स्वतंत्र आवाज़
word map

रेलवे राजस्व अनुबंधों केलिए ई-नीलामी

रेलवे की कमाई बढ़ाने और कारोबार सुगमता के प्रयास

रेलमंत्री ने किया रेलवे ई-नीलामी मॉड्यूल का शुभारंभ

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 25 June 2022 04:04:18 PM

railway minister launches e-auction module of railways

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने स्क्रैप बिक्री की प्रचलित ई-नीलामी के अनुरूप भारतीय रेलवे ई-प्रोक्योरमेंट सिस्टम के माध्यम से वाणिज्यिक आय और गैर-किराया राजस्व अनुबंधों को इलेक्ट्रॉनिक नीलामी के दायरे में लाने केलिए कदम उठाए हैं। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेल भवन में वाणिज्यिक आय, गैर-किराया राजस्व अनुबंधों केलिए ई-नीलामी का शुभारंभ किया और इससे न केवल रेलवे की कमाई बढ़ेगी, बल्कि कारोबार सुगमता केलिए सरकार के प्रयासों को भी बल मिलेगा। अश्विनी वैष्णव ने कहाकि यह नीति प्रौद्योगिकी के उपयोग से आम आदमी के अनुभव को बदलने केलिए प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुरूप है। उन्होंने कहाकि इस नीति केसाथ निविदा की कठिन प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा, साथही यह युवाओं को ई-नीलामी प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर प्रदान करेगी, यह नीति जीवन की सुगमता को बढ़ाती है, पारदर्शिता को बढ़ावा देती है और रेलवे में डिजिटल इंडिया की पहल को शामिल करती है।
रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बतायाकि पार्सल वैन, पे एंड यूज टॉयलेट, स्टेशन सर्कुलेटिंग एरिया और कोचों पर विज्ञापन संबंधी अधिकार, एसी वेटिंग रूम, क्लॉक रूम, पार्किंग लॉट, प्लास्टिक बॉटल क्रशर, एटीएम, स्टेशन को-ब्रांडिंग, मांग पर आधारित कंटेंट केलिए वीडियो स्क्रीन आदि परिसंपत्तियों को पोर्टल में स्थान अनुसार मैप किया जाएगा और सिस्टम हमेशा ख्याल रखेगाकि यह कमाई केलिए शामिल किया गया है या नहीं। उन्होंने कहाकि इससे रियल टाइम आधार पर परिसंपत्तियों की निगरानी में सुधार होगा और परिसंपत्ति संबंधी व्यर्थता में कम होगी। रेलमंत्री ने कहाकि वर्तमान ई-निविदा में भाग लेने केलिए संबंधित फील्ड यूनिट केसाथ भौतिक रूपसे पंजीकरण की आवश्यकता होती है, इससे शेष भारत के संभावित बोलीदाताओं केलिए प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल हो जाता है, निविदा समिति के सदस्यों की वास्तविक बैठक की आवश्यकता के कारण इसे अंतिम रूप देने में समय लगता है। उन्होंने बतायाकि ई-नीलामी पोर्टल से भारत में कहींभी स्थित बोलीदाता केवल एकबार पंजीकरण करके भारतीय रेलवे की किसी भी फील्ड यूनिट की नीलामी में भाग ले सकता है।
अश्विनी वैष्णव ने बतायाकि इलेक्ट्रॉनिक रूपसे बयाना राशि जमा करने केबाद किसी परिसंपत्ति के प्रबंधन अधिकारों केलिए दूरस्थ रूपसे बोली लगाई जा सकती है, सफल बोलीदाता बहुत कम समय में ऑनलाइन और ई-मेल से स्वीकृति प्राप्त करने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहाकि वित्तीय कारोबार की आवश्यकता को छोड़कर सभी पात्रता संबंधी मानदंड हटा दिए गए हैं, वित्तीय आवश्यकता को काफी हद तक नरम कर दिया गया है, 40 लाख रुपये तक के वार्षिक अनुबंधों केलिए कोई वित्तीय कारोबार की आवश्यकता नहीं है। रेलमंत्री ने कहाकि 9 जोन के 11 डिवीजन में पायलट लॉंच किया गया था, इस दौरान 128 करोड़ रुपये के कुल मूल्य के कुल 80 अनुबंधों को अंतिम रूप दिया गया था। नई प्रणाली की मुख्य विशेषताओं में है-नीलामी आईआरईपीएस के 'ई-नीलामी लीजिंग' मॉड्यूल www.ireps.gov.in से ऑनलाइन आयोजित की जाएगी। रेलवे बोर्ड के जारी ई-नीलामी और नीलामी की मानक शर्तों केलिए नीति, इससे पहले चल रही मंडल के अनुसार ठेकेदारों के व्यक्तिगत पंजीकरण की प्रणाली को समाप्त कर दिया गया है, केवल वित्तीय मानदंड-ठेकेदारों द्वारा पिछले टर्नओवर की स्वत: घोषणा के आधार पर।
