आधुनिक भारत के निर्माण पर व्यापक प्रभाव बरकरार है। उन्होंने कहाकि प्रथम कानून मंत्री के रूपमें डॉ भीमराव अम्बेडकर ने भेदभावविहीन ऐसे समाज की परिकल्पना कीथी, जो हाशिए पर मौजूद लोगों को मुख्यधारा में लेकर आए, जो विकास केलाभ सभीमें समान रूपसे वितरित करे, लेकिन स्वतंत्रता केबाद से सरकारों के प्रयास इनको साकार करने में अपर्याप्‍त रहे हैं।
अनुराग ठाकुर ने कहाकि वर्ष 2014 केबाद से नरेंद्र मोदी सरकार ने इन उद्देश्यों को पूरा करने का अथक प्रयास किया है। अनुराग ठाकुर ने कहाकि सरकार बनाने केबाद शुरुआत मेही प्रधानमंत्री ने दलितों, समाज के उत्पीड़ित और वंचित वर्गों केलिए समर्पित रहने की घोषणा की थी, तभीसे सरकार के कार्यों और नीतियों ने अंत्योदय के अनुरूप कार्य किया है, चाहे मेक इन इंडिया हो या उत्‍पादन से जुड़ी प्रोत्‍साहन योजना, ये डॉ अम्बेडकर की कल्पना के अनुरूप आधुनिक भारत बनाने की दिशामें सरकार की ओरसे की गई पहले हैं। अनुराग ठाकुर ने कहाकि बाबासाहेब का जीवन मंत्र 'बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय' हमेशा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास मॉडल के मूल में रहा है। उन्होंने कहाकि देशमें शिक्षा क्षेत्रमें आईआईटी, आईआईएम, आईआईआईटी और अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों की संख्या में वृद्धि हुई है, बाबासाहेब की दूरदृष्टि और उन्‍हींके समान अपने विश्वासों से प्रेरित होकर प्रधानमंत्री ने प्राथमिक, उच्च और चिकित्सा शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए शिक्षा क्षेत्रमें तीव्रगति से बदलाव लाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है। आठ वर्ष में 208 से अधिक मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं और मेडिकल सीटों की संख्या 78 हजार से बढ़ाकर 1 लाख से अधिक कर दी गई है, जो एक उल्‍लेखनीय उपलब्धि है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहाकि हम देशमें डॉक्टरों की संख्या और अच्छी चिकित्सा सुविधाओं तक निर्धनतम लोगों की पहुंच के अंतर को पाटने केलिए भी काम कर रहे हैं। उन्होंने देशके बुनियादी ढांचे में हुए सुधार को रेखांकित करते हुए कहाकि देशके सुदूर कोने-कोने तक बिजली पहुंचाई जा चुकी है, 45 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले गए हैं, संकट के समय महिलाओं के खातों में 31 हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि हस्‍तांतरित की गई है। उन्‍होंने कहाकि ये कार्य इस सरकार की पहचान कराते हैं कि जहां एकओर भीम ने मजबूत डिजिटल भुगतान प्रणाली की मिसाल कायम की है, वहीं दूसरी ओर हमने 11 करोड़ से अधिक शौचालयों और 3 करोड़ से अधिक मकानों का निर्माण किया है। अनुराग ठाकुर ने महिलाओं पर केंद्रित विकास की अद्भुत परिकल्‍पना का इस सरकार के मुख्य स्तंभों मेसे एकके रूपमें उल्‍लेख किया और कहाकि सरकार ने यह सुनिश्चित किया हैकि उज्ज्वला योजना केतहत 12 करोड़ महिलाओं को गैस सिलेंडर मिले और मातृत्व अवकाश को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्‍ताह कर दिया गया है। पिछड़े समुदायों केलिए लाभों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहाकि मुद्रा योजना ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े समुदाय के 34 करोड़ सदस्यों को गारंटी के बिना 18 लाख करोड़ रुपये के ऋण प्रदान करने में मदद की है।
सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहाकि अनुसूचित जाति के युवाओं के उत्थान केलिए डॉ भीमराव अम्बेडकर की परिकल्‍पना पर आधारित अम्बेडकर सोशल इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन मिशन-2020 में शुरू किया गया था, पीएम दक्ष योजना ने 2.27 लाख युवाओं को कुशल जनशक्ति से जोड़ने केलिए प्रशिक्षित किया है। कर्मचारी राज्य बीमा मजदूरी सीमा, जो 2014 से पहले केवल 15,000 रुपये थी, उसे बढ़ाकर 21,000 रुपये कर दिया गया है। अनुराग ठाकुर ने कहाकि बाबासाहेब के सम्मान में नरेंद्र मोदी सरकार ने पंचतीर्थ का गठन किया और संसद में बाबासाहेब का चित्र भी लगवाया। न्यायमूर्ति केजी बालकृष्ण और अनुराग ठाकुर ने तीन दिवसीय डिजिटल इंटरएक्टिव मल्टीमीडिया प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया, जिसमें केंद्रीय संचार ब्यूरो ने आजादी के अमृत महोत्सव पर डॉ बीआर अम्बेडकर के जीवन, शिक्षाओं और योगदान पर ध्यान केंद्रित किया है। प्रदर्शनी डॉ अम्बेडकर के आदर्शों और सरकार की विकासात्मक पहलों केबारे में जागरुकता पैदा करते हुए आगंतुकों को लंबा अनुभव प्रदान करती है। प्रदर्शनी में होलोक्यूब, डिजिटल इंटरएक्टिव पज़ल्स, आरएफआईडी आधारित डिजिटल इंटरएक्टिव डिस्प्ले, इंटरेक्टिव टच वॉल और फ्लिप बुक्स का प्रदर्शन शामिल हैं।
अम्बेडकर एंड मोदी पुस्तक को ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन ने बड़ी सूझबूझ और विद्वता केसाथ संकलित किया है। ये फाउंडेशन उन अग्रणी संगठनों मेसे एक है, जो भारतीय प्रतिभाओं को अवसर देता है और सामाजिक कल्याण केलिए विशिष्ट विचारों को कार्यांवित एवं जागरुकता पैदा करके भारतीय समाज को सशक्त बनाने का काम करता है। किताब में प्रस्तावना राज्यसभा सांसद इलैयाराजा (मशहूर संगीतकार और गीतकार) ने लिखी है। ये प्रस्तावना ज्ञान के उस विशाल सागर को लेकर एक बेशकीमती अंतर्दृष्टि प्रदान करती है, जिसे बाबासाहेब के कार्यों में पाया जा सकता है और ठीक उसी समय इसमें भारत की प्रगति को सुनिश्चित करने केलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किए गए सुधारों पर भी बात की गई है, जो बाबासाहेब के विजन अनुरूप हैं। ये किताब बाबासाहेब के विचारों और कार्यों पर किए जानेवाले निरंतर शोध में एक महत्वपूर्ण संकलन का काम करती है, ये देश के नीतिगत परिदृश्य मेभी एक महत्वपूर्ण योगदान साबित होगी। ये एक स्वतंत्र राष्ट्रके रूपमें भारत की यात्रा में मील के पत्थर के रूपमें कार्य करती है और विश्लेषण करती हैकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी व शानदार नेतृत्व में डॉ अम्बेडकर जैसे व्यक्तित्वों का विज़न आखिरकार साकार हो रहा है। पुस्तक विद्वानों के दृष्टिकोण से डॉ अम्बेडकर के जीवन, कार्यों, उपलब्धियों में गहराई से झांकती है और उनके आदर्शों एवं नए भारत की विकास यात्रा केबीच एक निर्विवाद मेल को प्रस्तुत करती है।

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