वित्तीय कारोबार मानदंड को युक्तिसंगत और मानकीकृत किया गया-40 लाख रुपये तक के वार्षिक अनुबंध अनुमान तक किसी टर्नओवर की आवश्यकता नहीं है। ठेकेदारों का एकमुश्त ऑनलाइन स्वत: पंजीकरण। किसी भी प्रभाग की किसी नीलामी में भाग लेने केलिए कोई भौगोलिक प्रतिबंध नहीं। बेहतर निगरानी और पहले से अनुबंध जारी करने को सुनिश्चित करने केलिए सभी परिसंपत्तियों को सिस्टम में फीड किया जाएगा, इससे परिसंपत्ति संबंधी व्यर्थता को कम किया जा सकेगा। परिसंपत्ति के सभी विवरणों केसाथ नीलामी सूची आईआरईपीएस पोर्टल पर न्यूनतम 15 दिन पहले ऑनलाइन प्रकाशित की जाएगी। नीलामी में बोलीदाता भारत में कहीं से भी इसमें भाग ले सकेंगे, नीलामी केलिए न्यूनतम 30 मिनट का समय दिया जाएगा, ताकि सभी इच्छुक ठेकेदार अपनी बोलियां जमा कर सकें, किसीभी कैटलॉग में लगातार लॉट की नीलामी 10 मिनट के अंतराल के बाद बंद कर दी जाएगी। यदि नीलामी बंद होने के समय के अंतिम 2 मिनट के भीतर कोई बोली प्राप्त होती है तो लॉट के समापन समय को स्वचालित रूपसे 2 मिनट केलिए बढ़ा दिया जाएगा। सभी बोलीदाताओं को अपनी बोलियां जमा करने केलिए पर्याप्त समय सुनिश्चित करने केलिए 10 ऐसे स्वत: विस्तार की अनुमति दी जाएगी।
लॉट के आरक्षित मूल्य का खुलासा नहीं किया जाएगा और बोलीदाता अपने आकलन के अनुसार परिसंपत्ति की वास्तविक वाणिज्यिक क्षमता के अनुसार कोई भी बोली लगाने केलिए स्वतंत्र होंगे, बोलियां स्वतः तय होंगी, यदि उच्चतम बोली (एच 1) आरक्षित मूल्य के बराबर या उससे अधिक है तो नीलामी बंद होने केबाद उसी दिन अनुबंध को अंतिम रूप दिया जाएगा। बिड शीट और अनुबंध समझौते पर डिजिटल रूपसे हस्ताक्षर किए जाएंगे, अनुबंध केलिए भुगतान अनुसूची तुरंत तैयार की जाएगी, ठेकेदार द्वारा सभी भुगतान ऑनलाइन किए जाएंगे, पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन और कागजरहित होगी। ऑनलाइन माध्यम देशभर के दूर-दराज के संभावित बोलीदाताओं को बोली प्रक्रिया में भाग लेने केलिए सक्षम बनाता है। ठेका देने केबाद रेलवे को ऑनलाइन भुगतान, अभीतक पार्सल लीजिंग अनुबंध में दैनिक मैन्युअल भुगतान का प्रावधान है, जो एक थकाऊ प्रक्रिया है, अब इसे ऑनलाइन कर दिया गया है। मानचित्रण केबाद जब किसी विशेष परिसंपत्ति की आय संबंधी अनुबंध पूरा होने वाला होता है तो पोर्टल संकेत देता है और नई नीलामी शुरू करने केलिए बाध्य करता है, इस प्रकार परिसंपत्ति का निष्क्रिय समय कम हो जाता है। अखिल भारतीय पात्रता संबंधी शर्तों का मानकीकरण।
रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहाकि प्रक्रियाओं का सरलीकरण निविदाओं को अंतिम रूप देने में लगने वाले समय को काफी कम कर देता है और इस कारण राजस्व हानि को रोकेगा। उन्होंने कहाकि किसी भी ठेकेदार की विफलता के मामले में अनुबंध को किसी अन्य को तुरंत प्रदान किया जाएगा, बोलीदाताओं केबीच कार्टेल को तोड़ता है, बोलीदाताओं की पहचान एक-दूसरे से और भारतीय रेल से छिपाई जाएगी। उन्होंने कहाकि बोलीदाताओं केबीच उच्च प्रतिस्पर्धा के कारण परिसंपत्ति की वास्तविक वाणिज्यिक क्षमता प्राप्त करके राजस्व आय में वृद्धि होगी, परिसंपत्तियों की निष्क्रियता में कमी आयेगी, जिसके परिणामस्वरूप परिसंपत्तियों की क्षमता का अधिकतम उपयोग होगा और पात्रता संबंधी मानदंड केलिए 40 लाख रुपये तक की कोई सीमा ना होने से स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने में मदद करेगा।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]